भारत ने UN में फिलीस्तीन का साथ दिया, संप्रभु राष्ट्र के पक्ष में वोट
भारत ने संयुक्त राष्ट्र में 142 अन्य देशों के साथ एक प्रस्ताव के पक्ष में वोट किया है, जो फिलीस्तीन को एक स्वतंत्र और संप्रभु राष्ट्र के रूप में मान्यता देता है। यह लेख इजरायल-फिलीस्तीन संघर्ष पर भारत के रुख और इस वोट के महत्व पर केंद्रित है।
भारत ने एक बार फिर फिलीस्तीन (Palestine) के प्रति अपने ऐतिहासिक समर्थन को दोहराया है। संयुक्त राष्ट्र महासभा में हुए एक महत्वपूर्ण मतदान में, भारत ने 142 अन्य देशों के साथ एक प्रस्ताव के पक्ष में वोट किया, जो फिलीस्तीन को एक स्वतंत्र और संप्रभु राष्ट्र के रूप में मान्यता देता है। इस वोट ने इस संवेदनशील मुद्दे पर भारत के लंबे समय से चले आ रहे रुख को मजबूती प्रदान की है, और यह दिखाता है कि भारत 'टू-स्टेट सॉल्यूशन' (Two-State Solution) के लिए प्रतिबद्ध है।
यह प्रस्ताव, जिसे "इजरायली कब्जे से फिलीस्तीनी लोगों की स्वतंत्रता" कहा जाता है, इजरायल के कब्जे वाले क्षेत्रों में सभी निर्माण और विस्तार गतिविधियों को तुरंत रोकने की मांग करता है। भारत का यह वोट महत्वपूर्ण है क्योंकि यह अंतरराष्ट्रीय मंच पर उसकी विदेश नीति को स्पष्ट करता है, जो फिलीस्तीन की संप्रभुता का समर्थन करती है, जबकि साथ ही इजरायल के साथ अपने रणनीतिक संबंधों को भी बनाए रखती है।
इस प्रस्ताव पर हुई वोटिंग में, जहां 143 देशों ने इसके पक्ष में मतदान किया, वहीं केवल 7 देशों ने इसके खिलाफ वोट दिया, और 22 देश अनुपस्थित रहे। इस बहुमत से यह साफ है कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय का एक बड़ा हिस्सा फिलीस्तीनी लोगों के अधिकारों का समर्थन करता है।
भारत के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने इस वोट पर टिप्पणी करते हुए कहा कि "हमारा रुख हमेशा से ही स्पष्ट और सुसंगत रहा है। हम मानते हैं कि फिलीस्तीन और इजरायल दोनों को अपनी-अपनी सीमाओं के भीतर शांति और सुरक्षा के साथ रहने का अधिकार है।" उन्होंने कहा कि "हम हमेशा से फिलीस्तीन की संप्रभुता के पक्ष में रहे हैं और यह वोट उसी रुख का प्रतिबिंब है।"
इस वोट के बावजूद, भारत और इजरायल के बीच संबंध मजबूत बने हुए हैं। हाल ही में दोनों देशों के बीच व्यापार, प्रौद्योगिकी और रक्षा के क्षेत्र में कई महत्वपूर्ण समझौते हुए हैं। इजरायल भारत के लिए एक महत्वपूर्ण रक्षा आपूर्तिकर्ता है, और दोनों देश आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में भी सहयोग कर रहे हैं।
यह स्थिति भारत की जटिल और संतुलित विदेश नीति को दर्शाती है, जहां वह एक ही समय में विभिन्न देशों के साथ अपने संबंधों को साधने में सक्षम है। भारत का यह वोट फिलीस्तीनी लोगों के लिए एक नैतिक और कूटनीतिक जीत है, और यह अंतरराष्ट्रीय स्तर पर इस मुद्दे पर भारत की भूमिका को और भी मजबूत करता है।