MSEDCL ने रचा विश्व रिकॉर्ड: एक महीने में 45,911 सोलर कृषि पंप लगाकर बनाया कीर्तिमान

महाराष्ट्र राज्य विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड (MSEDCL) ने एक महीने में 45,911 सोलर कृषि पंप स्थापित कर गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाया है। मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने इस उपलब्धि को ऐतिहासिक बताया। जानिए 'मागेल त्याला सौर कृषी पंप योजना' और 'पीएम-कुसुम' योजना के तहत किसानों को कैसे मिल रहा है लाभ।

Dec 6, 2025 - 19:43
 0
MSEDCL ने रचा विश्व रिकॉर्ड: एक महीने में 45,911 सोलर कृषि पंप लगाकर बनाया कीर्तिमान
MSEDCL की ऐतिहासिक उपलब्धि: एक महीने में 45,911 सोलर कृषि पंप लगाकर रचा 'गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड', किसानों को मिली बड़ी राहत

छत्रपति संभाजीनगर (औरंगाबाद): महाराष्ट्र राज्य विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड (MSEDCL) ने नवीकरणीय ऊर्जा के क्षेत्र में एक नया इतिहास रच दिया है। कंपनी ने केवल एक महीने के भीतर राज्य भर में 45,911 ऑफ-ग्रिड सोलर कृषि पंप (Off-grid Solar Agricultural Pumps) स्थापित कर गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड (Guinness World Record) अपने नाम कर लिया है। इस अभूतपूर्व उपलब्धि के लिए गिनीज बुक की ओर से प्रमाण पत्र शुक्रवार को छत्रपति संभाजीनगर के शेंद्रा एमआईडीसी (Shendra MIDC) स्थित औरिक सिटी ग्राउंड में आयोजित एक भव्य समारोह में प्रदान किया गया।

समारोह में महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री और ऊर्जा मंत्री देवेंद्र फडणवीस ने यह सम्मान स्वीकार किया और इसे राज्य के कृषि क्षेत्र के लिए एक क्रांतिकारी कदम बताया।

रिकॉर्ड तोड़ उपलब्धि: कैसे संभव हुआ?

यह रिकॉर्ड 'मागेल त्याला सौर कृषी पंप योजना' (Magel Tyala Saur Krushi Pump Yojana - MTSKPY) और केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी 'पीएम-कुसुम' (PM-KUSUM Component B) योजना के तहत हासिल किया गया है।

MSEDCL के अधिकारियों के अनुसार, इस सफलता के पीछे एक सुव्यवस्थित और किसान-केंद्रित रणनीति थी:

  1. जिला-वार टीमों की तैनाती: कई इंस्टॉलेशन टीमों ने एक साथ विभिन्न जिलों में काम किया।

  2. इन्वेंटरी और ट्रैकिंग: पंपों और उपकरणों की पहले से व्यवस्था (Pre-positioned inventory) और डिजिटल ट्रैकिंग सिस्टम ने रियल-टाइम निगरानी सुनिश्चित की।

  3. जल-तनावग्रस्त क्षेत्रों को प्राथमिकता: सिंचाई की तत्काल आवश्यकता वाले सूखाग्रस्त क्षेत्रों को प्राथमिकता दी गई।

  4. शिकायत निवारण: वेंडर्स को किसानों की शिकायतों का समाधान 3 दिनों के भीतर करने का निर्देश दिया गया था, जिससे प्रक्रिया में तेजी आई।

इस योजना के तहत पंपों का आवंटन किसानों की जोत (Landholding) के आकार पर आधारित था, ताकि छोटे और सीमांत किसानों को अधिकतम लाभ मिल सके:
  • 3 HP पंप: 2.5 एकड़ तक की जमीन के लिए।

  • 5 HP पंप: 5 एकड़ तक की जमीन के लिए।

  • 7.5 HP पंप: 5 एकड़ से अधिक जमीन वाले बड़े किसानों के लिए।

सब्सिडी का गणित: इस योजना के तहत किसानों को भारी सब्सिडी दी जाती है:

  • सामान्य वर्ग: केंद्र सरकार से 30% और राज्य सरकार से 60% सब्सिडी मिलती है, यानी किसान को केवल 10% लागत वहन करनी होती है।

  • SC/ST वर्ग: अनुसूचित जाति और जनजाति के किसानों को 95% सब्सिडी मिलती है, उन्हें केवल 5% भुगतान करना होता है।

देवेंद्र फडणवीस का बयान: 'महाराष्ट्र बना नंबर 1'

समारोह को संबोधित करते हुए उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा, "प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पीएम-कुसुम पहल के तहत, महाराष्ट्र ने स्वच्छ और किसान-केंद्रित सिंचाई की दिशा में अपनी गति तेज कर दी है। एक महीने में 45,911 से अधिक सोलर पंप लगाकर महाराष्ट्र सौर कृषि में भारत का नंबर 1 राज्य बन गया है।"

उन्होंने कहा कि यह उपलब्धि न केवल सिंचाई सुरक्षा सुनिश्चित करती है, बल्कि उत्पादकता और किसानों की आय को भी बढ़ाती है। साथ ही, यह पारंपरिक बिजली स्रोतों पर निर्भरता को कम कर पर्यावरण संरक्षण में भी मदद करती है।

दिन में बिजली का सपना हुआ पूरा

किसानों की लंबे समय से मांग थी कि उन्हें सिंचाई के लिए दिन के समय बिजली मिले, ताकि उन्हें रात में जंगली जानवरों और सांपों के खतरे के बीच खेतों में न जाना पड़े। सोलर पंप इस समस्या का स्थायी समाधान हैं।

MSEDCL के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक लोकेश चंद्र ने कहा कि राज्य ने नए कृषि कनेक्शनों को ऑफ-ग्रिड सोलर पंपों के माध्यम से जारी करने की नीति अपनाई है, जो विश्वसनीय दिन की बिजली आपूर्ति की गारंटी देता है।

निष्कर्ष

MSEDCL का यह विश्व रिकॉर्ड केवल एक संख्या नहीं है, बल्कि यह महाराष्ट्र के लाखों किसानों के जीवन में आए सकारात्मक बदलाव का प्रतीक है। डीजल पंपों के खर्च और ग्रिड बिजली की अनियमितता से मुक्ति दिलाकर, यह योजना अन्नदाताओं को आत्मनिर्भर और सशक्त बना रही है। अब लक्ष्य अगले एक साल में 10 लाख सोलर पंप स्थापित करने का है, जो राज्य के कृषि परिदृश्य को पूरी तरह बदल सकता है।