जीएसटी में बदलाव: त्योहारों के बीच ई-कॉमर्स विक्रेताओं की बढ़ी मुश्किलें

जीएसटी दरों में प्रस्तावित बदलावों से ई-कॉमर्स विक्रेताओं की मुश्किलें बढ़ गई हैं। त्योहारों के मौसम के बीच, उन्हें बिलिंग में गड़बड़ी, गलत टैक्स फाइलिंग और प्रोडक्ट रिटर्न जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है, जिससे उनकी बिक्री प्रभावित हो सकती है।

Sep 1, 2025 - 20:23
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जीएसटी में बदलाव: त्योहारों के बीच ई-कॉमर्स विक्रेताओं की बढ़ी मुश्किलें
जीएसटी दरों में बदलाव से ई-कॉमर्स विक्रेताओं में चिंता, त्योहारों के मौसम में पड़ सकता है बुरा असर

भारत में वस्तु एवं सेवा कर (GST) की दरों में होने वाले प्रस्तावित बदलावों ने ई-कॉमर्स उद्योग से जुड़े विक्रेताओं के लिए नई चुनौतियां खड़ी कर दी हैं। यह बदलाव ऐसे समय में हो रहा है, जब देश में त्योहारों का मौसम अपने चरम पर है, और ऑनलाइन बिक्री में भारी उछाल आने की उम्मीद है। विक्रेताओं को डर है कि इस अचानक बदलाव से उन्हें बिलिंग में गड़बड़ी, गलत टैक्स फाइलिंग और रिटर्न जैसी कई समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है, जिससे उनकी बिक्री पर नकारात्मक प्रभाव पड़ेगा।

सबसे बड़ी चिंता ई-कॉमर्स प्लेटफार्मों (Amazon, Flipkart) द्वारा अपने सिस्टम को नई जीएसटी दरों के अनुसार अपडेट करने में लगने वाले समय को लेकर है। विक्रेताओं का मानना ​​है कि अगर ये प्लेटफार्म समय पर दरों को अपडेट नहीं कर पाते हैं, तो इसका सीधा असर उनके बिलिंग और चालान पर पड़ेगा।

ई-कॉमर्स विक्रेता सचिन मणिलाल गाला ने इस समस्या को उजागर करते हुए कहा कि "अगर जीएसटी दरें बदलती हैं, और प्लेटफार्मों के साथ-साथ हमारी अकाउंटिंग सॉफ्टवेयर कंपनियां भी अपडेट नहीं करती हैं, तो हमें गलत टैक्स फाइलिंग के लिए भारी जुर्माना देना पड़ सकता है।" उन्होंने आगे कहा कि "यह बदलाव हमारे लिए एक बड़ी चुनौती है, क्योंकि हम लाखों ग्राहकों के साथ एक ही समय में डील करते हैं।"

एक और बड़ी समस्या प्रोडक्ट रिटर्न को लेकर है। विक्रेताओं को डर है कि ग्राहक, जो पहले ही ऊंची जीएसटी दर पर उत्पाद खरीद चुके हैं, वे अब उसे वापस कर देंगे और कम दरों पर फिर से ऑर्डर करेंगे। उदाहरण के लिए, एक विक्रेता ने बताया कि "अगर कोई उत्पाद 12% जीएसटी पर बेचा जाता है और जीएसटी दर 5% हो जाती है, तो ग्राहक उस उत्पाद को वापस कर देंगे और उसे कम कीमत पर फिर से खरीदेंगे।" इस तरह के रिटर्न से विक्रेताओं के लिए अकाउंटिंग और वित्तीय प्रबंधन में बड़ी समस्या पैदा हो जाएगी।

यह बदलाव, अगर दिवाली जैसे बड़े त्योहार से ठीक पहले लागू होता है, तो इसका सीधा असर विक्रेताओं की बिक्री पर पड़ेगा। त्योहारों के मौसम में ई-कॉमर्स कंपनियां भारी छूट और सेल चलाती हैं, और जीएसटी दर में बदलाव से इन सेल की योजनाएं भी प्रभावित होंगी। यह न केवल विक्रेताओं के लिए, बल्कि पूरे ई-कॉमर्स इकोसिस्टम के लिए एक चुनौतीपूर्ण स्थिति है।

इस मुश्किल को कम करने के लिए, ई-कॉमर्स विक्रेता और व्यापारिक संगठन सरकार और जीएसटी परिषद से अपील कर रहे हैं कि वे इस बदलाव को लागू करने के लिए एक स्पष्ट और पर्याप्त समय सीमा दें, ताकि सभी कंपनियां और विक्रेता अपने सिस्टम को बिना किसी परेशानी के अपडेट कर सकें। यह सुनिश्चित करेगा कि इस बदलाव का लाभ उपभोक्ताओं को मिले और विक्रेताओं को अनावश्यक चुनौतियों का सामना न करना पड़े।