फर्जी 'पीएमओ सचिव' गिरफ्तार: सीएम के आने से ठीक पहले पुलिस ने दबोचा
छत्रपति संभाजीनगर में एक व्यक्ति को खुद को 'पीएमओ सचिव' बताकर एक वीआईपी शादी में शामिल होने की कोशिश करते हुए गिरफ्तार किया गया। यह घटना सीएम देवेंद्र फडणवीस के आने से ठीक पहले हुई। आरोपी अशोक थोम्ब्रे और उसके बॉडीगार्ड को पुलिस हिरासत में भेज दिया गया है। (A man posing as a 'PMO Secretary' was arrested in Chhatrapati Sambhajinagar while trying to attend a VIP wedding, just minutes before CM Devendra Fadnavis's arrival. The accused, Ashok Thombre, and his bodyguard have been sent to police custody.)
वीआईपी शादी में सुरक्षा में सेंध की कोशिश: सीएम के आने से पहले फर्जी 'पीएमओ सचिव' गिरफ्तार
छत्रपति संभाजीनगर: महाराष्ट्र के छत्रपति संभाजीनगर (पहले औरंगाबाद) में सुरक्षा एजेंसियों की मुस्तैदी ने एक बड़ी संभावित सुरक्षा चूक को टाल दिया। वालूज एमआईडीसी पुलिस ने रविवार को एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया जो खुद को प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) का वरिष्ठ अधिकारी बताकर एक हाई-प्रोफाइल शादी समारोह में शामिल होने की कोशिश कर रहा था। चौंकाने वाली बात यह है कि यह गिरफ्तारी मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के कार्यक्रम स्थल पर पहुंचने से कुछ ही मिनट पहले हुई।
आरोपी की पहचान अशोक भरत थोम्ब्रे (45) के रूप में हुई है। उसके साथ एक निजी बॉडीगार्ड भी था, जिसे भी पुलिस ने हिरासत में ले लिया है। सोमवार को अदालत में पेश किए जाने के बाद दोनों को पांच दिन की पुलिस हिरासत में भेज दिया गया।
शक की सुई और गिरफ्तारी
घटना धुले-सोलापुर राजमार्ग पर स्थित एक होटल की है, जहां एक वीआईपी शादी का आयोजन था। सीएम फडणवीस इस समारोह में शामिल होने वाले थे। पुलिस को शक तब हुआ जब मंच पर एक व्यक्ति का परिचय "पीएमओ सचिव" के रूप में कराया गया। पुलिस और प्रशासन के पास पीएमओ से किसी भी अधिकारी के आने की कोई आधिकारिक सूचना नहीं थी।
संदेह होने पर इंस्पेक्टर रामेश्वर गाडे ने थोम्ब्रे से पूछताछ शुरू की। पहले उसने खुद को पीएमओ अधिकारी बताया, फिर जब पहचान पत्र मांगा गया, तो उसने दावा किया कि वह नीति आयोग का सदस्य है। जब वह कोई भी वैध दस्तावेज दिखाने में विफल रहा और गोलमोल जवाब देने लगा, तो पुलिस ने उसे और उसके बॉडीगार्ड को हिरासत में ले लिया।
फर्जीवाड़े का बड़ा खुलासा
पुलिस ने जब आरोपी की गाड़ी (एमयूवी) की तलाशी ली, तो वह हैरान रह गए। गाड़ी में एक तिरंगा झंडा, एक मेटल माउंट और "भारत सरकार" (Govt of India) लिखी हुई कस्टमाइज्ड प्लेटें मिलीं। पूछताछ में थोम्ब्रे ने कबूला कि उसने ये चीजें दिल्ली से कस्टम-मेड बनवाई थीं।
जांच में पता चला है कि थोम्ब्रे बीड जिले का रहने वाला है और एक किसान का बेटा है। वह यूपीएससी की तैयारी के लिए दिल्ली गया था, लेकिन लगातार तीन बार असफल होने के बाद वह अपने परिवार को सच नहीं बता पाया। 2018 में, उसने अपने परिवार और समाज में झूठ फैलाया कि वह एक आईएएस अधिकारी बन गया है। इस झूठ के सहारे उसने पुणे और सोलापुर जैसे शहरों में कोचिंग सेंटरों में "प्रेरक भाषण" (motivational lectures) देना शुरू कर दिया।
पुलिस के अनुसार, थोम्ब्रे ने सरकारी दफ्तरों में अपनी पैठ बनाई और लोगों के रुके हुए काम करवाने के लिए एक एजेंट के रूप में काम करने लगा। अपने इस फर्जी रुतबे को बनाए रखने के लिए उसने 25,000 रुपये महीने पर दो बॉडीगार्ड भी रखे हुए थे।
पुलिस ने आरोपी के खिलाफ बीएनएस (भारतीय न्याय संहिता) की विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया है, जिनमें धोखाधड़ी और प्रतिरूपण (impersonation) शामिल हैं। पुलिस अब उसके वित्तीय लेनदेन और पिछले कारनामों की गहन जांच कर रही है ताकि यह पता चल सके कि उसने इस फर्जी पहचान का उपयोग करके कितने लोगों को ठगा है।