संसद के मानसून सत्र में 8 नए विधेयक होंगे पेश, जानें अहम एजेंडा

संसद का मानसून सत्र 21 जुलाई से शुरू हो रहा है, जिसमें सरकार 8 नए विधेयक पेश करेगी। इसमें खेल, खनन, कर सुधार और भू-विरासत जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों से जुड़े विधेयक शामिल हैं, जिनके साथ विपक्ष की ओर से तीखी बहस की उम्मीद है। (Monsoon Session of Parliament begins July 21, with 8 new bills on the agenda. Key legislation on sports, mining, tax reform, and geo-heritage are expected, alongside anticipated stormy debates with the opposition.)

Jul 16, 2025 - 21:25
 0
संसद के मानसून सत्र में 8 नए विधेयक होंगे पेश, जानें अहम एजेंडा
संसद का मानसून सत्र: 8 नए विधेयकों के साथ शुरू होगा अहम सत्र, बड़े बदलावों की उम्मीद

नई दिल्ली: भारतीय लोकतंत्र के मंदिर, संसद का बहुप्रतीक्षित मानसून सत्र 21 जुलाई, 2025 से शुरू होने जा रहा है, जो 21 अगस्त, 2025 तक चलेगा। इस एक महीने लंबे सत्र में कुल 21 बैठकें होंगी, जिसमें सरकार कई महत्वपूर्ण विधायी कार्यों को निपटाने का लक्ष्य रख रही है। एजेंडे में 8 नए विधेयक शामिल हैं, जो विभिन्न क्षेत्रों में बड़े बदलाव लाने की क्षमता रखते हैं। हालांकि, सत्र के हंगामेदार होने की भी पूरी संभावना है, क्योंकि विपक्षी दल सरकार को कई ज्वलंत मुद्दों पर घेरने की तैयारी में हैं।

इस सत्र को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने मंजूरी दे दी है, और यह राज्यसभा का 268वां सत्र होगा। लोकसभा और राज्यसभा दोनों सदनों में 13 और 14 अगस्त को स्वतंत्रता दिवस समारोहों के कारण कोई बैठक नहीं होगी। सरकार का लक्ष्य इस सत्र में न केवल नए विधेयक पेश करना है, बल्कि संसदीय कामकाज को आधुनिक और डिजिटल बनाने की दिशा में भी महत्वपूर्ण कदम उठाना है।

मानसून सत्र का विधायी एजेंडा: 8 नए विधेयक क्या हैं?

सरकार ने इस मानसून सत्र के लिए आठ नए विधेयकों को अपनी सूची में शामिल किया है। ये विधेयक विभिन्न मंत्रालयों से संबंधित हैं और इनका उद्देश्य देश के सामाजिक, आर्थिक और प्रशासनिक ढांचे में सुधार लाना है।

आइए इन आठ प्रमुख विधेयकों पर एक नजर डालें:

  1. भू-विरासत स्थल और भू-अवशेष (संरक्षण और रखरखाव) विधेयक, 2025 (Geoheritage Sites and Geo-relics (Preservation and Maintenance) Bill, 2025): यह विधेयक भू-वैज्ञानिक अध्ययन, शिक्षा, अनुसंधान, जागरूकता फैलाने और पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए राष्ट्रीय महत्व के भू-विरासत स्थलों और भू-अवशेषों के संरक्षण और रखरखाव का प्रावधान करेगा। इसका उद्देश्य भारत की भू-वैज्ञानिक विविधता और ऐतिहासिक महत्व को सुरक्षित रखना है।

  2. राष्ट्रीय खेल शासन विधेयक, 2025 (National Sports Governance Bill, 2025): खेल जगत में सुशासन और नैतिक प्रथाओं को बढ़ावा देने के उद्देश्य से यह विधेयक पेश किया जाएगा। इसमें खिलाड़ियों के कल्याण, खेल संघों के शासन के लिए मानक स्थापित करने और खेल संबंधी शिकायतों और विवादों के समाधान के उपायों का प्रावधान होगा। यह विधेयक हाल के वर्षों में विभिन्न खेल निकायों के प्रबंधन में सामने आए विवादों और घोटालों के मद्देनजर महत्वपूर्ण है।

  3. खान और खनिज (विकास और विनियमन) संशोधन विधेयक, 2025 (Mines and Minerals (Development and Regulation) Amendment Bill, 2025): यह विधेयक महत्वपूर्ण खनिजों की व्यवहार्य पुनर्प्राप्ति, गहरे-सीट वाले खनिजों के इष्टतम और वैज्ञानिक खनन के लिए पट्टे में सन्निहित क्षेत्र को शामिल करने और राष्ट्रीय खनिज अन्वेषण ट्रस्ट के दायरे को व्यापक बनाने का प्रावधान करेगा। यह देश में खनन क्षेत्र को अधिक कुशल और टिकाऊ बनाने में मदद करेगा।

  4. राष्ट्रीय डोपिंग रोधी (संशोधन) विधेयक, 2025 (National Anti-Doping (Amendment) Bill, 2025): यह विधेयक डोपिंग रोधी कानूनों को विश्व डोपिंग रोधी एजेंसी (WADA) कोड और अंतरराष्ट्रीय सर्वोत्तम प्रथाओं के साथ संरेखित करने का प्रयास करता है। इसका उद्देश्य डोपिंग रोधी अपील पैनल की स्वतंत्रता सुनिश्चित करना और भारत में खेलों को डोप-मुक्त बनाना है।

  5. मणिपुर वस्तु एवं सेवा कर (संशोधन) विधेयक, 2025 (Manipur Goods and Services Tax (Amendment) Bill, 2025): यह विधेयक एक अध्यादेश की जगह लेगा और राज्य के जीएसटी कानून को केंद्रीय कानून के साथ संरेखित करने का लक्ष्य रखता है, जिससे राज्य में कर प्रशासन में एकरूपता और क्षेत्रीय समानता सुनिश्चित हो सके।

  6. जन विश्वास (प्रावधानों का संशोधन) विधेयक, 2025 (Jan Vishwas (Amendment of Provisions) Bill, 2025): यह विधेयक छोटे अपराधों को गैर-आपराधिक बनाने और विभिन्न अधिनियमों में जुर्माने को युक्तिसंगत बनाने के उद्देश्य से है। इसका लक्ष्य "ईज ऑफ डूइंग बिजनेस" को बढ़ावा देना और नागरिकों के लिए "ईज ऑफ लिविंग" को बेहतर बनाना है।

  7. भारतीय प्रबंधन संस्थान (संशोधन) विधेयक, 2025 (Indian Institute of Management (Amendment) Bill, 2025): यह विधेयक भारतीय प्रबंधन संस्थान अधिनियम, 2017 की अनुसूची में आईआईएम गुवाहाटी को शामिल करने का प्रावधान करेगा, जिससे इस प्रतिष्ठित संस्थान को IIM टैग मिल सके।

  8. कराधान कानून (संशोधन) विधेयक, 2025 (Taxation Laws (Amendment) Bill, 2025): इस विधेयक का उद्देश्य कर ढांचे को सुव्यवस्थित करना और कर प्रशासन में क्षेत्रीय समानता सुनिश्चित करना है। यह सरकार की कर सुधार पहलों का एक हिस्सा है।

अन्य महत्वपूर्ण विधायी कार्य और लंबित विधेयक

इन आठ नए विधेयकों के अलावा, सरकार कुछ ऐसे महत्वपूर्ण विधेयकों को भी आगे बढ़ाने की उम्मीद कर रही है जो पहले ही पेश किए जा चुके हैं या संसदीय समितियों के पास लंबित हैं। इनमें सबसे प्रमुख है आयकर विधेयक, 2025 (Income Tax Bill, 2025), जिसे फरवरी में लोकसभा में पेश किया गया था और निचले सदन की एक प्रवर समिति को भेजा गया था। समिति ने अपनी रिपोर्ट बुधवार को अपना ली है और सोमवार को इसे लोकसभा में पेश किए जाने की संभावना है। यह विधेयक आयकर अधिनियम, 1961 को सरल बनाने और उसकी भाषा तथा संरचना को स्पष्ट करने का एक महत्वपूर्ण प्रयास है।

इसके साथ ही, सरकार मणिपुर में राष्ट्रपति शासन के विस्तार के लिए संसद की मंजूरी भी मांगेगी, जिसे 13 फरवरी, 2025 को लगाया गया था। राज्य के लिए अनुदान की मांगों को भी सदन की मंजूरी के लिए रखा जाएगा।

लोकसभा में कुछ अन्य लंबित विधेयक भी विचार और पारित होने के लिए सूचीबद्ध हैं, जिनमें गोवा राज्य में अनुसूचित जनजातियों के प्रतिनिधित्व का पुनर्समायोजन विधेयक, 2024 (Readjustment of Representation of Scheduled Tribes in Assembly Constituencies of the State of Goa Bill, 2024), मर्चेंट शिपिंग विधेयक, 2024 (Merchant Shipping Bill, 2024) और भारतीय बंदरगाह विधेयक, 2025 (Indian Ports Bill, 2025) शामिल हैं।

सरकार के सामने चुनौतियाँ और विपक्ष का रुख

यह मानसून सत्र राजनीतिक रूप से बेहद महत्वपूर्ण होने की उम्मीद है। सत्ताधारी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और कांग्रेस के नेतृत्व वाले INDIA गुट सहित विपक्षी दलों के बीच तीखी बहस और टकराव की संभावना है। विपक्ष सरकार को कई मुद्दों पर घेरने की तैयारी में है, जिनमें बिहार में विधानसभा चुनावों से पहले मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) से संबंधित चुनाव आयोग के मुद्दे, ऑपरेशन सिंदूर, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के भारत और पाकिस्तान के बीच परमाणु युद्ध टालने के दावों और हाल ही में हुए पहलगाम आतंकी हमले के साथ-साथ महिलाओं की सुरक्षा जैसे मुद्दे शामिल हैं।

सरकार ने सत्र के सुचारू संचालन के लिए सभी राजनीतिक दलों से सहयोग लेने के लिए एक सर्वदलीय बैठक बुलाई है। हालांकि, मौजूदा राजनीतिक माहौल को देखते हुए, सत्र के दौरान कई व्यवधानों की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता है।

संसदीय कामकाज में आधुनिकीकरण

इन विधायी एजेंडे के साथ-साथ, लोकसभा सचिवालय ने संसदीय कामकाज को आधुनिक और डिजिटल बनाने के लिए कई नई पहल की हैं। लोकसभा कक्ष को अब प्रत्येक सांसद की सीट पर समर्पित मल्टीमीडिया कॉन्फ्रेंसिंग उपकरणों से लैस किया गया है। एक नई सुविधा के तहत सांसद अब इन मल्टीमीडिया उपकरणों (MMDs) के माध्यम से अपनी उपस्थिति डिजिटल रूप से दर्ज कर सकते हैं, जिससे दैनिक प्रक्रियाओं को सुव्यवस्थित करने और समय बचाने में मदद मिलेगी।

भाषाई समावेशन और नागरिक जुड़ाव को बढ़ावा देने के लिए, लोकसभा सचिवालय ने अब दैनिक संसदीय व्यवसाय और एजेंडा पत्रों को AI-आधारित उपकरणों का उपयोग करके 12 भाषाओं - असमिया, बंगाली, अंग्रेजी, गुजराती, हिंदी, कन्नड़, मलयालम, मराठी, उड़िया, पंजाबी, तमिल और तेलुगु - में प्रकाशित करना शुरू कर दिया है। ये दस्तावेज डिजिटल संसद पोर्टल (https://sansad.in) के माध्यम से वास्तविक समय में उपलब्ध कराए जाते हैं, जिससे सांसदों और आम जनता दोनों के लिए विधायी कार्यवाही तक व्यापक पहुंच सुनिश्चित होती है।