महाराष्ट्र में बाढ़ का कहर: 8 की मौत, अगले 48 घंटे बेहद अहम
महाराष्ट्र में भारी बारिश के बाद बाढ़ से मरने वालों की संख्या बढ़कर 8 हो गई है। मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने अगले 48 घंटों को बेहद महत्वपूर्ण बताते हुए, बचाव दलों को हाई अलर्ट पर रहने का निर्देश दिया है। यह लेख बाढ़ प्रभावित इलाकों की स्थिति और जारी बचाव कार्यों पर आधारित है।

महाराष्ट्र में लगातार हो रही मूसलाधार बारिश ने विकराल रूप धारण कर लिया है, जिससे राज्य में बाढ़ जैसी स्थिति पैदा हो गई है। इस प्राकृतिक आपदा के कारण अब तक कम से कम आठ लोगों की जान जा चुकी है, जबकि कई अन्य घायल हैं। स्थिति की गंभीरता को देखते हुए, मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने अगले 48 घंटे को बेहद महत्वपूर्ण बताया है और सभी सरकारी एजेंसियों को हाई अलर्ट पर रहने का निर्देश दिया है।
मुख्यमंत्री फडणवीस ने आपदा प्रबंधन अधिकारियों के साथ एक उच्च-स्तरीय बैठक की, जिसमें उन्होंने राज्य भर में राहत और बचाव कार्यों की समीक्षा की। उन्होंने प्रभावित लोगों से अपील की है कि वे आवश्यक न हो तो अपने घरों से बाहर न निकलें और प्रशासन के निर्देशों का पालन करें।
बारिश और बाढ़ का सबसे अधिक असर मुंबई, ठाणे, रायगढ़, रत्नागिरी और सिंधुदुर्ग जिलों में देखा जा रहा है। इन क्षेत्रों के लिए मौसम विभाग ने रेड अलर्ट जारी किया है, जो अत्यंत भारी वर्षा का संकेत है। मुंबई में सड़कों पर पानी भर गया है, जिससे यातायात व्यवस्था पूरी तरह से ठप हो गई है। कई इलाकों में घरों और दुकानों में पानी घुस गया है, जिससे लाखों लोगों का जीवन प्रभावित हुआ है।
राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल (SDRF) और राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (NDRF) की टीमें प्रभावित इलाकों में बचाव और राहत कार्यों में जुटी हुई हैं। खासकर बाढ़-संभावित क्षेत्रों से लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जा रहा है। रायगढ़ और ठाणे जैसे जिलों में, जहां नदियां उफान पर हैं, वहां के लगभग 2,500 लोगों को सुरक्षित शिविरों में स्थानांतरित किया गया है।
बढ़ते जलस्तर को देखते हुए, विभिन्न बांधों से भी पानी छोड़ा जा रहा है, जिससे निचले इलाकों में बाढ़ का खतरा और बढ़ गया है। प्रशासन ने नदी किनारे रहने वाले ग्रामीणों को सतर्क रहने और सुरक्षित स्थानों पर जाने की सलाह दी है। इसके अलावा, राज्य भर में भूस्खलन की भी खबरें आ रही हैं, जिसने यातायात और बचाव कार्यों को और भी मुश्किल बना दिया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार हर संभव मदद देने के लिए तैयार है और स्थिति पर चौबीसों घंटे नजर रखी जा रही है। उन्होंने नागरिकों से अफवाहों पर ध्यान न देने और केवल आधिकारिक स्रोतों से जानकारी लेने का आग्रह किया। सरकार का मुख्य ध्यान जान-माल के नुकसान को कम करने और प्रभावित लोगों को तुरंत राहत पहुंचाने पर है।
यह प्राकृतिक आपदा महाराष्ट्र के लिए एक बड़ी चुनौती है, और आने वाले 48 घंटे यह तय करेंगे कि राज्य इस मुश्किल स्थिति का सामना कितनी कुशलता से कर पाता है।