तुर्की के राष्ट्रपति एर्दोगन को भारत का करारा जवाब: UN में कश्मीर पर टिप्पणी 'अवांछित'

संयुक्त राष्ट्र महासभा में तुर्की के राष्ट्रपति रेसेप तईप एर्दोगन द्वारा कश्मीर पर की गई टिप्पणी पर भारत ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है। भारत ने इसे 'अवांछित' (unwarranted) बताते हुए तुर्की को भारत के आंतरिक मामलों से दूर रहने की चेतावनी दी है।

Sep 26, 2025 - 22:57
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तुर्की के राष्ट्रपति एर्दोगन को भारत का करारा जवाब: UN में कश्मीर पर टिप्पणी 'अवांछित'
संयुक्त राष्ट्र में तुर्की की टिप्पणी पर भारत का कड़ा रुख: 'एर्दोगन के बयान अवांछित, हमारे आंतरिक मामलों में दखल न दें'

संयुक्त राष्ट्र महासभा (UNGA) में तुर्की के राष्ट्रपति रेसेप तईप एर्दोगन द्वारा कश्मीर पर की गई टिप्पणी को लेकर भारत ने कड़ी आपत्ति जताई है। भारत ने एर्दोगन के बयान को 'अवांछित' (Unwarranted) करार दिया है और स्पष्ट रूप से कहा है कि तुर्की को भारत के आंतरिक मामलों में दखल नहीं देना चाहिए। यह घटनाक्रम भारत और तुर्की के बीच संबंधों में चल रहे तनाव को और बढ़ाता है।

एर्दोगन ने अपने भाषण में कश्मीर के लोगों के आत्मनिर्णय के अधिकार का समर्थन किया और कहा कि कश्मीर मुद्दा अभी भी हल नहीं हुआ है। उन्होंने कश्मीर विवाद को संयुक्त राष्ट्र के प्रस्तावों के अनुरूप हल करने का आह्वान किया। तुर्की के राष्ट्रपति लंबे समय से कश्मीर पर पाकिस्तान के रुख का समर्थन करते रहे हैं, और उनका यह बयान इसी नीति का विस्तार है।

भारत की ओर से तीखी प्रतिक्रिया

एर्दोगन के भाषण के तुरंत बाद, भारत के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने तीखी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि "हमने संयुक्त राष्ट्र महासभा में तुर्की के राष्ट्रपति द्वारा भारत के केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर पर की गई टिप्पणियों को देखा है। ये टिप्पणियां पूरी तरह से अवांछित और अस्वीकार्य हैं।"

भारत ने तुर्की को यह भी याद दिलाया कि वह एक ऐसे देश की तरह बर्ताव करे जो क्षेत्रीय संप्रभुता और अखंडता का सम्मान करता हो। भारत का स्पष्ट संदेश था कि कश्मीर का मुद्दा पूरी तरह से भारत का आंतरिक मामला है, और किसी भी देश को इस पर टिप्पणी करने का कोई अधिकार नहीं है।

तुर्की के रुख का इतिहास

तुर्की और भारत के बीच संबंध अक्सर तब तनावपूर्ण हो जाते हैं जब तुर्की कश्मीर मुद्दा उठाता है। तुर्की, पाकिस्तान के सबसे करीबी सहयोगियों में से एक रहा है, और वह हमेशा ही अंतरराष्ट्रीय मंचों पर पाकिस्तान के समर्थन में खड़ा रहता है।

यह विवाद एक ऐसे समय में सामने आया है जब भारत दुनिया में अपनी स्थिति को मजबूत कर रहा है। भारत का यह कड़ा जवाब दिखाता है कि वह किसी भी देश को अपने आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप नहीं करने देगा, चाहे वह उसका सहयोगी हो या न हो।