मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे को मिला विश्व कृषि पुरस्कार

महाराष्ट्र के सतत कृषि प्रयासों को मिला विश्व स्तर पर सम्मान - राज्यपाल सी.पी. राधाकृष्णन
महाराष्ट्र को कृषि क्षेत्र में नंबर एक राज्य बनाएंगे - मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे
मुंबई, दि.20: विश्व कृषि पुरस्कार से महाराष्ट्र के सतत कृषि प्रयासों पर विश्व का मुहर लग गया है। राज्यपाल सी. पी. राधाकृष्णन ने मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे को प्रदान किए गए विश्व कृषि पुरस्कार के बारे में कहा कि इस पुरस्कार से यह सिद्ध हो गया है कि महाराष्ट्र ने हमेशा भारत के कृषि क्षेत्र में प्रयोगशीलता दिखाई है।
पर्यावरण संरक्षण, सतत विकास और हरित महाराष्ट्र के लिए मुख्यमंत्री शिंदे के कार्यों को देखते हुए, ‘वर्ल्ड एग्रीकल्चर फोरम’ ने उन्हें विश्व कृषि पुरस्कार से सम्मानित किया। यह फोरम का दूसरा पुरस्कार है और इसे राज्यपाल सी. पी. राधाकृष्णन ने मुख्यमंत्री शिंदे को प्रदान किया। विश्व बांस दिवस के अवसर पर इस समारोह का आयोजन किया गया। एनसीपीए के सभागृह में हुए इस समारोह में महाराष्ट्र कृषि मूल्य आयोग के अध्यक्ष पाशा पटेल, ‘वर्ल्ड एग्रीकल्चर फोरम’ के अध्यक्ष डॉ. रुडी रॅबिंगे, फोरम के एशिया प्रांत के उपाध्यक्ष डॉ. विलियम्स दार, अफ्रीका प्रांत के उपाध्यक्ष प्रो. लिंदवे सिंबादा, अमेरिका प्रांत के उपाध्यक्ष डॉ. केनिथ क्वीन्, फोरम के भारत में निदेशक तथा इंडियन चैंबर ऑफ फूड एग्रीकल्चर के अध्यक्ष डॉ एमजे खान, महाराष्ट्र प्रदूषण नियंत्रण मंडल के अध्यक्ष सिद्धेश कदम, पर्यावरण और वातावरणीय परिवर्तन विभाग के प्रधान सचिव प्रवीण दराडे उपस्थित थे।
मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने कहा कि वर्ल्ड एग्रीकल्चर फोरम का विश्व कृषि पुरस्कार महाराष्ट्र के किसानों को समर्पित है। वे महाराष्ट्र को कृषि क्षेत्र में नंबर एक राज्य बनाना चाहते हैं।
राज्यपाल ने कहा कि राज्य के कृषि विश्वविद्यालयों में कृषि क्षेत्र से जुड़े नए-नए तकनीकों पर शोध किया जा रहा है। इन नई तकनीकों के माध्यम से किसानों के जीवन में खुशहाली और आर्थिक समृद्धि ला रहे हैं। मुख्यमंत्री को मिला यह पुरस्कार महाराष्ट्र के कृषि क्षेत्र की सफलता और सतत कृषि में किए गए प्रयोगों और प्रयासों को विश्व स्तर पर प्रदर्शित करता है। यह पुरस्कार केवल मुख्यमंत्री श्री शिंदे के दूरदर्शी नेतृत्व का ही नहीं, बल्कि महाराष्ट्र के कृषि नवाचार और पर्यावरणीय सततता में किए गए विश्व स्तरीय योगदान का सम्मान है। महाराष्ट्र ने भारत के कृषि क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण स्थान बनाए रखा है। हमारे किसान, हमारी खाद्य सुरक्षा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं और उनकी लगन और मेहनत से देश का आधार मजबूत हुआ है।
राज्यपाल ने कहा कि सूखा, पानी की कमी, बाढ़ और जलवायु परिवर्तन जैसी कई चुनौतियों के बाद भी महाराष्ट्र ने अपनी ताकत और अनुकूलन क्षमता दिखाई है। हमने किसानों को उन्नत बीज, खाद और आधुनिक कृषि उपकरणों से लैस किया है, साथ ही माइक्रो इरिगेशन जैसी नवीन विधियों का प्रशिक्षण दिया है। कृषि विश्वविद्यालयों के साथ सहयोग से अत्याधुनिक शोध का प्रत्यक्ष उपयोग में रूपांतरण हुआ है जिससे उत्पादन में वृद्धि हुई है।
मुख्यमंत्री श्री शिंदे ने कहा कि आज के पर्यावरण परिवर्तन और तापमान वृद्धि के दौर में पर्यावरण संरक्षण और कृषि का संतुलन बनाए रखना समय की मांग है। राज्य के किसानों की ओर से आज का यह पुरस्कार स्वीकार करते हुए, उन्होंने इसे राज्य के सभी किसानों को समर्पित किया। आज के समय में खाद्य सुरक्षा बहुत महत्वपूर्ण है। लोगों का पेट भरने का महत्वपूर्ण काम किसान करता है। इसलिए उन्हें अन्नदाता कहा जाता है। किसान और कृषि महत्वपूर्ण हैं। जलवायु परिवर्तन और तापमान वृद्धि का सबसे अधिक प्रभाव किसानों पर पड़ता है। इसलिए तापमान वृद्धि को कम करना जरूरी है और इसके लिए राज्य सरकार ने पर्यावरण कार्य समिति का गठन किया है। राज्य में 21 लाख हेक्टेयर बांस लगाने का लक्ष्य रखा गया है। बाढ़, अतिवृष्टि, सूखा जैसे प्राकृतिक आपदाओं का सामना किसानों को करना पड़ता है। किसान नए बदलावों को भी स्वीकार कर रहा है। सरकार किसानों के साथ खड़ी है। किसानों के कल्याण और कृषि विकास के लिए कई कल्याणकारी योजनाएं लागू की जा रही हैं। सिंचाई के 125 प्रकल्पों को मंजूरी दी गई है और किसानों के जीवन में खुशहाली लाना सरकार का लक्ष्य है।
मुख्यमंत्री श्री शिंदे ने कहा कि महाराष्ट्र देश के विकास का ग्रोथ इंजन है। देश के जीडीपी में राज्य का बड़ा योगदान है। रोजगार, प्रत्यक्ष विदेशी निवेश, विकास में राज्य देश में अग्रणी है। कृषि विकास में भी राज्य अग्रणी है। किसानों के लिए कई कल्याणकारी योजनाएं लागू की जा रही हैं। 1 रुपये में फसल बीमा देने वाला ‘महाराष्ट्र’ देश का पहला राज्य है। नमो किसान सम्मान योजना में केंद्र सरकार के 6 हजार रुपये के अलावा राज्य सरकार 6 हजार रुपये देती है, इस तरह किसानों को सालाना 12 हजार रुपये मिल रहे हैं। अगले दो वर्षों में 5 लाख सौर कृषि पंप देने का लक्ष्य है। साथ ही 17 लाख हेक्टेयर भूमि को सिंचाई के दायरे में लाने का लक्ष्य है। किसानों को चौबीस घंटे बिजली आपूर्ति के लिए प्रयास किए जा रहे हैं। किसानों को प्राकृतिक आपदा में दी जाने वाली सहायता में भारी वृद्धि की गई है। एनडीआरएफ के मानदंडों से दोगुनी सहायता दी जाती है। 2 हेक्टेयर की सीमा को बढ़ाकर 3 हेक्टेयर कर दिया गया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश की अर्थव्यवस्था को 5 ट्रिलियन डॉलर करने का लक्ष्य रखा है और इसमें महाराष्ट्र 1 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाकर महत्वपूर्ण योगदान देगा। पर्यावरण संरक्षण, विकास और कृषि का सतत विकास के लिए सभी के सहयोग की आवश्यकता है। इसमें उद्योग और अन्य क्षेत्रों के साथ-साथ कृषि और किसानों का भी महत्वपूर्ण योगदान रहेगा।
वर्ल्ड एग्रीकल्चर फोरम के उपाध्यक्ष विलियम दार ने प्रस्तावना में पुरस्कार के स्वरूप और चयन प्रक्रिया के बारे में जानकारी दी। आभार प्रदर्शन जागतिक कृषि परिषद के राष्ट्रीय निदेशक एम.जे.खान ने किया।