लाल किला धमाका: 'व्हाइट-कॉलर' टेरर मॉड्यूल के 6 डॉक्टर गिरफ्तार
दिल्ली के लाल किला के पास हुए भीषण कार धमाके के पीछे जैश-ए-मोहम्मद और अंसार ग़ज़वत-उल-हिंद से जुड़े 6 डॉक्टरों सहित एक 'व्हाइट-कॉलर टेरर मॉड्यूल' का भंडाफोड़ हुआ है। जानिए उमर, मुज़म्मिल, और अन्य डॉक्टरों की पहचान और उनकी भूमिका क्या थी। (A 'white-collar terror module' involving 6 doctors linked to Jaish-e-Mohammed and Ansar Ghazwat-ul-Hind has been unearthed behind the high-intensity car blast near Delhi's Red Fort. Know the identities and roles of Umar, Muzammil, and other doctors.)
दिल्ली के लाल किला के पास हुए एक हाई-इंटेंसिटी धमाके ने न केवल राजधानी को हिलाकर रख दिया, बल्कि इसके पीछे एक बड़े और 'व्हाइट-कॉलर टेरर मॉड्यूल' का पर्दाफाश किया है। इस धमाके में कम से कम 12 लोगों की मौत हुई थी और कई घायल हुए थे। इस आतंकी मॉड्यूल में डॉक्टर, मौलवी और उच्च शिक्षा प्राप्त पेशेवर शामिल हैं, जिनके तार प्रतिबंधित आतंकी संगठनों जैश-ए-मोहम्मद (JeM) और अंसार ग़ज़वत-उल-हिंद (AGuH) से जुड़े हैं। जम्मू-कश्मीर, हरियाणा, उत्तर प्रदेश पुलिस और केंद्रीय एजेंसियों द्वारा चलाए गए संयुक्त अभियानों में कम से कम सात संदिग्धों को गिरफ्तार किया गया है, जिनमें फ़रीदाबाद के अल-फ़लाह विश्वविद्यालय से जुड़े डॉक्टर भी शामिल हैं। अधिकारियों ने कई राज्यों से 2,900 किलोग्राम से अधिक विस्फोटक और आग्नेयास्त्र भी बरामद किए हैं। नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी (NIA) ने अब इस मामले की जाँच अपने हाथ में ले ली है।
आतंकी मॉड्यूल में शामिल 6 डॉक्टर और पेशेवर
जांच में खुलासा हुआ है कि यह मॉड्यूल शिक्षित पेशेवरों का उपयोग भर्ती, लॉजिस्टिक्स और हमले की योजना बनाने के लिए कर रहा था। गिरफ्तार किए गए प्रमुख संदिग्धों का विवरण इस प्रकार है:
1. डॉ. मुज़म्मिल गनई (Dr. Muzammil Ganaie)
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भूमिका: इस मॉड्यूल के प्रमुख व्यक्तियों में से एक।
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प्रोफाइल: 35 वर्षीय मुज़म्मिल जम्मू-कश्मीर के पुलवामा से है और फ़रीदाबाद के अल-फ़लाह विश्वविद्यालय में डॉक्टर के रूप में कार्यरत था और एमबीबीएस छात्रों को पढ़ाता था।
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बरामदगी: उसकी किराए की जगह से 358 किलोग्राम अमोनियम नाइट्रेट, एक क्रिनकोव असॉल्ट राइफल, तीन मैगज़ीन, 91 जीवित गोलियां, एक पिस्तौल और बम बनाने का सामान मिला।
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हमले की योजना: पुलिस के अनुसार, मुज़म्मिल ने 26 जनवरी (गणतंत्र दिवस) के लिए योजनाबद्ध हमले से पहले लाल किला क्षेत्र के कई बार रेकी (Reconnaissance) की थी।
2. डॉ. उमर उन नबी (Dr. Umar Un Nabi)
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भूमिका: माना जाता है कि लाल किला के पास धमाके वाली i20 कार यही चला रहा था, जिसमें 10 से अधिक लोग मारे गए थे।
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प्रोफाइल: यह भी पुलवामा से है और अल-फ़लाह विश्वविद्यालय से जुड़ा था।
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गिरफ्तारी और कार्रवाई: अधिकारियों ने पुष्टि की है कि धमाके के दौरान उमर वाहन में मौजूद था। उसका काम विस्फोटकों के भंडारण और परिवहन का समन्वय करना था।
3. डॉ. अदील अहमद राथेर (Dr. Adeel Ahmad Rather)
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भूमिका: मुज़म्मिल और उमर उन नबी के साथ करीबी से काम करता था।
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प्रोफाइल: कश्मीर के कुलगाम से है और अल-फ़लाह विश्वविद्यालय में कार्यरत था। पहले जीएमसी श्रीनगर में सीनियर रेजिडेंट के तौर पर काम करता था।
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बरामदगी: सहारनपुर, उत्तर प्रदेश से इसकी गिरफ्तारी के बाद, जीएमसी श्रीनगर में इसके लॉकर से AK-47 राइफल बरामद हुई।
4. डॉ. शाहीन सईद (Dr. Shaheen Sayeed)
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भूमिका: डॉ. मुज़म्मिल की करीबी सहयोगी और लॉजिस्टिक्स में सक्रिय।
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प्रोफाइल: लखनऊ की एक डॉक्टर।
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विवाद: मुज़म्मिल की गिरफ्तारी के बाद घबराकर इसने एक असॉल्ट राइफल को फ़रीदाबाद में अपनी कार से निकालकर डस्टबिन में फेंक दिया था। वह फ़रीदाबाद और कश्मीर के बीच संचार की कड़ी थी।
5. डॉ. अहमद मोहिउद्दीन सैयद (Dr. Ahmed Mohiyuddin Saiyed)
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भूमिका: हैदराबाद मॉड्यूल का प्रमुख।
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प्रोफाइल: हैदराबाद का निवासी, जिसने चीन से एमबीबीएस की डिग्री ली थी और राजेंद्रनगर में एक शवारमा (Shawarma) का कारोबार चला रहा था। यह इस्लामिक स्टेट-खुरासान प्रांत (ISKP) से जुड़े एक हैंडलर के संपर्क में था।
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बरामदगी: इसके पास से दो ग्लॉक पिस्तौल, एक बेरेटा, जीवित गोला-बारूद, और 4 किलोग्राम कैस्टर-बीन मैश (रिकिन जहर निकालने के लिए इस्तेमाल होने वाली सामग्री) जब्त किया गया।
6. मौलवी हफ़ीज़ मोहम्मद इश्तिआक (Maulvi Hafeez Mohammad Ishtiaq)
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भूमिका: बड़े पैमाने पर विस्फोटक (Explosives) छिपाने और लॉजिस्टिक्स सपोर्ट का प्रदाता।
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प्रोफाइल: हरियाणा के मेवात का रहने वाला, और अल-फ़लाह मस्जिद में इमाम था।
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बरामदगी: अल-फ़लाह विश्वविद्यालय परिसर में इसके आवास से 2,500 किलोग्राम से अधिक विस्फोटक बरामद किया गया।
बढ़ते खतरे और जांच का दायरा
अधिकारियों ने इस मॉड्यूल को "व्हाइट-कॉलर टेरर नेटवर्क" बताया है, जो शैक्षिक संस्थानों और पेशेवर पदों का फायदा उठाकर भर्ती और लॉजिस्टिक्स को अंजाम दे रहा था। गिरफ्तार किए गए लोगों के जब्त किए गए उपकरणों में कई पाकिस्तानी फोन नंबर पाए गए हैं, जिससे उनकी सीमा पार कनेक्शन की पुष्टि होती है।
यह मामला दिखाता है कि कैसे आतंकवादी संगठन अब गरीब और अशिक्षित युवाओं को ही नहीं, बल्कि समाज के शिक्षित वर्ग को भी निशाना बना रहे हैं। यह विस्फोट गणतंत्र दिवस पर योजनाबद्ध था, लेकिन सुरक्षा बढ़ाए जाने के कारण इसे टाल दिया गया था। जांच एजेंसियां दिल्ली, जम्मू-कश्मीर, हरियाणा और उत्तर प्रदेश में और गिरफ्तारियों की उम्मीद के साथ अपनी जांच जारी रखे हुए हैं।