इंडिगो संकट: 43,000 रुपये का टिकट और 10 घंटे की देरी, हवाई यात्रा हुई बेहाल

भारत की सबसे बड़ी एयरलाइन इंडिगो गंभीर संकट से जूझ रही है। क्रू की कमी और नए नियमों के कारण सैकड़ों उड़ानें रद्द हो गई हैं और हजारों यात्री फंसे हुए हैं। जानिए 43,000 रुपये तक पहुंचे टिकटों के दाम, 10-10 घंटे की देरी और DGCA की सख्ती की पूरी कहानी।

Dec 4, 2025 - 20:58
Dec 4, 2025 - 21:00
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इंडिगो संकट: 43,000 रुपये का टिकट और 10 घंटे की देरी, हवाई यात्रा हुई बेहाल
इंडिगो का 'हवाई' संकट: 43,000 रुपये का टिकट, 10 घंटे की देरी और एयरपोर्ट पर अफरा-तफरी

नई दिल्ली: भारत का उड्डयन क्षेत्र (Aviation Sector) इस समय एक अभूतपूर्व संकट के दौर से गुजर रहा है। देश की सबसे बड़ी एयरलाइन, इंडिगो (IndiGo), जो अपनी समयबद्धता (Punctuality) के लिए जानी जाती थी, आज भारी अव्यवस्था का शिकार है। पिछले कुछ दिनों से सैकड़ों उड़ानें रद्द हो रही हैं, हजारों यात्री हवाई अड्डों पर फंसे हुए हैं, और टिकटों के दाम आसमान छू रहे हैं। स्थिति इतनी गंभीर हो गई है कि नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (DGCA) को हस्तक्षेप करना पड़ा है।

आइए विस्तार से समझते हैं कि आखिर यह संकट क्यों खड़ा हुआ, इसका यात्रियों पर क्या असर हो रहा है और सरकार इस पर क्या कदम उठा रही है।

1. संकट का पैमाना: आंकड़े बयां करते हैं तबाही

इंडिगो के संचालन में आई गिरावट के आंकड़े चौंकाने वाले हैं:

  • समय की पाबंदी (OTP): मंगलवार को इंडिगो की ऑन-टाइम परफॉर्मेंस गिरकर मात्र 35% रह गई। इसका मतलब है कि 100 में से 65 उड़ानें अपने तय समय से देरी से चलीं। यह एयरलाइन के इतिहास में सबसे खराब प्रदर्शनों में से एक है।

  • उड़ानें रद्द: बुधवार और गुरुवार को मिलाकर देश भर में 300 से अधिक उड़ानें रद्द कर दी गईं। दिल्ली, मुंबई, बेंगलुरु और हैदराबाद जैसे प्रमुख हब सबसे ज्यादा प्रभावित हुए हैं।

  • देरी का आलम: कई उड़ानें 8 से 10 घंटे तक देरी से चल रही हैं। सोशल मीडिया पर यात्रियों ने शिकायत की है कि उन्हें बोर्डिंग के बाद घंटों तक विमान में ही बैठाकर रखा गया।

2. क्यों बिगड़े हालात? (असली वजह)

इस भारी अव्यवस्था के पीछे एक नहीं, बल्कि कई कारण जिम्मेदार हैं, लेकिन सबसे बड़ा कारण 'क्रू की कमी' (Crew Shortage) है।

  • नए FDTL नियम: पिछले महीने से पायलटों और केबिन क्रू के लिए उड़ान शुल्क समय सीमा (Flight Duty Time Limitations - FDTL) के नए नियम लागू हुए हैं। इन नियमों का उद्देश्य पायलटों की थकान को कम करना और सुरक्षा बढ़ाना है। इसके तहत पायलटों को अब हफ्ते में कम से कम 48 घंटे का आराम मिलना अनिवार्य है (पहले यह 36 घंटे था)। साथ ही, रात की लैंडिंग की सीमा भी घटा दी गई है।

  • तैयारी की कमी: विशेषज्ञों का कहना है कि इंडिगो, जो पहले से ही कम मैनपावर (Lean Manpower Strategy) पर चल रही थी, इन नए नियमों के लिए तैयार नहीं थी। रोस्टर में बदलाव के कारण अचानक पायलटों की कमी हो गई।

  • तकनीकी और मौसम की मार: रही-सही कसर तकनीकी खामियों और उत्तर भारत में बढ़ते कोहरे ने पूरी कर दी। चेन्नई और आसपास के इलाकों में चक्रवात के कारण भी परिचालन प्रभावित हुआ है।

3. यात्रियों पर दोहरी मार: महंगा टिकट और मानसिक तनाव

इस संकट का सबसे बुरा असर आम यात्रियों पर पड़ा है। एक तरफ जहां उनकी उड़ानें रद्द हो रही हैं, वहीं दूसरी तरफ अंतिम समय में टिकट बुक करना किसी सजा से कम नहीं है।

  • 43,000 रुपये का टिकट: उड़ानों की कमी के कारण टिकट की कीमतें आसमान छू रही हैं। रिपोर्ट्स के मुताबिक, दिल्ली से बेंगलुरु जैसी सामान्य रूट की इकॉनमी क्लास की वन-वे टिकट की कीमत 43,000 रुपये तक पहुंच गई है, जो सामान्य दिनों में 5,000-7,000 रुपये के बीच होती थी।

  • हवाई अड्डों पर अराजकता: दिल्ली के टर्मिनल 1 और 3 पर बैगेज सिस्टम में खराबी और स्टाफ की कमी के कारण यात्रियों को अपने सामान के लिए घंटों इंतजार करना पड़ा। कई यात्रियों ने सोशल मीडिया पर वीडियो साझा किए हैं जिनमें वे एयरपोर्ट स्टाफ के साथ बहस करते और जमीन पर सोते हुए दिखाई दे रहे हैं।

4. DGCA की सख्ती और कारण बताओ नोटिस

हालात बेकाबू होते देख विमानन नियामक DGCA ने कड़ा रुख अपनाया है।

  • जवाब तलब: DGCA ने इंडिगो के शीर्ष प्रबंधन को तलब किया है और इस "अभूतपूर्व व्यवधान" का स्पष्टीकरण मांगा है।

  • मिटिगेशन प्लान: नियामक ने एयरलाइन से तत्काल एक शमन योजना (Mitigation Plan) प्रस्तुत करने को कहा है कि वे इस स्थिति से कैसे निपटेंगे और यात्रियों की असुविधा को कैसे कम करेंगे।

  • निगरानी: DGCA अब एयरलाइन के रद्दीकरण और देरी के आंकड़ों की दैनिक निगरानी कर रहा है।

5. इंडिगो का पक्ष

इंडिगो ने एक बयान जारी कर यात्रियों से माफी मांगी है। एयरलाइन ने कहा कि उसने अपने नेटवर्क को स्थिर करने के लिए "कैलिब्रेटेड एडजस्टमेंट" (Calibrated Adjustments) शुरू किए हैं। इसका मतलब है कि एयरलाइन जानबूझकर कुछ उड़ानें रद्द कर रही है ताकि बाकी का शेड्यूल सुचारू रूप से चल सके। यह व्यवस्था अगले 48 घंटों तक जारी रहने की उम्मीद है।

एयरलाइन ने प्रभावित यात्रियों को पूरा रिफंड या वैकल्पिक उड़ान का विकल्प देने का वादा किया है।

6. यात्री क्या करें? (Passenger Rights)

अगर आप भी इस संकट में फंसे हैं, तो आपको अपने अधिकारों के बारे में पता होना चाहिए:

  • यदि एयरलाइन उड़ान रद्द करती है, तो आप पूर्ण रिफंड के हकदार हैं।

  • यदि उड़ान में अत्यधिक देरी होती है (जैसे 6 घंटे से अधिक), तो एयरलाइन को आपको भोजन और जलपान उपलब्ध कराना चाहिए।

  • यदि देरी 24 घंटे से अधिक है, तो एयरलाइन को होटल में ठहरने की व्यवस्था करनी चाहिए (हालांकि यह नियम 'असाधारण परिस्थितियों' में लागू नहीं होता)।