जयशंकर का SCO को कड़ा संदेश: आतंकवाद पर 'ज़ीरो टॉलरेंस', सुधारों की मांग
शंघाई सहयोग संगठन (SCO) की बैठक में विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने आतंकवाद के खिलाफ 'ज़ीरो टॉलरेंस' (Zero Tolerance) की नीति अपनाने का आह्वान किया। उन्होंने SCO की कार्यप्रणाली में सुधार की मांग करते हुए कहा कि आतंकवाद के खिलाफ आंखें मूंदना और उसे 'व्हाइटवॉश' करना स्वीकार्य नहीं है। (In the SCO meeting, External Affairs Minister S. Jaishankar called for a 'Zero Tolerance' policy against terrorism. Demanding reforms in the SCO's methods, he stated that looking away from and 'whitewashing' terrorism is unacceptable.)
मास्को में आयोजित शंघाई सहयोग संगठन (SCO) की 'काउंसिल ऑफ हेड्स ऑफ गवर्नमेंट' (CHG) की बैठक में भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने आतंकवाद के मुद्दे पर कड़ा रुख अपनाया है। अपने संबोधन में उन्होंने स्पष्ट शब्दों में कहा कि दुनिया को आतंकवाद के प्रति 'ज़ीरो टॉलरेंस' (Zero Tolerance) की नीति अपनानी चाहिए। उन्होंने चेतावनी दी कि आतंकवाद के किसी भी रूप को नजरअंदाज करना या उसे सही ठहराने की कोशिश करना ('whitewashing') खतरनाक है।
जयशंकर ने याद दिलाया कि SCO की स्थापना का मुख्य उद्देश्य आतंकवाद, अलगाववाद और उग्रवाद जैसी तीन बुराइयों से लड़ना था। उन्होंने कहा, "ये खतरे बीते वर्षों में और भी गंभीर हो गए हैं। अब समय आ गया है कि दुनिया आतंकवाद के सभी रूपों और अभिव्यक्तियों के खिलाफ एकजुट होकर खड़ी हो।"
'भारत को अपनी रक्षा का अधिकार'
विदेश मंत्री ने दिल्ली ब्लास्ट और अन्य आतंकी गतिविधियों के संदर्भ में कड़ा संदेश देते हुए कहा, "जैसा कि भारत ने प्रदर्शित किया है, हमारे पास आतंकवाद के खिलाफ अपने लोगों की रक्षा करने का अधिकार है, और हम इसका प्रयोग करेंगे।" यह बयान भारत की सुरक्षा नीति में आए बदलाव और आक्रामकता को दर्शाता है।
SCO में सुधार की मांग
जयशंकर ने केवल समस्याओं की ओर इशारा नहीं किया, बल्कि समाधान भी सुझाए। उन्होंने SCO से बदलते वैश्विक परिदृश्य के अनुकूल खुद को ढालने और अपनी कार्यप्रणाली में सुधार करने का आह्वान किया। उन्होंने कहा, "भारत का मानना है कि SCO को एक विस्तारित एजेंडा विकसित करना चाहिए और अपने काम करने के तरीकों में सुधार करना चाहिए। हम इन उद्देश्यों के लिए सकारात्मक और पूर्ण योगदान देंगे।"
रूस के साथ मजबूत संबंध
अपनी तीन दिवसीय रूस यात्रा के दौरान, जयशंकर ने रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव के साथ द्विपक्षीय, क्षेत्रीय और अंतरराष्ट्रीय मुद्दों पर भी चर्चा की। उन्होंने कहा कि भारत और रूस के संबंध अंतरराष्ट्रीय स्तर पर एक स्थिर कारक (stabilising factor) के रूप में कार्य करते हैं। यह यात्रा राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की आगामी भारत यात्रा की तैयारियों का भी हिस्सा है।
जयशंकर का यह संबोधन भारत की दृढ़ विदेश नीति का प्रमाण है, जो न केवल आतंकवाद के खिलाफ वैश्विक एकजुटता की मांग करती है, बल्कि अंतरराष्ट्रीय मंचों पर सुधारों की वकालत भी करती है।