फर्जी IAS अधिकारी: 'पद्म श्री' और 'राज्यसभा सीट' के वादे से नेताओं को ठगा

छत्रपति संभाजीनगर पुलिस ने फर्जी IAS अधिकारी कल्पना भागवत के मामले में एक चौंकाने वाला खुलासा किया है। जांच में पता चला है कि उसने 'पद्म श्री' और 'राज्यसभा सीट' दिलाने का झांसा देकर कई शहरों के राजनीतिक नेताओं को ठगा है। जानिए उसके और उसके सहयोगी के कारनामों के बारे में। (Chhatrapati Sambhajinagar Police have made a shocking revelation in the case of fake IAS officer Kalpana Bhagwat. The investigation reveals she duped political leaders across several cities by promising 'Padma Shri' awards and 'Rajya Sabha seats'. Know more about her and her associate's exploits.)

Dec 4, 2025 - 19:53
Dec 4, 2025 - 20:26
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फर्जी IAS अधिकारी: 'पद्म श्री' और 'राज्यसभा सीट' के वादे से नेताओं को ठगा
संभाजीनगर: 'फर्जी IAS' ने नेताओं को दिया 'पद्म श्री' और 'राज्यसभा' का लॉलीपॉप, बड़े पैमाने पर ठगी का पर्दाफाश

छत्रपति संभाजीनगर: शहर के एक प्रतिष्ठित होटल में महीनों तक फर्जी आईएएस अधिकारी बनकर रहने वाली कल्पना भागवत (Kalpana Bhagwat) का मामला अब एक बड़े राजनीतिक घोटाले का रूप लेता जा रहा है। पुलिस जांच में यह चौंकाने वाला खुलासा हुआ है कि कल्पना और उसके सहयोगी ने न केवल लोगों को ठगा, बल्कि महाराष्ट्र के कई शहरों के प्रमुख राजनीतिक नेताओं को भी अपने जाल में फंसाया।

पुलिस कमिश्नर प्रवीण पवार (Pravin Pawar) ने पदभार संभालते ही इस मामले की विस्तृत समीक्षा की और जांच को तेज करने के निर्देश दिए। जांच में पता चला है कि कल्पना भागवत का जाल नागपुर, अमरावती, हिंगोली और अहिल्यानगर (अहमदनगर) तक फैला हुआ था।

ठगी का तरीका: 'पद्म श्री' और 'राज्यसभा सीट' का लालच

पुलिस के अनुसार, कल्पना भागवत और उसका सहयोगी डिंपी हरजाई (उर्फ अभिषेक चौधरी) मिलकर एक सोची-समझी साजिश के तहत काम करते थे।

  • डिंपी हरजाई: यह व्यक्ति पहले दिल्ली में एक प्रशासनिक अधिकारी का ड्राइवर रह चुका था। वह खुद को केंद्र सरकार में प्रभावशाली व्यक्ति बताता था और दावा करता था कि वह 'पद्म श्री' पुरस्कारों के लिए नामांकन और राज्यसभा सीटों के लिए सिफारिश करवा सकता है।

  • कल्पना भागवत: वह एक आईएएस अधिकारी की वेशभूषा और रुतबे का इस्तेमाल कर इन दावों को सही ठहराती थी और नेताओं से पैसे ऐंठती थी।

एक मामले में तो जांचकर्ताओं ने पाया कि भागवत ने नागपुर के एक नेता को भुगतान के बदले राज्यसभा सीट दिलाने का वादा किया था।

फर्जी नियुक्ति पत्र और दिल्ली कनेक्शन

पुलिस ने छापेमारी के दौरान एक फर्जी नियुक्ति पत्र (Forged Letter) भी बरामद किया है, जिसमें कल्पना भागवत को केंद्रीय ऊर्जा मंत्रालय (Union Ministry of Power) में सचिव के रूप में नियुक्त दिखाया गया था। इस पत्र का उपयोग वह दिल्ली में सरकारी अधिकारियों और नेताओं तक अपनी पहुंच बनाने के लिए करती थी।

जांच का दायरा बढ़ा: 28 लोगों को नोटिस

इस धोखाधड़ी के नेटवर्क और पैमाने ने पुलिस को भी हैरान कर दिया है। जांच अधिकारियों ने अब तक 28 लोगों को नोटिस जारी किया है, जो या तो कल्पना भागवत के संपर्क में थे या जिनके साथ उसका वित्तीय लेनदेन हुआ था। इनमें एक प्रमुख नाम नागपुर विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति (Former Vice-Chancellor) का भी है, जो वर्तमान में पुणे में रहते हैं। पुलिस ने उनका बयान दर्ज कर लिया है।

क्या यह केवल ठगी है या कुछ और?

एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि जांच अब केवल प्रतिरूपण (impersonation) तक सीमित नहीं है। पुलिस जालसाजी (forgery), धोखाधड़ी, विदेशी लिंक और सरकारी पहचान के दुरुपयोग के कोणों से भी मामले की जांच कर रही है।

यह मामला दिखाता है कि कैसे सत्ता और पद का लालच देकर शातिर अपराधी समाज के प्रभावशाली वर्गों को भी अपना शिकार बना सकते हैं। पुलिस अब इस गिरोह के अन्य संभावित सदस्यों और पीड़ितों की तलाश में जुटी है।