संभाजीनगर: ₹1.17 करोड़ का ATM कैश घोटाला, 6 फरार आरोपी गिरफ्तार
छत्रपति संभाजीनगर पुलिस की क्राइम ब्रांच ने एक बड़ी कार्रवाई करते हुए ₹1.17 करोड़ के एटीएम कैश लोडिंग घोटाले में फरार 6 आरोपियों को गिरफ्तार किया है। यह धोखाधड़ी 2021-22 में हुई थी, जब एटीएम में नकदी भरने वाली कंपनी के कर्मचारियों ने हेराफेरी की थी। जानिए कैसे पुलिस ने खुफिया इनपुट के आधार पर जाल बिछाकर उन्हें पकड़ा।
छत्रपति संभाजीनगर: "कानून के हाथ लंबे होते हैं" - यह कहावत एक बार फिर सच साबित हुई है। छत्रपति संभाजीनगर (औरंगाबाद) पुलिस की क्राइम ब्रांच ने एक विशेष अभियान के तहत 2022 से फरार चल रहे 6 आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है। इन पर एटीएम (ATM) में नकदी भरने वाली एक कंपनी के साथ ₹1.17 करोड़ की धोखाधड़ी करने का आरोप है।
यह मामला सिडको (CIDCO) पुलिस स्टेशन में दर्ज किया गया था, लेकिन आरोपी घटना के बाद से ही पुलिस को चकमा दे रहे थे। पुलिस कमिश्नर प्रवीण पवार के नेतृत्व में क्राइम ब्रांच ने तकनीकी निगरानी और खबरी नेटवर्क का इस्तेमाल कर उन्हें दबोच लिया।
क्या था पूरा मामला?
पुलिस के अनुसार, यह धोखाधड़ी 5 फरवरी 2021 से 5 मार्च 2022 के बीच अंजाम दी गई थी। शिकायतकर्ता रमेश रायभान साठे ने बताया कि उनकी कंपनी विभिन्न बैंकों के एटीएम में नकदी भरने का काम करती थी। आरोपी, जो इसी कंपनी के कर्मचारी या सहयोगी थे, ने एटीएम मशीनों में पैसा भरने के बजाय उस रकम का गबन कर लिया। उन्होंने मिलकर कंपनी को ₹1.17 करोड़ का चूना लगाया।
जब कंपनी को इस घोटाले का पता चला, तो 5 मार्च 2022 को सिडको पुलिस स्टेशन में आईपीसी की धारा 420 (धोखाधड़ी), 409 (विश्वासघात), 468 (जालसाजी) और 34 (समान मंशा) के तहत मामला दर्ज कराया गया। लेकिन तब तक आरोपी फरार हो चुके थे।
क्राइम ब्रांच का ऑपरेशन: कैसे पकड़े गए आरोपी?
4 दिसंबर 2025 को, पीएसआई नवनाथ पटवाडकर के नेतृत्व में क्राइम ब्रांच की एक विशेष टीम शहर में गश्त कर रही थी। तभी उन्हें मुखबिर से सूचना मिली कि इस हाई-प्रोफाइल फ्रॉड के आरोपी शहर के अलग-अलग इलाकों में छिपे हुए हैं।
पुलिस ने तुरंत जाल बिछाया और निम्नलिखित आरोपियों को गिरफ्तार किया:
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भावसिंगपुरा से: अमित विश्वनाथ गंगावणे (35), अनिल अशोक कांबले (35) और योगेश पुंजा राम काजलकर (37)।
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हर्सूल से: सचिन एकनाथ रंधे (32) को जटवाड़ा रोड पर पीछा करके पकड़ा गया।
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उस्मानपुरा से: सिद्धांत रमाकांत हिवराले (27) को गोपाल टी चौक से उठाया गया।
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बजाज नगर से: संजय भालचंद्र जाधव (44) को तकनीकी विश्लेषण (Technical Analysis) की मदद से मोहता देवी चौक स्थित एक कपड़े की दुकान से गिरफ्तार किया गया।
पुलिस का बयान
क्राइम ब्रांच के इंस्पेक्टर गजानन कल्याणकर ने बताया कि यह ऑपरेशन काफी चुनौतीपूर्ण था क्योंकि आरोपी लगातार अपनी लोकेशन बदल रहे थे। उन्होंने कहा, "हमने निगरानी इनपुट्स और फील्ड वेरिफिकेशन का उपयोग करके उनकी गतिविधियों को ट्रैक किया। अब जब वे हिरासत में हैं, तो हमें उम्मीद है कि गबन किए गए पैसे के बारे में और सबूत मिलेंगे।"
सभी 6 आरोपियों का मेडिकल परीक्षण कराने के बाद उन्हें आगे की पूछताछ और कानूनी कार्यवाही के लिए सिडको पुलिस को सौंप दिया गया है।
निष्कर्ष
यह गिरफ्तारी उन आर्थिक अपराधियों के लिए एक कड़ा संदेश है जो सोचते हैं कि वे सिस्टम को धोखा देकर बच सकते हैं। एटीएम कैश लोडिंग में होने वाली ऐसी धोखाधड़ी न केवल बैंकों और कंपनियों के लिए नुकसानदेह है, बल्कि यह आम जनता के भरोसे को भी तोड़ती है। पुलिस की इस तत्परता से उम्मीद जगी है कि न्याय होगा और गबन की गई राशि वसूल की जा सकेगी।