दिसंबर 2025 का 'कोल्ड मून': साल का आखिरी सुपरमून 4 दिसंबर को दिखेगा, जानें भारत में देखने का समय

वर्ष 2025 का अंतिम सुपरमून, जिसे 'कोल्ड मून' कहा जाता है, 4 दिसंबर को आकाश में अपनी चमक बिखेरेगा। यह सामान्य पूर्णिमा से बड़ा और चमकीला दिखाई देगा। जानें भारत में इसे देखने का सही समय, इसका महत्व और इसे 'कोल्ड मून' क्यों कहा जाता है।

Dec 1, 2025 - 22:55
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दिसंबर 2025 का 'कोल्ड मून': साल का आखिरी सुपरमून 4 दिसंबर को दिखेगा, जानें भारत में देखने का समय
दिसंबर 2025 का 'कोल्ड मून': साल का आखिरी और भव्य सुपरमून, जानें कब और कैसे देखें यह अद्भुत नजारा

साल 2025 अपने अंतिम पड़ाव पर है, और खगोल विज्ञान के प्रेमियों के लिए आकाश में एक अद्भुत खगोलीय घटना घटने वाली है। 4 दिसंबर, 2025 को हमें वर्ष का अंतिम सुपरमून (Supermoon) देखने को मिलेगा, जिसे पारंपरिक रूप से 'कोल्ड मून' (Cold Moon) के नाम से जाना जाता है। यह न केवल इस साल का आखिरी सुपरमून है, बल्कि यह रातों को सामान्य से अधिक रोशन और सुंदर बनाने का वादा करता है।

यदि आप भी इस खगोलीय घटना के साक्षी बनना चाहते हैं, तो यहाँ वह सब कुछ है जो आपको जानना आवश्यक है—भारत में इसे देखने का समय, इसका वैज्ञानिक कारण और इसके नाम के पीछे की दिलचस्प कहानी।

क्या है 'कोल्ड मून' और इसे यह नाम क्यों मिला?

दिसंबर की पूर्णिमा को 'कोल्ड मून' कहा जाता है। यह नाम मूल रूप से उत्तरी अमेरिका की मूल निवासी जनजातियों (Native Americans) द्वारा दिया गया था। दिसंबर का महीना उत्तरी गोलार्ध (Northern Hemisphere) में कड़ाके की ठंड की शुरुआत का प्रतीक होता है। चूंकि इस समय रातें लंबी और ठंडी होती हैं, इसलिए इसे 'कोल्ड मून' नाम दिया गया।

इसके अलावा, इसे 'लॉन्ग नाइट मून' (Long Night Moon) भी कहा जाता है क्योंकि यह शीतकालीन संक्रांति (Winter Solstice) के करीब होता है, जब रातें साल में सबसे लंबी होती हैं। प्राचीन यूरोपीय परंपराओं में इसे 'मून बिफोर यूल' (Moon Before Yule) के नाम से भी जाना जाता था, जो क्रिसमस से पहले आने वाले उत्सवों का संकेत देता था।

सुपरमून क्या है और यह खास क्यों है?

सुपरमून कोई आधिकारिक खगोलीय शब्द नहीं है, लेकिन इसका उपयोग तब किया जाता है जब पूर्णिमा का चांद अपनी कक्षा में पृथ्वी के सबसे करीब बिंदु (जिसे Perigee कहते हैं) पर होता है।

  • निकटता: 4 दिसंबर को चंद्रमा पृथ्वी के काफी करीब होगा, जिससे यह सामान्य पूर्णिमा की तुलना में लगभग 14% बड़ा और 30% अधिक चमकीला दिखाई देगा।

  • दृश्य: चूंकि यह पृथ्वी के पास होगा, इसलिए यह आसमान में एक विशाल और चमकदार गेंद की तरह नजर आएगा, जो देखने वालों के लिए एक अविस्मरणीय दृश्य होगा।

भारत में कब और कैसे देखें?

वैश्विक समय के अनुसार, यह सुपरमून 4 दिसंबर को शाम के समय अपनी पूर्णता पर होगा। भारतीय मानक समय (IST) के अनुसार, चंद्रमा की पूर्ण कला 5 दिसंबर की सुबह 4:44 बजे होगी। इसका मतलब है कि भारत में 4 दिसंबर की शाम से लेकर पूरी रात और 5 दिसंबर की सुबह तक आप इस अद्भुत नजारे का आनंद ले सकते हैं।

देखने के लिए बेहतरीन समय: सबसे बेहतरीन नज़ारा चंद्रोदय (Moonrise) के समय होता है, जो सूर्यास्त के ठीक बाद होता है। जब चांद क्षितिज (Horizon) से ऊपर उठता है, तो 'मून इल्यूजन' (Moon Illusion) के कारण यह और भी विशाल और नारंगी रंग का दिखाई देता है।

कैसे देखें:

  • नंगी आंखों से: इस सुपरमून को देखने के लिए आपको किसी विशेष उपकरण की आवश्यकता नहीं है। आप इसे अपनी छत, बालकनी या किसी खुले मैदान से नंगी आंखों से स्पष्ट देख सकते हैं।

  • दूरबीन या टेलिस्कोप: यदि आप चंद्रमा की सतह, उसके क्रेटर और पहाड़ों को बारीकी से देखना चाहते हैं, तो एक साधारण दूरबीन (Binoculars) या छोटे टेलिस्कोप का उपयोग कर सकते हैं।

  • स्थान: शहर की रोशनी से दूर किसी अंधेरी जगह पर जाना सबसे अच्छा रहेगा, जहां से पूर्व दिशा का क्षितिज साफ दिखाई दे।

इस सुपरमून का आध्यात्मिक महत्व

ज्योतिष और आध्यात्मिक मान्यताओं में भी 'कोल्ड मून' का विशेष स्थान है। साल का आखिरी चंद्र चक्र होने के कारण, इसे समापन और नई शुरुआत का प्रतीक माना जाता है। यह समय आत्म-चिंतन (Self-reflection) करने, पुराने बोझ को छोड़ने और आने वाले नए साल के लिए नई ऊर्जा संजोने का माना जाता है। कई संस्कृतियों में लोग इस दौरान शांति और स्थिरता के लिए प्रार्थना करते हैं।

निष्कर्ष

4 दिसंबर का यह सुपरमून प्रकृति की सुंदरता को निहारने का एक शानदार अवसर है। सर्दियों की ठंडी हवा और आसमान में चमकता हुआ विशाल 'कोल्ड मून' एक जादुई अनुभव प्रदान करेगा। तो, अपने कैलेंडर में तारीख नोट कर लें और इस साल के आखिरी आकाशीय शो को मिस न करें।

अगला सुपरमून कब होगा? खगोलविदों के अनुसार, इसके बाद अगला सुपरमून जनवरी 2026 में दिखाई देने की उम्मीद है, जिसे 'वुल्फ मून' (Wolf Moon) कहा जाएगा।