संभाजीनगर: ₹20,000 की रिश्वत लेती महिला कांस्टेबल रंगे हाथों गिरफ्तार
छत्रपति संभाजीनगर (Chhatrapati Sambhajinagar) में भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (ACB) ने एक महिला पुलिस कांस्टेबल को ₹20,000 की रिश्वत लेते रंगे हाथों गिरफ्तार किया है। जानिए दौलताबाद पुलिस स्टेशन की इस घटना की पूरी कहानी और कैसे ACB ने बिछाया जाल।
छत्रपति संभाजीनगर: "कानून के रखवाले जब खुद कानून तोड़ने लगें, तो आम जनता का भरोसा डगमगा जाता है।" ऐसा ही एक मामला छत्रपति संभाजीनगर (जिसे पहले औरंगाबाद कहा जाता था) में सामने आया है, जहां एक महिला पुलिस कांस्टेबल को भ्रष्टाचार के दलदल में फंसते देखा गया। भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (ACB) ने एक सटीक और योजनाबद्ध कार्रवाई करते हुए दौलताबाद पुलिस स्टेशन में तैनात एक महिला कांस्टेबल को ₹20,000 की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया।
यह घटना गुरुवार को हुई और इसने पुलिस महकमे में हड़कंप मचा दिया है। गिरफ्तार आरोपी की पहचान लता दराडे (37 वर्ष) के रूप में हुई है।
क्या था रिश्वत का मामला?
ACB के अधिकारियों के अनुसार, यह मामला एक पुलिस शिकायत को दबाने और उसमें आगे की कार्यवाही को रोकने से जुड़ा था।
शिकायतकर्ता (एक महिला) और उसके दोस्त राहुल के खिलाफ शिकायतकर्ता के पति ने दौलताबाद पुलिस स्टेशन में एक शिकायत दर्ज कराई थी। इस मामले की जांच का जिम्मा कांस्टेबल लता दराडे के पास था।
आरोप है कि लता दराडे ने शिकायतकर्ता महिला और उसके दोस्त राहुल को मामले में राहत देने, उनके पक्ष में काम करने और आगे की पुलिस कार्यवाही (NC - Non-Cognizable offense) को रोकने के बदले में रिश्वत की मांग की। उसने दोनों से ₹10,000 - ₹10,000 (कुल ₹20,000) की मांग की थी।
शिकायत और ACB का जाल (The Trap)
शिकायतकर्ता ने रिश्वत देने के बजाय भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज उठाने का फैसला किया। बुधवार को वह छत्रपति संभाजीनगर स्थित ACB कार्यालय पहुंची और महिला कांस्टेबल के खिलाफ लिखित शिकायत दर्ज कराई।
ACB की टीम ने तुरंत हरकत में आते हुए शिकायत का सत्यापन (Verification) किया। जब यह पुष्टि हो गई कि कांस्टेबल ने वाकई रिश्वत मांगी है, तो एक जाल बिछाया गया।
गुरुवार को, जैसे ही लता दराडे ने रिश्वत की रकम स्वीकार की, ACB की टीम ने उसे रंगे हाथों पकड़ लिया। उसके हाथों पर लगे रसायनों (Phenolphthalein powder) ने उसकी संलिप्तता की पुष्टि कर दी।
अधिकारियों का बयान
इस सफल ऑपरेशन के बारे में जानकारी देते हुए, ACB की पुलिस अधीक्षक (SP) माधुरी केदार-कांगने ने कहा:
"हम किसी भी सरकारी अधिकारी या कर्मचारी द्वारा अवैध रूप से धन की मांग करने के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। नागरिकों को बिना किसी डर के आगे आना चाहिए और ऐसी घटनाओं की रिपोर्ट करनी चाहिए। हर शिकायत को पूरी गोपनीयता और गंभीरता के साथ संभाला जाता है।"
कानूनी कार्रवाई
आरोपी कांस्टेबल के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम (Prevention of Corruption Act, 1988) की संबंधित धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है। उसे निलंबित (Suspend) किया जाना तय माना जा रहा है और विभागीय जांच भी शुरू की जाएगी। यदि दोषी पाई जाती है, तो उसे जेल की सजा और नौकरी से बर्खास्तगी का सामना करना पड़ सकता है।
नागरिक क्या करें?
यह घटना एक उदाहरण है कि जागरूकता और साहस से भ्रष्टाचार को हराया जा सकता है। यदि कोई भी लोक सेवक (सरकारी कर्मचारी) आपसे रिश्वत मांगता है, तो आप इन माध्यमों से शिकायत कर सकते हैं:
-
ACB हेल्पलाइन नंबर: 1064 (टोल-फ्री)
-
वेबसाइट: acbmaharashtra.gov.in
-
मोबाइल ऐप: ACB Maharashtra
निष्कर्ष
संभाजीनगर में हुई यह कार्रवाई भ्रष्ट अधिकारियों के लिए एक कड़ा संदेश है। जहां एक ओर पुलिसकर्मी अपनी ड्यूटी और ईमानदारी के लिए जाने जाते हैं, वहीं कुछ 'काली भेड़ें' विभाग की छवि को धूमिल कर देती हैं। ACB की यह तत्परता सराहनीय है और उम्मीद है कि इससे अन्य भ्रष्ट अधिकारियों में भी कानून का डर पैदा होगा।