सीबीएसई का नया कदम: करियर गाइडेंस डैशबोर्ड और काउंसलिंग हब | CBSE Career Dashboard

सीबीएसई ने छात्रों के लिए एक नया करियर गाइडेंस डैशबोर्ड और काउंसलिंग हब लॉन्च किया है। यह पहल छात्रों, शिक्षकों और अभिभावकों को सशक्त बनाएगी, उन्हें सही करियर चुनने और मानसिक स्वास्थ्य का ध्यान रखने में मदद करेगी। जानें कैसे यह प्लेटफॉर्म भारत में शिक्षा के भविष्य को बदल सकता है।

Aug 7, 2025 - 23:31
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सीबीएसई का नया कदम: करियर गाइडेंस डैशबोर्ड और काउंसलिंग हब | CBSE Career Dashboard

आज के प्रतिस्पर्धी दौर में, छात्रों के लिए सही करियर का चुनाव करना किसी चुनौती से कम नहीं है। अकसर वे जानकारी की कमी और सामाजिक दबाव के कारण गलत निर्णय ले लेते हैं, जिसका असर उनके पूरे जीवन पर पड़ता है। इसी समस्या को हल करने के लिए, केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) ने शैक्षणिक सत्र 2025-26 के लिए एक महत्वपूर्ण और दूरदर्शी पहल की है। बोर्ड ने करियर गाइडेंस डैशबोर्ड (Career Guidance Dashboard) और काउंसलिंग हब एंड स्पोक स्कूल मॉडल (Counseling Hub and Spoke School Model) नामक दो नए कार्यक्रम शुरू किए हैं। ये दोनों पहल छात्रों, शिक्षकों और स्कूल प्रशासन के लिए एक एकीकृत और व्यापक सहायता प्रणाली प्रदान करने के उद्देश्य से शुरू की गई हैं। इनका लक्ष्य सिर्फ छात्रों को करियर की राह दिखाना नहीं है, बल्कि उनके मानसिक और भावनात्मक स्वास्थ्य का भी ध्यान रखना है, जो कि आज की दुनिया में बेहद जरूरी है। यह कदम भारत की शिक्षा प्रणाली को और अधिक प्रगतिशील और छात्र-केंद्रित बनाने की दिशा में एक बड़ा प्रयास है

करियर गाइडेंस डैशबोर्ड: एक छात्र के लिए क्या है खास?

करियर गाइडेंस डैशबोर्ड एक डिजिटल प्लेटफॉर्म है जो छात्रों को उनकी रुचियों, क्षमताओं और शैक्षणिक प्रदर्शन के आधार पर करियर के विकल्पों को समझने में मदद करेगा। यह डैशबोर्ड छात्रों के लिए एक खजाने की तरह है, जहाँ उन्हें हर तरह की जानकारी एक ही जगह पर मिलेगी।

इस डैशबोर्ड की मुख्य विशेषताएँ इस प्रकार हैं:

  1. कस्टमाइज्ड करियर जानकारी: डैशबोर्ड में विभिन्न करियर, कोर्सेज, कॉलेजों और विश्वविद्यालयों के बारे में विस्तृत और अपडेटेड जानकारी उपलब्ध होगी। छात्र अपनी पसंद के विषयों के आधार पर करियर विकल्प खोज सकेंगे।

  2. पर्सनलाइज्ड एक्सप्लोरेशन टूल्स: इसमें ऐसे उपकरण हैं जो छात्रों को उनकी रुचियों और व्यक्तित्व को समझने में मदद करेंगे। ये उपकरण छात्रों को यह जानने में मदद करेंगे कि उनके लिए कौन सा करियर सबसे उपयुक्त है, न कि सिर्फ उन्हें क्या करना चाहिए।

  3. विशेषज्ञों तक पहुँच: छात्रों को विशेषज्ञों, काउंसलरों और सलाहकारों से सीधे जुड़ने का मौका मिलेगा, जिससे वे अपने सवालों के जवाब पा सकेंगे और अपनी दुविधाओं को दूर कर सकेंगे।

यह डैशबोर्ड छात्रों को 9वीं कक्षा से ही अपने भविष्य के बारे में सोचने और योजना बनाने के लिए प्रेरित करेगा। यह उन्हें 12वीं कक्षा के बाद ही नहीं, बल्कि स्कूल के शुरुआती सालों से ही सही दिशा में मार्गदर्शन देगा।

 

काउंसलिंग हब एंड स्पोक स्कूल मॉडल: मानसिक स्वास्थ्य की नई दिशा

आज की तेज़-तर्रार दुनिया में, छात्रों पर शैक्षणिक दबाव के साथ-साथ मानसिक और भावनात्मक दबाव भी बढ़ रहा है। इसी समस्या को देखते हुए सीबीएसई ने काउंसलिंग हब एंड स्पोक स्कूल मॉडल की शुरुआत की है। इस मॉडल का उद्देश्य स्कूलों में एक मजबूत सपोर्ट सिस्टम बनाना है।

यह मॉडल कैसे काम करेगा:

  • हब स्कूल: कुछ बड़े और संसाधन-संपन्न स्कूलों को 'हब स्कूल' के रूप में नामित किया जाएगा। इन स्कूलों में योग्य काउंसलर और मानसिक स्वास्थ्य विशेषज्ञ होंगे।

  • स्पोक स्कूल: आसपास के छोटे स्कूलों को 'स्पोक स्कूल' के रूप में हब स्कूल से जोड़ा जाएगा।

  • सहयोग और समर्थन: स्पोक स्कूलों के छात्र और शिक्षक हब स्कूलों के विशेषज्ञों से परामर्श ले सकेंगे। इससे छोटे स्कूलों में भी छात्रों को मानसिक और भावनात्मक समर्थन मिलेगा, जहाँ शायद इतने संसाधन उपलब्ध न हों।

इस मॉडल के माध्यम से, सीबीएसई का लक्ष्य यह सुनिश्चित करना है कि कोई भी छात्र अकेलेपन, तनाव या मानसिक स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं से न जूझे। यह पहल सिर्फ करियर की बात नहीं करती, बल्कि यह एक स्वस्थ और खुशहाल छात्र समुदाय बनाने की दिशा में भी एक कदम है।

 

अभिभावकों और शिक्षकों की भूमिका

यह पहल सिर्फ छात्रों के लिए नहीं, बल्कि अभिभावकों और शिक्षकों के लिए भी एक महत्वपूर्ण संसाधन है।

  • अभिभावकों के लिए: माता-पिता अब अपने बच्चों के लिए उपलब्ध करियर विकल्पों को बेहतर ढंग से समझ पाएंगे। वे डैशबोर्ड पर दी गई जानकारी का उपयोग करके अपने बच्चों के साथ सही करियर के बारे में चर्चा कर सकेंगे, जिससे उन्हें गलत निर्णय लेने से रोका जा सकेगा।

  • शिक्षकों के लिए: शिक्षक अब सिर्फ पढ़ाने तक सीमित नहीं रहेंगे, बल्कि वे छात्रों के करियर और मानसिक स्वास्थ्य में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे। डैशबोर्ड और हब मॉडल उन्हें आवश्यक जानकारी और संसाधन प्रदान करेगा ताकि वे छात्रों को प्रभावी ढंग से मार्गदर्शन कर सकें।

यह पहल माता-पिता, शिक्षक और छात्र के बीच एक मजबूत त्रिकोणीय संबंध बनाएगी, जिससे शिक्षा का माहौल और भी बेहतर होगा।