वर्ल्ड एथलेटिक्स चैंपियनशिप: नीरज चोपड़ा 8वें, सचिन यादव चौथे स्थान पर रहे

वर्ल्ड एथलेटिक्स चैंपियनशिप के भाला फेंक फाइनल में भारतीय स्टार नीरज चोपड़ा 8वें स्थान पर रहे, जबकि सचिन यादव ने शानदार प्रदर्शन करते हुए चौथा स्थान हासिल किया। यह लेख दोनों खिलाड़ियों के प्रदर्शन और भारत के लिए एक मिली-जुली उपलब्धि पर केंद्रित है।

Sep 18, 2025 - 22:37
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वर्ल्ड एथलेटिक्स चैंपियनशिप: नीरज चोपड़ा 8वें, सचिन यादव चौथे स्थान पर रहे
वर्ल्ड एथलेटिक्स चैंपियनशिप: नीरज चोपड़ा का संघर्षपूर्ण प्रदर्शन, सचिन यादव ने उम्मीद जगाई

भारतीय खेल प्रेमियों के लिए वर्ल्ड एथलेटिक्स चैंपियनशिप का भाला फेंक फाइनल एक मिली-जुली तस्वीर लेकर आया। जहां एक ओर देश के सुपरस्टार नीरज चोपड़ा संघर्ष करते हुए आठवें स्थान पर रहे, वहीं दूसरी ओर युवा खिलाड़ी सचिन यादव ने अपने पदार्पण मुकाबले में ही शानदार प्रदर्शन करते हुए चौथा स्थान हासिल किया। यह परिणाम भाला फेंक में भारत की बढ़ती प्रतिभा और गहराई को दर्शाता है।

नीरज चोपड़ा के लिए यह मुकाबला उनके करियर के सबसे अप्रत्याशित प्रदर्शनों में से एक था। अपने पहले थ्रो में उन्होंने 84.65 मीटर की दूरी तय की, जिसके बाद उनके दूसरे थ्रो में गिरावट आई (83.03 मीटर)। उनका तीसरा प्रयास फाउल रहा, जिससे उन पर दबाव और बढ़ गया। अपने चौथे थ्रो में भी वह 82.86 मीटर ही फेंक पाए। पांचवें और आखिरी प्रयास में उन्होंने 84.03 मीटर का थ्रो किया, लेकिन यह उन्हें शीर्ष छह में जगह दिलाने के लिए पर्याप्त नहीं था, और वह टूर्नामेंट से बाहर हो गए। दूसरी ओर, सचिन यादव ने अपने पहले ही विश्व चैंपियनशिप फाइनल में कमाल कर दिया। उन्होंने अपने पहले प्रयास में ही 86.27 मीटर का बेहतरीन थ्रो कर अपना व्यक्तिगत सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया। इस थ्रो ने उन्हें नीरज चोपड़ा सहित कई अनुभवी एथलीटों से आगे रखा और वह पदक के बहुत करीब थे। हालांकि, वह अंततः चौथे स्थान पर रहे, लेकिन उनका प्रदर्शन भारत के लिए एक बड़ी उम्मीद है।

इस टूर्नामेंट में कोई भी भाला फेंक एथलीट 90 मीटर के आंकड़े को पार नहीं कर पाया, जो इस सीजन में नीरज चोपड़ा ने पहले ही हासिल कर लिया था। नीरज के प्रदर्शन को उनकी अपेक्षाओं से काफी कम माना जा रहा है, लेकिन सचिन यादव का प्रदर्शन भारत के लिए एक बड़ा सकारात्मक संकेत है। यह दिखाता है कि भारत अब सिर्फ एक एथलीट पर निर्भर नहीं है, बल्कि उसके पास अगली पीढ़ी के खिलाड़ी भी हैं जो वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धा कर सकते हैं। यह फाइनल मैच एक महत्वपूर्ण सबक है कि खेल में हर दिन आपका दिन नहीं होता। लेकिन, हार के बावजूद, नीरज चोपड़ा का संघर्ष और सचिन यादव का अविश्वसनीय प्रदर्शन भारतीय एथलेटिक्स के लिए एक प्रेरणा है।