पीएम मोदी का भावुक पलटवार: 'मेरी माँ का राजनीति से कोई लेना-देना नहीं'
एक राजनीतिक विवाद में अपनी मां को घसीटे जाने पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तीखी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने साफ कहा कि उनकी मां का राजनीति से कोई संबंध नहीं था। यह लेख पीएम मोदी की प्रतिक्रिया, कांग्रेस और राजद पर उनके हमले और राजनीति में व्यक्तिगत हमलों पर बढ़ती बहस पर केंद्रित है।

एक राजनीतिक विवाद में अपनी दिवंगत मां को घसीटे जाने पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तीखी और भावुक प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने साफ शब्दों में कांग्रेस और राष्ट्रीय जनता दल (राजद) पर हमला बोलते हुए कहा कि उनकी मां का राजनीति से दूर-दूर तक कोई संबंध नहीं था। पीएम मोदी की यह प्रतिक्रिया उस समय आई है, जब पिछले कुछ दिनों से एक राजनीतिक बयानबाजी में उनकी मां को निशाना बनाया गया था, जिससे देश में एक नई बहस छिड़ गई है।
पीएम मोदी ने कहा, "मेरी मां का राजनीति से कुछ लेना-देना नहीं था, वह एक साधारण व्यक्ति थीं...लेकिन कांग्रेस और राजद ने उन्हें भी नहीं बख्शा।" उन्होंने कहा कि विपक्ष ने जिस तरह से व्यक्तिगत हमलों की एक नई निम्न स्तर पर शुरुआत की है, वह भारतीय राजनीति के लिए एक दुखद संकेत है।
प्रधानमंत्री का बयान दिखाता है कि राजनीति में व्यक्तिगत हमलों की सीमाएं किस हद तक पार हो रही हैं। उन्होंने कहा कि "पहले भी मुझ पर व्यक्तिगत हमले हुए हैं, मुझे 'नीच' और 'मौत का सौदागर' कहा गया, लेकिन मैंने कभी अपने काम से ध्यान नहीं हटाया।" उन्होंने कहा कि "अब जब उन्होंने मेरी दिवंगत मां को निशाना बनाया है, तो यह दिखाता है कि उनके पास मुद्दों की कमी है और वे हताशा में हैं।"
यह विवाद तब शुरू हुआ जब कुछ विपक्षी नेताओं ने पीएम मोदी की मां के बारे में आपत्तिजनक टिप्पणी की थी। इसके बाद भाजपा ने जोरदार हमला बोला और इस टिप्पणी को देश की सभ्यता और संस्कृति पर हमला बताया। भाजपा का कहना है कि यह कांग्रेस और राजद की 'ओछी राजनीति' का हिस्सा है, और यह दिखाता है कि वे अपनी हार को स्वीकार नहीं कर पा रहे हैं।
राजनीति में व्यक्तिगत हमलों का यह सिलसिला काफी पुराना है, लेकिन इस बार इसमें एक नई गहराई आई है। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि राजनीति में असहमति हो सकती है, लेकिन जब परिवार और व्यक्तिगत जीवन को निशाना बनाया जाता है, तो यह लोकतांत्रिक मूल्यों का हनन है। उन्होंने कहा कि "राजनीतिक विरोध को व्यक्तिगत दुश्मनी नहीं बनना चाहिए।"
पीएम मोदी ने अपने बयान में बिहार और बिहार के लोगों का भी जिक्र किया, और कहा कि बिहार की जनता इन लोगों को करारा जवाब देगी। उन्होंने राजद और कांग्रेस पर "घटिया और भ्रष्ट राजनीति" करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि "राजनीतिक लड़ाई सिद्धांतों पर होनी चाहिए, न कि परिवार और व्यक्तिगत जीवन पर।"
पीएम मोदी का यह बयान राजनीतिक गलियारों में एक नई चर्चा छेड़ गया है। यह बहस अब केवल प्रधानमंत्री के अपमान तक सीमित नहीं है, बल्कि यह इस सवाल पर भी केंद्रित है कि क्या राजनीतिक बयानबाजी में व्यक्तिगत जीवन और परिवार को निशाना बनाना उचित है। यह देखना बाकी है कि इस मुद्दे पर दोनों पार्टियां कैसे आगे बढ़ती हैं और क्या इस घटना से भारतीय राजनीति में व्यक्तिगत हमलों में कमी आती है।