जीएसटी उत्सव: पीएम मोदी की 'स्वदेशी' पिच, 'मेक इन इंडिया' पर जोर

जीएसटी सुधारों के तहत, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक पत्र में 'जीएसटी बचत उत्सव' का ऐलान किया है। उन्होंने 'स्वदेशी' उत्पादों को खरीदने और बेचने पर जोर दिया और 'मेक इन इंडिया' की पिच देते हुए कहा कि यह सुधार 'विकसित भारत' के लक्ष्य को प्राप्त करने में मदद करेगा।

Sep 22, 2025 - 22:08
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जीएसटी उत्सव: पीएम मोदी की 'स्वदेशी' पिच, 'मेक इन इंडिया' पर जोर
पीएम मोदी का 'जीएसटी बचत उत्सव' का ऐलान: 'स्वदेशी' को अपनाएं, भारत को आत्मनिर्भर बनाएं

भारत में वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) सुधारों के एक नए अध्याय की शुरुआत हो चुकी है। इस महत्वपूर्ण अवसर पर, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक पत्र लिखकर 'जीएसटी बचत उत्सव' का ऐलान किया है, जिसे वह "जीएसटी रिफॉर्म्स 2.0" का हिस्सा मानते हैं। इस पत्र में, उन्होंने आम जनता से लेकर छोटे व्यापारियों तक को संबोधित करते हुए एक मजबूत और आत्मनिर्भर भारत के निर्माण के लिए एक स्पष्ट संदेश दिया है।

पीएम मोदी ने कहा कि इन सुधारों का मुख्य लक्ष्य हर वर्ग को लाभ पहुंचाना है, चाहे वह किसान हो, महिला हो, युवा हो या सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम (MSMEs) हों। उन्होंने बताया कि जीएसटी दरों को सरल बनाकर केवल दो मुख्य स्लैबों - 5% और 18% - में सीमित करने से आम जनता को बड़ी बचत होगी। उनके अनुसार, खाने-पीने की जरूरी चीजें, दवाएं और साबुन जैसी रोजमर्रा की वस्तुएं या तो कर-मुक्त हो जाएंगी या 5% के निचले स्लैब में आ जाएंगी। प्रधानमंत्री ने यह भी अनुमान लगाया कि जीएसटी में इन सुधारों और पिछले आयकर कटौती से मिलकर, जनता के लिए लगभग 2.5 लाख करोड़ रुपये की बचत होगी। यह बचत घरेलू खर्चों को कम करने और लोगों को अपने सपनों को पूरा करने में मदद करेगी।

'मेक इन इंडिया' और 'स्वदेशी' पर पीएम का जोर

पीएम मोदी ने अपने पत्र में आत्मनिर्भरता और 'मेक इन इंडिया' पर विशेष जोर दिया। उन्होंने कहा कि "स्वदेशी" उत्पादों को खरीदने से भारत का आर्थिक आधार मजबूत होगा। उन्होंने देशवासियों से "स्वदेशी" यानी उन वस्तुओं को खरीदने का आग्रह किया, जो "किसी भारतीय के पसीने और मेहनत" से बनी हैं।

उन्होंने यह भी कहा कि सिर्फ खरीदने से ही नहीं, बल्कि व्यापारियों को भी ऐसे उत्पादों को बेचने को प्राथमिकता देनी चाहिए। उन्होंने राज्य सरकारों से भी आग्रह किया कि वे स्थानीय उद्योगों और विनिर्माण को प्रोत्साहित करें, जिससे राष्ट्र का स्थानीय आधार मजबूत होगा और भारत 'विकसित भारत' के 2047 के लक्ष्य की ओर अग्रसर होगा।

यह पत्र न केवल जीएसटी सुधारों की घोषणा है, बल्कि यह आत्मनिर्भर भारत के सपने को साकार करने के लिए एक व्यापक आह्वान है। यह दिखाता है कि सरकार आर्थिक सुधारों को केवल कर प्रणाली तक सीमित नहीं मानती, बल्कि इसे एक बड़े राष्ट्रीय लक्ष्य को प्राप्त करने के साधन के रूप में देखती है।