बीड़ में बीजेपी को झटका: पूर्व विधायक भीमराव धोंडे NCP में शामिल
स्थानीय निकाय चुनावों से पहले बीड़ में बीजेपी को बड़ा झटका लगा है। चार बार के पूर्व विधायक भीमराव धोंडे राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) में शामिल हो गए हैं। वहीं, धनंजय मुंडे के करीबी सहयोगी ने एनसीपी (शरद पवार) गुट का दामन थाम लिया है। (BJP faces a major setback in Beed ahead of local body elections. Former four-time MLA Bhimrao Dhonde joined the Nationalist Congress Party (NCP). Additionally, a close associate of Dhananjay Munde joined the NCP (Sharad Pawar) faction.)
महाराष्ट्र के बीड़ जिले की राजनीति में स्थानीय निकाय चुनावों से ठीक पहले एक बड़ा उलटफेर देखने को मिला है। चार बार के अनुभवी विधायक भीमराव धोंडे ने भारतीय जनता पार्टी (BJP) को छोड़कर राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) का दामन थाम लिया है। यह कदम बीजेपी और विशेष रूप से कैबिनेट मंत्री पंकजा मुंडे के परिवार के लिए एक महत्वपूर्ण झटका माना जा रहा है, क्योंकि धोंडे अष्टी क्षेत्र में खासा प्रभाव रखते हैं और मुंडे परिवार के कट्टर समर्थक रहे हैं।
धोंडे ने बीजेपी छोड़ने के पीछे अष्टी क्षेत्र में विकास परियोजनाओं में स्थानीय विधायक द्वारा बाधा डालने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि उनका उद्देश्य अष्टी में एक सहकारी चीनी मिल को पुनर्जीवित करना, 500 बिस्तरों वाला कैंसर अस्पताल स्थापित करना और युवाओं के लिए रोजगार सृजित करना है। धोंडे ने बीजेपी विधायक सुरेश धस पर विकास कार्यों को बाधित करने का आरोप लगाया, हालांकि धस ने इन आरोपों को निराधार बताया है।
धनंजय मुंडे के खेमे में सेंध
बीड़ की राजनीति में एक और महत्वपूर्ण बदलाव आया है, जिसने एनसीपी के विधायक और पूर्व मंत्री धनंजय मुंडे की संभावनाओं को कमज़ोर कर दिया है। परळी नगर परिषद के पूर्व अध्यक्ष दीपक देशमुख ने शरद पवार के नेतृत्व वाली एनसीपी (शरद पवार) गुट में शामिल होने का फैसला किया है। देशमुख को पहले धनंजय मुंडे का करीबी सहयोगी माना जाता था।
एनसीपी (शरद पवार) के बीड़ से सांसद बजरंग सोनावणे ने देशमुख को पार्टी में लाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। सोनावणे ने कहा कि "हमारी पार्टी आगामी चुनावों में पूरी ताकत से लड़ेगी।" उन्होंने दावा किया कि परळी के कई नेता, जो क्षेत्र के विकास के प्रति प्रतिबद्ध हैं, अब धनंजय मुंडे के विकल्पों की तलाश कर रहे हैं।
सत्ता संघर्ष और आगामी चुनाव
ये दोनों राजनीतिक घटनाक्रम बीड़ जिले में आगामी स्थानीय निकाय चुनावों के लिए माहौल को गर्मा रहे हैं। भीमराव धोंडे का एनसीपी में जाना बीजेपी के लिए एक बड़ा नुकसान है, क्योंकि धोंडे का ग्रामीण इलाकों में अच्छा प्रभाव है। वहीं, दीपक देशमुख का शरद पवार गुट में शामिल होना, मुंडे परिवार के भीतर चल रहे सत्ता संघर्ष को और तेज करता है। यह स्पष्ट है कि महाराष्ट्र में राजनीतिक दल आगामी चुनावों से पहले अपनी-अपनी स्थिति मजबूत करने में लगे हैं, और दलबदल की यह लहर बीड़ में एक रोमांचक और प्रतिस्पर्धी चुनाव की नींव रख रही है।