मुंबई: लॉजिस्टिक्स फर्म से ₹18.33 करोड़ की ठगी, ALX शिपिंग के खिलाफ केस दर्ज

मुंबई पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा (EOW) ने एक लॉजिस्टिक्स फर्म के साथ ₹18.33 करोड़ की धोखाधड़ी करने के आरोप में ALX शिपिंग एजेंसियों और दुबई स्थित अलादीन एक्सप्रेस के खिलाफ मामला दर्ज किया है। जानिए कैसे निवेश और मुनाफे के नाम पर फर्म को चूना लगाया गया।

Dec 2, 2025 - 20:41
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मुंबई: लॉजिस्टिक्स फर्म से ₹18.33 करोड़ की ठगी, ALX शिपिंग के खिलाफ केस दर्ज
लेख: मुंबई में ₹18 करोड़ का शिपिंग घोटाला: निवेश और मुनाफे का झांसा देकर लॉजिस्टिक्स फर्म को ठगा, EOW ने दर्ज किया केस

मुंबई: देश की आर्थिक राजधानी मुंबई में एक बड़े कॉर्पोरेट घोटाले का पर्दाफाश हुआ है। मुंबई पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा (EOW) ने ALX शिपिंग एजेंसियों (ALX Shipping Agencies) और दुबई स्थित अलादीन एक्सप्रेस (Aladdin Express) के खिलाफ धोखाधड़ी, जालसाजी और विश्वासघात का मामला दर्ज किया है। इन कंपनियों पर आरोप है कि उन्होंने एक स्थानीय लॉजिस्टिक्स फर्म को अच्छे रिटर्न का लालच देकर निवेश करवाया और फिर वादे के मुताबिक भुगतान नहीं किया, जिससे शिकायतकर्ता को ₹18.33 करोड़ का भारी नुकसान हुआ।

शिकायतकर्ता और आरोपी

यह शिकायत ऋषभ सीलिंक एंड लॉजिस्टिक्स प्राइवेट लिमिटेड (Rushabh Sealink and Logistics Pvt Ltd) के निदेशक, 45 वर्षीय विशाल मेहता ने दर्ज कराई है।

एफआईआर में निम्नलिखित लोगों और कंपनियों को आरोपी बनाया गया है:

  1. संदीप बख्शी: ALX शिपिंग एजेंसीज इंडिया प्राइवेट लिमिटेड के सीईओ।

  2. विकास खान: अलादीन एक्सप्रेस DMCC के निदेशक।

  3. अली खान: अलादीन एक्सप्रेस DMCC के सीईओ।

  4. ALX शिपिंग एजेंसीज इंडिया प्राइवेट लिमिटेड

  5. अलादीन एक्सप्रेस DMCC

घटनास्थल कुर्ला (पश्चिम) स्थित आर्ट गिल्ड हाउस बताया गया है और अपराध की अवधि अप्रैल 2025 से वर्तमान तक है।

धोखाधड़ी का तरीका (Modus Operandi)

विशाल मेहता का आरोप है कि संदीप बख्शी ने उन्हें अप्रैल 2025 में OEL एक्सप्रेस इंडिया प्राइवेट लिमिटेड में ₹10 करोड़ निवेश करने के लिए मनाया था। शुरुआत में भरोसा जीतने के लिए, आरोपियों ने पहले निवेश चक्र (Investment Cycle) का पैसा मुनाफे के साथ लौटा दिया।

लेकिन जब विश्वास जम गया, तो खेल बदल गया।

  • दूसरा निवेश: मेहता ने OEL एक्सप्रेस में फिर से ₹10 करोड़ का निवेश किया, लेकिन इसमें से उन्हें केवल ₹1.5 करोड़ ही वापस मिले।

  • ALX शिपिंग में निवेश: बख्शी के कहने पर, मेहता ने ALX शिपिंग में ₹10 करोड़ और निवेश किए, जिसके बदले उन्हें दो महीने में ₹12.10 करोड़ मिलने का वादा किया गया था। शिकायत के अनुसार, इस लेनदेन में ₹8.75 करोड़ अभी भी बकाया हैं।

जहाज और कंटेनर का खेल

मामला सिर्फ निवेश तक सीमित नहीं था। मेहता ने आरोप लगाया कि उन्हें 'लीला मोम्बासा' (Leela Mombasa) और 'शिंजिनहाई-2' (Xinjinhai-2) नामक जहाजों के लिए रिलीज ऑर्डर जारी किए गए, लेकिन जहाज कभी आए ही नहीं।

  • पेरिसेबल कार्गो (जल्दी खराब होने वाला माल) को बचाने के लिए, मेहता ने जहाज के ईंधन और माल ढुलाई के बकाया के रूप में $8,75,000 (लगभग ₹7.61 करोड़) ALX शिपिंग को ट्रांसफर किए।

  • उन्हें एक यात्रा से $1,25,000 (₹1.08 करोड़) के लाभ का भी वादा किया गया था, जो कभी नहीं मिला।

  • इसके अलावा, ALX द्वारा 302 कंटेनरों का रिलीज ऑर्डर वापस लेने के कारण मेहता को माल दूसरे जहाज से भेजने के लिए मजबूर होना पड़ा, जिससे उन्हें ₹88 लाख का अतिरिक्त नुकसान हुआ।

आरोपी का बचाव: 'मुझे बलि का बकरा बनाया गया'

इस मामले में एक दिलचस्प मोड़ तब आया जब मुख्य आरोपी संदीप बख्शी ने खुद को निर्दोष बताते हुए कहा कि उन्हें "बलि का बकरा" (Scapegoat) बनाया जा रहा है।

TOI से बातचीत में बख्शी ने कहा, "भुगतान ALX इंडिया के बैंक खाते में प्राप्त हुए और दुबई के ALX DMCC बैंक में भेजे गए। इसमें दो लोगों की मंजूरी (Approvers) लगती थी - एक ALX इंडिया से और एक ऑलकार्गो (Allcargo) की फाइनेंस टीम से। मैंने केवल निदेशकों और शेयरधारकों के निर्देशों का पालन किया। चेक बुक मेरी हिरासत में नहीं थी और मेरे निजी खाते में कोई पैसा नहीं आया।"

बख्शी ने यह भी दावा किया है कि उन्होंने खुद EOW में ALX और ऑलकार्गो के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई है, जिसमें उन पर उसे धोखा देने का आरोप लगाया गया है।

EOW की जांच

चूंकि मामला घरेलू और विदेशी दोनों कंपनियों से जुड़ा है और इसमें बड़ी रकम शामिल है, इसलिए EOW अब मनी ट्रेल (Money Trail) की जांच कर रही है। जांचकर्ता यह पता लगा रहे हैं कि क्या पैसा विदेश भेजा गया था और यदि हां, तो किन संस्थाओं को। इस जांच में आगे और भी कई नामों के सामने आने की संभावना है।