अडानी ग्रुप के शेयरों में उछाल: एक दिन में मार्केट कैप 66,000 करोड़ बढ़ा
हिंडनबर्ग मामले में सेबी (SEBI) से क्लीन चिट मिलने के बाद अडानी ग्रुप की कंपनियों के शेयरों में भारी उछाल आया है। एक ही दिन में ग्रुप का मार्केट कैप ₹66,000 करोड़ बढ़ गया, जिससे निवेशकों का भरोसा वापस लौटता दिख रहा है।
भारतीय शेयर बाजार में शुक्रवार का दिन अडानी ग्रुप (Adani Group) की कंपनियों के लिए एक ऐतिहासिक दिन रहा। हिंडनबर्ग मामले में भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (SEBI) से क्लीन चिट मिलने के बाद, ग्रुप के शेयरों में जोरदार खरीदारी देखने को मिली, जिससे एक ही दिन में ग्रुप का मार्केट कैपिटलाइजेशन (market capitalization) ₹66,000 करोड़ से अधिक बढ़ गया। यह उछाल निवेशकों के खोए हुए भरोसे की वापसी का एक स्पष्ट संकेत है। सेबी के आदेश ने, जिसमें हिंडनबर्ग द्वारा लगाए गए स्टॉक हेरफेर (stock manipulation) और संबंधित-पार्टी के दुरुपयोग के आरोपों को खारिज कर दिया गया था, निवेशकों के बीच विश्वास की लहर पैदा की। इस आदेश के बाद, अडानी ग्रुप की सभी लिस्टेड कंपनियों के शेयर हरे निशान में बंद हुए, जिनमें से अडानी पावर (Adani Power) सबसे बड़ा गेनर रहा।
अडानी पावर के शेयर में 12% की भारी बढ़ोतरी दर्ज की गई, और यह अपने 52-सप्ताह के उच्चतम स्तर पर पहुंच गया। मॉर्गन स्टेनली (Morgan Stanley) जैसी वैश्विक वित्तीय फर्म ने भी अडानी पावर पर 'ओवरवेट' रेटिंग के साथ कवरेज शुरू की है, जो एक दशक में इस तरह की पहली सिफारिश है। यह कदम खुदरा निवेशकों और वैश्विक संस्थागत हितधारकों दोनों के बीच बढ़ते भरोसे का प्रतीक है।
इस तेजी के बाद, अडानी ग्रुप की कंपनियों का कुल मार्केट कैप बढ़कर लगभग ₹14 लाख करोड़ हो गया है। यह रिकवरी न केवल अडानी ग्रुप के लिए, बल्कि पूरे भारतीय शेयर बाजार के लिए एक सकारात्मक संकेत है। यह दिखाता है कि कैसे नियामक निकायों की स्पष्टता और पारदर्शिता से बाजार में स्थिरता लौट सकती है।
हिंडनबर्ग रिपोर्ट के बाद अडानी ग्रुप को एक बड़े संकट का सामना करना पड़ा था, जिससे उसके मार्केट कैप में भारी गिरावट आई थी। लेकिन, सेबी की जांच के बाद आई यह रिपोर्ट ग्रुप के लिए एक बड़ी जीत है और यह उसके मजबूत व्यापारिक मॉडल और संचालन को साबित करती है।