सीएम फडणवीस का एक साल: "अभी बहुत कुछ करना बाकी है, हम करके रहेंगे"

महायुति सरकार के एक साल पूरे होने पर मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने छत्रपति संभाजीनगर में अपनी उपलब्धियां गिनाईं। उन्होंने कहा कि "लाडकी बहिन" और मुफ्त बिजली जैसी योजनाओं ने राज्य को नई दिशा दी है, लेकिन अभी बहुत काम बाकी है। जानिए विपक्ष के आरोपों और अस्पताल निजीकरण पर उन्होंने क्या कहा।

Dec 6, 2025 - 19:49
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सीएम फडणवीस का एक साल: "अभी बहुत कुछ करना बाकी है, हम करके रहेंगे"
"मुझे नींद नहीं आती क्योंकि अभी बहुत काम बाकी है": सीएम फडणवीस ने सरकार के एक साल पर भरा दम, विकास को बताया एकमात्र एजेंडा

छत्रपति संभाजीनगर: महाराष्ट्र में महायुति सरकार (Mahayuti Government) के कार्यकाल का एक वर्ष पूरा होने के अवसर पर मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस (Devendra Fadnavis) ने एक भावुक और दृढ़ संकल्पित संदेश दिया है। छत्रपति संभाजीनगर में आयोजित एक समारोह को संबोधित करते हुए सीएम ने अपनी सरकार की उपलब्धियों को रेखांकित किया और भविष्य के रोडमैप पर चर्चा की। उन्होंने साफ शब्दों में कहा, "एक साल बहुत लंबा समय नहीं होता, लेकिन हमने विकास कार्यों या जन कल्याणकारी योजनाओं में कोई रुकावट नहीं आने दी। अभी बहुत सी चीजें करनी बाकी हैं, और हम उन्हें करके रहेंगे।"

फडणवीस ने कहा कि राज्य के विकास की गति उन्हें चैन से बैठने नहीं देती। उन्होंने कहा, "मुझे नींद नहीं आती क्योंकि मैं उन कामों के बारे में सोचता रहता हूं जो अभी भी बचे हुए हैं। मन में एक उत्सुकता और भावना है कि राज्य को और आगे ले जाना है।"

कल्याणकारी योजनाओं की निर्बाध गति

अपने भाषण की शुरुआत में, सीएम ने पिछले साल महायुति को मिले "जबरदस्त जनादेश" (Overwhelming Mandate) के लिए नागरिकों का धन्यवाद किया। उन्होंने गर्व के साथ कहा कि पिछले एक साल में किसी भी कल्याणकारी योजना को रुकने नहीं दिया गया।

  • लाडकी बहिन योजना (Ladki Bahin Yojana): सीएम ने इस योजना को गेम-चेंजर बताया और कहा कि इसने महिलाओं को आर्थिक सुरक्षा दी है।

  • किसानों को मुफ्त बिजली: फडणवीस ने आश्वासन दिया कि किसानों को मुफ्त बिजली देने की योजना सुचारू रूप से चल रही है। उन्होंने घोषणा की कि 'कृषि संजीवनी वाहिनी परियोजना' अगले साल तक पूरी हो जाएगी, जिससे महाराष्ट्र दिन के समय सार्वभौमिक रूप से बिजली (daytime electricity) प्रदान करने वाला देश का पहला राज्य बन जाएगा।

विपक्ष और 'व्हाइट पेपर' की मांग पर प्रतिक्रिया

कांग्रेस विधायक विजय वडेट्टीवार द्वारा राज्य के वित्त पर 'श्वेत पत्र' (White Paper) की मांग पर फडणवीस ने संयमित प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा, "विपक्ष के कई लोग आश्चर्यचकित हैं कि वे वो क्यों नहीं कर पाए जो हमने कर दिखाया। यह विचार अक्सर उन्हें परेशान करता है, लेकिन आज के दिन मैं उनकी आलोचना नहीं करूंगा।"

अस्पताल निजीकरण और यूनियन विवाद पर सफाई

समारोह के दौरान सीएम ने दो महत्वपूर्ण और विवादास्पद मुद्दों पर भी स्थिति स्पष्ट की:

  1. अस्पताल निजीकरण (Hospital Privatization): विपक्ष के आरोपों को खारिज करते हुए फडणवीस ने कहा कि सरकारी अस्पतालों के निजीकरण का कोई इरादा नहीं है। "हम अपने सभी सुपर-स्पेशलिटी अस्पताल खुद चलाते हैं। भविष्य में विस्तार के लिए पीपीपी (PPP) मॉडल लाया जा सकता है, लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि हम सरकारी अस्पताल सौंप रहे हैं। महात्मा ज्योतिराव फुले जन आरोग्य योजना के तहत नागरिकों को मुफ्त इलाज मिलता रहेगा," उन्होंने जोर देकर कहा।

  2. वर्ली होटल विवाद: हाल ही में वर्ली के एक होटल में वर्कर्स यूनियन और प्रबंधन के बीच हुई झड़प पर सीएम ने सख्त रुख अपनाया। उन्होंने कहा, "यूनियन बनाने का अधिकार सबको है, लेकिन किसी को भी हंगामा करने का अधिकार नहीं है। मैं ऐसी गड़बड़ी बर्दाश्त नहीं करूंगा। यूनियनों को श्रमिकों के कल्याण के लिए काम करना चाहिए, न कि प्रतिष्ठानों को बंद कराने के लिए।"

निष्कर्ष: आगे की राह

फडणवीस का यह संबोधन न केवल एक साल का रिपोर्ट कार्ड था, बल्कि आने वाले वर्षों के लिए एक संकल्प पत्र भी था। कृषि, बुनियादी ढांचे और सामाजिक सुरक्षा पर उनका फोकस यह दर्शाता है कि सरकार अपनी 'विकास की रफ्तार' को कम नहीं होने देना चाहती। उनकी यह स्वीकारोक्ति कि "अभी बहुत कुछ करना बाकी है," उनके प्रशासन की निरंतरता और भूख को दर्शाती है।