मराठवाड़ा में बाढ़ का कहर: 8 की मौत, 2300 लोग निकाले गए
मराठवाड़ा में भारी बारिश के कारण बाढ़ की स्थिति और बिगड़ गई है। 20 सितंबर से अब तक मरने वालों की संख्या बढ़कर 8 हो गई है, जबकि 2,300 से अधिक लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है। यह लेख बाढ़ से प्रभावित जिलों और सरकार के राहत कार्यों पर आधारित है।
मराठवाड़ा क्षेत्र में पिछले कुछ दिनों से हो रही मूसलाधार बारिश ने भयावह रूप धारण कर लिया है, जिससे इस क्षेत्र में पिछले 50 से 70 वर्षों में सबसे गंभीर बाढ़ की स्थिति उत्पन्न हो गई है। 20 सितंबर से अब तक बारिश से जुड़ी घटनाओं में मरने वालों की संख्या बढ़कर 8 हो गई है। यह आपदा न केवल जीवन का नुकसान कर रही है, बल्कि इसने हजारों लोगों को बेघर कर दिया है और किसानों की फसलें पूरी तरह से नष्ट कर दी हैं।
सबसे ज्यादा प्रभावित जिलों में लातूर (3 मौतें), बीड (2 मौतें), धारशिव (1 मौत), छत्रपति संभाजीनगर (1 मौत) और नांदेड (1 मौत) शामिल हैं। इसके अलावा, कई सौ पशुओं की भी मौत हो गई है, जिससे ग्रामीण अर्थव्यवस्था को गहरा झटका लगा है।
महाराष्ट्र सरकार और केंद्रीय एजेंसियांराहत और बचाव कार्यों में जुट गई हैं। राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (NDRF) और भारतीय सेना की टीमें विशेष रूप से बीड और धारशिव जिलों में काम कर रही हैं। इन टीमों ने 2,300 से अधिक लोगों को बाढ़ के पानी से निकालकर सुरक्षित शिविरों में पहुंचाया है। धारशिव जिले में अकेले 159 गांव बाढ़ से प्रभावित हुए हैं, जहां 750 से अधिक घर आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त हो गए हैं और 33,000 हेक्टेयर से अधिक की फसलें बर्बाद हो गई हैं।
राज्य आपदा प्रबंधन मंत्री गिरीश महाजन ने स्थिति को "बहुत गंभीर" बताया है और कहा है कि इतनी भारी बारिश मराठवाड़ा में पहले कभी नहीं देखी गई। उन्होंने कहा कि "लगातार बारिश ने उपजाऊ कृषि मिट्टी की ऊपरी परत को धो दिया है। कई गांव पानी में डूब गए हैं, और लोगों ने अपने मवेशी खो दिए हैं।" मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने भी प्रभावित इलाकों का दौरा किया है और सरकार ने किसानों के लिए 2,215 करोड़ रुपये की सहायता राशि को मंजूरी दी है।
हालांकि, विपक्षी नेताओं ने सरकार की प्रतिक्रिया को धीमा बताया है। उद्धव ठाकरे और शरद पवार जैसे नेताओं ने केंद्र सरकार से मराठवाड़ा के लिए तत्काल ₹10,000 करोड़ के राहत पैकेज की मांग की है। उनका तर्क है कि किसानों को हुए बड़े पैमाने पर नुकसान की भरपाई के लिए यह सहायता अपर्याप्त होगी।