ट्रंप के टैरिफ से भारत को झटका: 66% निर्यात प्रभावित, चीन-वियतनाम को फायदा

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा लगाए गए 50% टैरिफ से भारत के अमेरिका को होने वाले लगभग 66% निर्यात पर गंभीर असर पड़ेगा। एक रिपोर्ट के अनुसार, इस कदम से चीन और वियतनाम जैसे देशों को फायदा होगा। यह लेख भारत के निर्यात पर पड़ने वाले प्रभाव और संभावित चुनौतियों पर आधारित है।

Aug 26, 2025 - 19:19
 0
ट्रंप के टैरिफ से भारत को झटका: 66% निर्यात प्रभावित, चीन-वियतनाम को फायदा
डोनाल्ड ट्रंप के टैरिफ का भारतीय निर्यात पर गंभीर असर, 66% सामान प्रभावित, चीन-वियतनाम को मिल सकता है लाभ

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा भारत पर लगाए गए 50% के भारी-भरकम टैरिफ ने भारतीय निर्यातकों के लिए एक बड़ा संकट खड़ा कर दिया है। 27 अगस्त, 2025 से प्रभावी हो रहे इस कदम से अमेरिका को होने वाले भारत के कुल निर्यात का लगभग 66% हिस्सा प्रभावित होगा। इस व्यापारिक झटके से भारत की अर्थव्यवस्था और रोजगार दोनों पर प्रतिकूल असर पड़ने की आशंका है।

ग्लोबल ट्रेड रिसर्च इनिशिएटिव (GTRI) की एक रिपोर्ट के अनुसार, यह टैरिफ 60.2 बिलियन डॉलर के भारतीय निर्यात को सीधे तौर पर प्रभावित करेगा। जिन क्षेत्रों पर इसका सबसे अधिक असर पड़ने की संभावना है, उनमें कपड़ा, रत्न और आभूषण, समुद्री खाद्य (झींगा), कालीन और फर्नीचर शामिल हैं। ये सभी क्षेत्र भारत में रोजगार-सृजन के प्रमुख स्रोत हैं।

रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि इन टैरिफ से भारत की प्रतिस्पर्धात्मकता में भारी कमी आएगी, जिससे निर्यात में 70% तक की गिरावट आ सकती है। इससे इन क्षेत्रों में लगभग 18.6 बिलियन डॉलर का नुकसान हो सकता है। ऐसे में, चीन, वियतनाम और मेक्सिको जैसे अन्य देश इन बाजारों में अपनी हिस्सेदारी बढ़ाने के लिए तैयार हैं, जिससे भारत को एक और झटका लगेगा।

विश्लेषकों का मानना है कि ट्रंप का यह कदम मुख्य रूप से भारत के रूस से कच्चे तेल खरीदने के फैसले के कारण लिया गया है। अमेरिका का तर्क है कि भारत की यह खरीद रूस को यूक्रेन के साथ युद्ध के लिए वित्तीय मदद देती है। हालांकि, भारत ने हमेशा यह रुख अपनाया है कि वह अपने राष्ट्रीय हित के अनुसार ही विदेश नीति और व्यापारिक संबंध तय करेगा।

भारतीय वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल और विदेश मंत्री एस जयशंकर ने भी इस मुद्दे पर कड़ा रुख अपनाया है। जयशंकर ने अमेरिका के व्यापारिक रुख पर तंज कसते हुए कहा था कि "यह हास्यास्पद है कि एक समर्थक-व्यापार अमेरिकी प्रशासन दूसरों पर व्यापार करने का आरोप लगा रहा है।"

इस व्यापारिक चुनौती का सामना करने के लिए, भारत अब नए बाजारों की तलाश कर रहा है और अपने घरेलू उद्योगों को मजबूत करने के लिए 'मेक इन इंडिया' और 'आत्मनिर्भर भारत' जैसे पहलों पर अधिक जोर दे रहा है। सरकार निर्यातकों को मदद देने के लिए क्रेडिट गारंटी योजनाओं जैसी वित्तीय सहायता भी प्रदान करने पर विचार कर रही है।

ट्रंप के इन टैरिफ से भारत और अमेरिका के संबंधों में तनाव बढ़ा है। यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या भारत इस चुनौती से उबर पाएगा और क्या वह अपनी मजबूत स्थिति को बनाए रख पाएगा।