इजरायल का सीरिया पर हमला: दमिश्क के पास पूर्व एयरबेस पर कार्रवाई
इजरायल ने दमिश्क के दक्षिण-पश्चिम में स्थित एक पूर्व सीरियाई वायु रक्षा बेस पर सैन्य कार्रवाई की है। सूत्रों के अनुसार, यह कार्रवाई ईरान समर्थित मिलिशिया के ठिकानों और हथियार डिपो को निशाना बनाकर की गई, जो सीरिया में अपने प्रभाव को बढ़ा रहे हैं।

हाल ही में, इजरायल ने सीरिया की राजधानी दमिश्क के दक्षिण-पश्चिम में एक महत्वपूर्ण सैन्य अभियान चलाया है। सूत्रों के अनुसार, यह कार्रवाई दमिश्क के पास स्थित एक पूर्व सीरियाई वायु रक्षा बेस को निशाना बनाकर की गई, जिसका इस्तेमाल अब ईरान समर्थित मिलिशिया कर रहे हैं। इस हमले को मध्य पूर्व में जारी तनाव और इजरायल की ईरान और उसके प्रॉक्सी (Proxy) संगठनों को रोकने की रणनीति के हिस्से के रूप में देखा जा रहा है।
इस क्षेत्र में इजरायल की कार्रवाई कोई नई बात नहीं है। पिछले कुछ वर्षों से, इजरायल लगातार सीरियाई धरती पर हवाई हमले कर रहा है। इन हमलों का मुख्य उद्देश्य ईरान समर्थित लेबनानी समूह हिजबुल्लाह (Hezbollah) और अन्य मिलिशिया को लेबनान तक हथियारों की खेप पहुंचाने से रोकना है। इजरायल का मानना है कि इन समूहों को उन्नत हथियारों की आपूर्ति से उसकी राष्ट्रीय सुरक्षा को सीधा खतरा है।
सूत्रों ने बताया कि जिस ठिकाने को निशाना बनाया गया, वह एक समय सीरियाई वायु रक्षा बेस था, लेकिन अब इसका इस्तेमाल ईरान के इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गार्ड कॉर्प्स (IRGC) के सदस्यों और उनके प्रॉक्सी समूहों द्वारा किया जा रहा था। इस बेस पर हथियार और गोला-बारूद जमा करने के लिए कई बड़े भूमिगत डिपो बनाए गए थे, और यह हमला इन्हीं डिपो को नष्ट करने के उद्देश्य से किया गया था।
इजरायल ने इस हमले पर कोई आधिकारिक टिप्पणी नहीं की है, जो कि उसकी सामान्य नीति है। सीरियाई राज्य मीडिया ने भी इस घटना पर चुप्पी साधे रखी है, जो यह दर्शाता है कि यह हमला कितना संवेदनशील और रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण था।
यह सैन्य कार्रवाई ऐसे समय में हुई है जब इजरायल और ईरान के बीच तनाव अपने चरम पर है। गाजा में युद्ध के अलावा, दोनों देश सीरिया और लेबनान में भी एक-दूसरे से परोक्ष रूप से लड़ रहे हैं। ईरान सीरिया में अपनी उपस्थिति को मजबूत करने का प्रयास कर रहा है, ताकि वह भूमध्य सागर तक एक 'भूमि गलियारा' बना सके, जो उसे लेबनान में अपने प्रॉक्सी हिजबुल्लाह तक सीधी पहुंच प्रदान करेगा।
दूसरी ओर, इजरायल इसे अपनी सुरक्षा के लिए एक बड़ा खतरा मानता है और किसी भी कीमत पर इस तरह के गलियारे को बनने से रोकना चाहता है। इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने कई बार यह स्पष्ट किया है कि वे ईरान को परमाणु हथियार हासिल करने और मध्य पूर्व में अपनी शक्ति बढ़ाने से रोकने के लिए हर संभव कदम उठाएंगे।
इस घटना के बाद, क्षेत्रीय संघर्ष और बढ़ने की आशंका है। ईरान समर्थित समूह इजरायल पर जवाबी हमले कर सकते हैं, जिससे स्थिति और भी विस्फोटक हो सकती है।