मराठवाड़ा में बारिश का कहर: 4 की मौत, 5 लापता

मराठवाड़ा क्षेत्र में भारी बारिश और बाढ़ के कारण चार लोगों की मौत हो गई है और पांच लोग लापता हैं। यह लेख नांदेड, बीड, और परभणी जैसे जिलों में आई बाढ़ की स्थिति, बचाव कार्यों और किसानों को हुए नुकसान पर विस्तृत जानकारी देता है।

Aug 19, 2025 - 20:08
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मराठवाड़ा में बारिश का कहर: 4 की मौत, 5 लापता
मराठवाड़ा में बाढ़ का तांडव: 4 की मौत और 5 लापता, जनजीवन अस्त-व्यस्त

मराठवाड़ा क्षेत्र में पिछले कई दिनों से हो रही मूसलाधार बारिश ने विकराल रूप धारण कर लिया है, जिससे आम जनजीवन बुरी तरह प्रभावित हुआ है। इस प्राकृतिक आपदा के कारण अब तक चार लोगों की जान जा चुकी है और पांच लोग लापता बताए जा रहे हैं।

बारिश से प्रभावित सबसे प्रमुख जिलों में नांदेड, बीड और परभणी शामिल हैं। नांदेड जिले के मुखेड तालुका में बाढ़ से संबंधित घटनाओं में तीन लोगों की मौत हो गई। वहीं, बीड जिले के परळी तालुका में एक दुखद घटना घटी, जब एक व्यक्ति की कार पुल पार करते समय पानी में बह गई, जिससे उसकी मौत हो गई। इन घटनाओं ने स्थानीय प्रशासन और नागरिकों को समान रूप से चिंतित कर दिया है।

लापता लोगों की तलाश में बचाव दल दिन-रात जुटे हुए हैं। अधिकारियों ने बताया कि बाढ़ प्रभावित गांवों से पांच लोगों के लापता होने की खबर मिली थी, जिनमें से तीन महिलाओं के शव बरामद कर लिए गए हैं, जबकि शेष दो लोगों की तलाश जारी है। इसके अलावा, ढडकनाल गांव में एक और दर्दनाक हादसा हुआ, जहां एक कार और एक ऑटोरिक्शा पानी के तेज बहाव में बह गए। इस घटना में कुल सात लोग लापता हो गए थे, जिनमें से तीन को सुरक्षित बचा लिया गया, लेकिन सोमवार देर शाम तक चार लोग अभी भी लापता थे।

क्षेत्रीय प्रशासन ने स्थिति की गंभीरता को देखते हुए राहत और बचाव कार्यों को तेज कर दिया है। विभिन्न स्थानों पर आपदा प्रबंधन टीमों को तैनात किया गया है ताकि प्रभावित लोगों तक तुरंत मदद पहुंचाई जा सके। प्रभावित क्षेत्रों में खाने-पीने का सामान और चिकित्सा सुविधाएं उपलब्ध कराई जा रही हैं।

यह बारिश न केवल जान-माल का नुकसान कर रही है, बल्कि इसने किसानों की कमर भी तोड़ दी है। खेतों में खड़ी खरीफ फसलें, जैसे सोयाबीन, अरहर और कपास, पूरी तरह से पानी में डूब गई हैं। कई गांवों में खेतों में कई फीट तक पानी भर गया है, जिससे फसलें सड़ने लगी हैं। किसानों का कहना है कि उन्होंने जो भी उम्मीदें इन फसलों पर लगाई थीं, वे सब पानी में बह गई हैं। उन्होंने सरकार से तुरंत मदद और उचित मुआवजे की मांग की है।

स्थानीय निवासियों का कहना है कि उन्होंने पिछले कई सालों में ऐसी भारी बारिश नहीं देखी है। नदियों और नालों का जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर बह रहा है, जिससे कई गांवों का संपर्क टूट गया है। सड़कों पर जलभराव और भूस्खलन के कारण यातायात भी बुरी तरह प्रभावित हुआ है।

प्रशासन ने लोगों से अपील की है कि वे बिना वजह घर से बाहर न निकलें और नदियों और नालों के पास जाने से बचें। मौसम विभाग ने आने वाले दिनों में और भी बारिश की चेतावनी जारी की है, जिससे स्थिति और भी खराब होने की आशंका है।

यह आपदा मराठवाड़ा के लोगों के लिए एक बड़ी चुनौती है, और उन्हें इस मुश्किल समय से उबरने के लिए सामूहिक प्रयास और सरकारी सहायता की सख्त जरूरत है।