मराठवाड़ा में 'ट्रिपल-डिजिट' बारिश का कहर, औरंगाबाद में स्कूल बंद
मराठवाड़ा क्षेत्र में भारी बारिश ने तबाही मचा दी है, कई क्षेत्रों में 100 मिमी से अधिक वर्षा दर्ज की गई है। इस लेख में छत्रपति संभाजीनगर, नांदेड और पुणे में बाढ़ की स्थिति, स्कूलों को बंद करने के आदेश और जयकवाड़ी बांध से पानी छोड़े जाने के प्रभावों पर विस्तृत जानकारी है।
महाराष्ट्र के मराठवाड़ा क्षेत्र में लगातार हो रही मूसलाधार बारिश ने एक बार फिर भयानक रूप ले लिया है। कई जिलों में 24 घंटों के भीतर 100 मिमी से अधिक वर्षा दर्ज की गई है, जिसे 'ट्रिपल-डिजिट रेन मेहेम' कहा जा रहा है। इस अप्रत्याशित वर्षा ने किसानों और आम नागरिकों के लिए गंभीर संकट पैदा कर दिया है, जिससे जनजीवन पूरी तरह अस्त-व्यस्त हो गया है।
छत्रपति संभाजीनगर जिले में, विशेष रूप से ग्रामीण इलाकों में, हालात सबसे खराब हैं। गंगापुर तालुका के हरसूल और डोंगांव राजस्व सर्कलों में 24 घंटे में क्रमशः 196 मिमी और 193 मिमी बारिश हुई। इसके अतिरिक्त, वैजापुर और कन्नड़ तालुका के कई सर्कलों में भी 'ट्रिपल-डिजिट' वर्षा दर्ज की गई। इस वर्षा के कारण ग्रामीण क्षेत्रों में खेत तालाब में बदल गए हैं और कई लोग बाढ़ के पानी में फंस गए, जिन्हें बाद में बचाव दलों द्वारा निकाला गया।
नुकसान और बचाव कार्य:
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जनहानि: नासिक, अहिल्यानगर और पुणे जिलों में वर्षा से संबंधित घटनाओं में 6 लोगों की मौत हुई है। अहिल्यानगर के जामखेड़ और नेवासा तालुका में दीवार गिरने से एक-एक व्यक्ति की मौत हुई।
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स्कूल बंद: ग्रामीण छत्रपति संभाजीनगर में छात्रों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए स्कूलों को सोमवार को बंद रखने का आदेश दिया गया है।
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जयकवाड़ी बांध का जलस्तर: लगातार बारिश के चलते पैठण स्थित जयकवाड़ी प्रमुख सिंचाई परियोजना से पानी का डिस्चार्ज बढ़ाकर 2.3 लाख क्यूसेक कर दिया गया। हालांकि, इस पानी के छोड़ने से पैठण के एक मंदिर शहर में बाढ़ आ गई और एकनाथ मंदिर के कई कदम डूब गए। * नांदेड और जालना: नांदेड में विष्णुपुरी बांध से भी 3 लाख क्यूसेक तक पानी छोड़ा गया, जिससे गोदावरी नदी खतरे के निशान से ऊपर बह रही है। नांदेड शहर में 1,020 बाढ़ प्रभावित लोग आश्रय शिविरों में हैं, और जालना जिले ने भी NDRF टीमों की तैनाती का अनुरोध किया है।
मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने आठ मराठवाड़ा जिलों के कलेक्टरों से संपर्क कर राहत प्रयासों की समीक्षा की है और राहत शिविरों में भोजन, पानी और स्वास्थ्य सेवाओं को बनाए रखने का निर्देश दिया है। उन्होंने चारे की कमी वाले जिलों में तत्काल आपूर्ति का भी आदेश दिया है।