संभाजीनगर में आवारा कुत्ते का हमला, 4 बच्चों समेत 5 घायल

छत्रपति संभाजीनगर के पिंपलवाड़ी गांव में एक संदिग्ध रेबीज ग्रस्त कुत्ते ने 4 बच्चों और एक महिला सहित 5 लोगों को घायल कर दिया। इस लेख में घटना के विवरण, घायलों की स्थिति, और गांव प्रशासन द्वारा की गई कार्रवाई की जानकारी दी गई है।

Sep 1, 2025 - 20:05
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संभाजीनगर में आवारा कुत्ते का हमला, 4 बच्चों समेत 5 घायल
छत्रपति संभाजीनगर: पिंपलवाड़ी में आवारा कुत्ते का कहर, 4 बच्चों सहित 5 लोग घायल

छत्रपति संभाजीनगर के पिंपलवाड़ी गांव में एक आवारा कुत्ते के हमले से दहशत फैल गई है। एक संदिग्ध रेबीज ग्रस्त कुत्ते ने 4 बच्चों और एक महिला सहित कुल 5 लोगों को बुरी तरह घायल कर दिया। इस घटना ने गांव में सुरक्षा को लेकर चिंता बढ़ा दी है और स्थानीय प्रशासन को तुरंत कार्रवाई करने के लिए मजबूर कर दिया है।

यह हमला शनिवार को हुआ, जिसमें 28 वर्षीय आयशा शेख और चार बच्चे घायल हो गए। बच्चों में 2 वर्षीय अमोल वाघमारे, 4 वर्षीय अरिना सैय्यद, 4 वर्षीय साद शेख और 6 वर्षीय रफीक सैय्यद शामिल हैं। यह घटना दो अलग-अलग हिस्सों में हुई, जब कुत्ते ने अचानक लोगों पर हमला करना शुरू कर दिया। एक प्रत्यक्षदर्शी के अनुसार, बच्चों पर हमला तब हुआ जब वे एक आंगनवाड़ी केंद्र की ओर जा रहे थे। कुत्ते ने उन्हें पैरों, हाथों और गर्दन पर काटा, जिससे वे लहूलुहान हो गए। सभी घायलों को तुरंत पास के स्वास्थ्य केंद्र ले जाया गया, जहां उन्हें रेबीज-रोधी वैक्सीन लगाई गई। इसके बाद, उन्हें सरकारी मेडिकल कॉलेज और अस्पताल (GMCH) में रेबीज एंटीसेरम के लिए रेफर कर दिया गया। अस्पताल के सूत्रों के अनुसार, सभी घायलों की हालत स्थिर है और वे खतरे से बाहर हैं।

पिंपलवाड़ी की सरपंच रेणुका दिलवाले ने बताया कि यह कुत्ता दिखने में रेबीज ग्रस्त लग रहा था। उन्होंने कहा कि लोगों पर हमला करने से पहले उसने कुछ आवारा पशुओं को भी काटा था। यह व्यवहार कुत्ते के रेबीज से संक्रमित होने का एक स्पष्ट संकेत था।

घटना की गंभीरता को देखते हुए, पिंपलवाड़ी ग्राम पंचायत ने एक आपातकालीन बैठक बुलाई। बैठक में ग्रामीणों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए कुत्ते को मारने का सर्वसम्मति से प्रस्ताव पारित किया गया। गांव के लोगों ने मिलकर उस कुत्ते को पकड़कर मार दिया, ताकि और कोई घायल न हो।

यह घटना शहर में आवारा कुत्तों की बढ़ती समस्या को उजागर करती है। यह सिर्फ पिंपलवाड़ी की समस्या नहीं है, बल्कि यह एक ऐसी चुनौती है जिसका सामना भारत के कई शहरों और गांवों को करना पड़ रहा है। अक्सर, इन कुत्तों का टीकाकरण नहीं होता है, जिससे वे रेबीज जैसी घातक बीमारियों के वाहक बन जाते हैं।

स्थानीय प्रशासन और नगर निगमों को इस समस्या को हल करने के लिए प्रभावी कदम उठाने की जरूरत है। इसमें आवारा कुत्तों का व्यापक टीकाकरण, उनकी नसबंदी और उनके लिए सुरक्षित आश्रय स्थल बनाना शामिल है। इस तरह के कदम न केवल इंसानों को सुरक्षित रखेंगे, बल्कि जानवरों के कल्याण को भी सुनिश्चित करेंगे।