क्षयरोग मुक्त 42 ग्राम पंचायतों को सम्मानित किया गया
"जन जागरूकता, निदान और उपचार ही क्षयरोग मुक्ति की त्रिसूत्री हैं": जिलाधिकारी दिलीप स्वामी

छत्रपति संभाजीनगर, 19 जिमाका - जिलाधिकारी दिलीप स्वामी ने कहा कि क्षयरोग मुक्ति के लिए जन जागरूकता, जल्दी निदान और पूर्ण उपचार ही तीन महत्वपूर्ण कारक हैं। इन कारकों को रोगी, उसके परिवार और चिकित्सा दल सभी को अपनाना चाहिए। उन्होंने कहा कि इसी के माध्यम से हम अपने जिले से क्षयरोग को खत्म कर सकते हैं।
आज जिलाधिकारी कार्यालय के नियोजन सभागृह में जिले की 42 ग्राम पंचायतों को क्षयरोग मुक्त घोषित करने और उन्हें सम्मानित करने का कार्यक्रम आयोजित किया गया। जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी विकास मीना, जिला क्षयरोग अधिकारी डॉ. गणेश कल्याणकर, विश्व स्वास्थ्य संगठन के क्षेत्रीय समन्वयक डॉ. कौस्तुभ दासगुप्ता, चिकित्सा अधिकारी डॉ. पंडीत राठोड आदि इस अवसर पर उपस्थित थे।
केंद्र सरकार ने क्षयरोग मुक्त भारत अभियान के तहत जिले में क्षयरोग मुक्त होने के लिए कई मानदंड निर्धारित किए हैं। वर्ष 2023 में जिले की 42 ग्राम पंचायतों ने सभी मानदंड पूरे किए। इनमें मुख्य रूप से सफल उपचार, नियमित दवा सेवन और निक्षय पोषण योजना के तहत प्रत्येक रोगी को प्रति माह 500 रुपये का 100% वितरण, रोगी को गोद लेकर उसे पौष्टिक आहार किट वितरण आदि शामिल हैं। इन मानदंडों पर काम करके इन 42 ग्राम पंचायतों ने अपने क्षेत्र को क्षयरोग मुक्त बनाने का काम किया है।
जिलाधिकारी स्वामी ने ग्राम पंचायतों के कार्यों की सराहना करते हुए कहा कि अब उन्हें इसी तरह का काम जारी रखना चाहिए और जिले को क्षयरोग मुक्त बनाने का लक्ष्य रखना चाहिए।
जिला क्षयरोग अधिकारी डॉ. गणेश कल्याणकर ने बताया कि जनवरी 2024 से जिले में महानगरपालिका क्षेत्र में 2523 और ग्रामीण क्षेत्र में 1298 क्षयरोगी पाए गए हैं और वे सभी नियमित उपचार के दायरे में हैं।
कार्यक्रम का संचालन दीपा ढगे ने किया और डॉ. पंडीत राठोड ने धन्यवाद दिया।