CEC's Ultimatum to Rahul Gandhi: Apologize or Prove "Vote Theft"

मुख्य चुनाव आयुक्त (CEC) ने राहुल गांधी को 'वोट चोरी' के आरोपों पर 7 दिनों के भीतर सबूत पेश करने या सार्वजनिक रूप से माफी मांगने का अल्टीमेटम दिया है। CEC ने इन आरोपों को निराधार बताया है। यह लेख CEC द्वारा राहुल गांधी को दिए गए अल्टीमेटम और 'वोट चोरी' के आरोपों पर आधारित है। (The Chief Election Commissioner (CEC) has given Rahul Gandhi an ultimatum to either present proof of his 'vote theft' allegations within 7 days or apologize publicly. The CEC has called these allegations baseless. This article is based on the CEC's ultimatum to Rahul Gandhi and the 'vote theft' allegations.)मुख्य चुनाव आयुक्त (CEC) ने राहुल गांधी को 'वोट चोरी' के आरोपों पर 7 दिनों के भीतर सबूत पेश करने या सार्वजनिक रूप से माफी मांगने का अल्टीमेटम दिया है। CEC ने इन आरोपों को निराधार बताया है। यह लेख CEC द्वारा राहुल गांधी को दिए गए अल्टीमेटम और 'वोट चोरी' के आरोपों पर आधारित है। (The Chief Election Commissioner (CEC) has given Rahul Gandhi an ultimatum to either present proof of his 'vote theft' allegations within 7 days or apologize publicly. The CEC has called these allegations baseless. This article is based on the CEC's ultimatum to Rahul Gandhi and the 'vote theft' allegations.)

Aug 18, 2025 - 19:24
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CEC's Ultimatum to Rahul Gandhi: Apologize or Prove "Vote Theft"
राहुल गांधी को CEC का अल्टीमेटम: 'वोट चोरी' के आरोपों पर सबूत दो या माफी मांगो

राहुल गांधी को CEC का अल्टीमेटम: 'वोट चोरी' के आरोपों पर सबूत दो या माफी मांगो

मुख्य चुनाव आयुक्त (CEC) ज्ञानेश कुमार ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी द्वारा लगाए गए "वोट चोरी" और मतदाता सूची में हेरफेर के आरोपों को खारिज कर दिया है। उन्होंने राहुल गांधी को एक कड़ा संदेश दिया है: या तो सात दिनों के भीतर एक हलफनामा (affidavit) दाखिल कर अपने दावों का सबूत दें, या सार्वजनिक रूप से माफी मांगें।

CEC ने दिल्ली में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान इन आरोपों को "निराधार और भ्रामक" बताया। उन्होंने कहा कि चुनाव प्रक्रिया पूरी तरह से पारदर्शी है और सभी राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों ने इस पर अपनी सहमति व्यक्त की है।

ज्ञानेश कुमार ने जोर देकर कहा कि बार-बार झूठ दोहराने से वह सच नहीं हो जाता और झूठे आरोपों से मतदाताओं को गुमराह करना संविधान के खिलाफ है। उन्होंने कहा कि "मतदाता सूचियों में त्रुटियाँ हो सकती हैं, लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि कोई मतदाता दो बार मतदान कर सकता है।"

चुनाव आयोग ने बताया कि राहुल गांधी द्वारा लगाए गए आरोप गंभीर प्रकृति के हैं, क्योंकि वे पूरी चुनावी प्रक्रिया पर सवाल उठाते हैं। इस वजह से, आयोग ने एक शपथ पत्र की मांग की है, ताकि इन दावों की गंभीरता को सत्यापित किया जा सके।

यह अल्टीमेटम उस समय आया है जब कांग्रेस और भाजपा के बीच 'मतदाता सूची' को लेकर विवाद गहराया हुआ है। चुनाव आयोग ने स्पष्ट किया कि मतदाता सूची में त्रुटियां हो सकती हैं, लेकिन वे चुनाव प्रक्रिया की पवित्रता को प्रभावित नहीं करती हैं। उन्होंने बताया कि हर मतदाता केवल एक वोट डाल सकता है।

CEC ने आगे कहा कि "लोकतंत्र में, विश्वास और पारदर्शिता सबसे महत्वपूर्ण है। हम किसी भी राजनीतिक दल के नेता द्वारा लगाए गए निराधार आरोपों को बर्दाश्त नहीं करेंगे।"

यह घटनाक्रम भारतीय राजनीति में एक नया मोड़ है, जहां चुनाव आयोग ने सीधे तौर पर एक प्रमुख विपक्षी नेता को चुनौती दी है। आयोग का यह कदम यह दर्शाता है कि वे अपनी संस्था की विश्वसनीयता और स्वतंत्रता को बनाए रखने के लिए गंभीर हैं।