सोनम वांगचुक की गिरफ्तारी: लद्दाख पुलिस की 'पाकिस्तान लिंक' की जाँच
लद्दाख में हिंसक विरोध प्रदर्शनों के बाद सोनम वांगचुक को गिरफ्तार किया गया। इस लेख में लद्दाख के डीजीपी द्वारा दिए गए बयान, विरोध प्रदर्शन के हिंसक होने के कारण, और पाकिस्तान के साथ संभावित लिंक की जांच के विवरण शामिल हैं।
केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख की राजधानी लेह में हाल ही में हुए हिंसक विरोध प्रदर्शनों ने पूरे देश का ध्यान खींचा है। इन विरोध प्रदर्शनों के बाद, पुलिस ने पर्यावरण कार्यकर्ता सोनम वांगचुक को गिरफ्तार किया है। लद्दाख के पुलिस महानिदेशक (DGP) एस डी सिंह जामवाल ने इस गिरफ्तारी का बचाव करते हुए एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में चौंकाने वाला खुलासा किया और कहा कि पुलिस पाकिस्तान से संभावित लिंक की भी जांच कर रही है। डीजीपी ने कहा कि 24 सितंबर को लेह की सड़कों पर करीब 5,000-6,000 प्रदर्शनकारी जमा हुए थे। यह विरोध प्रदर्शन जल्दी ही हिंसक हो गया, जिसमें आगजनी और पथराव की घटनाएं हुईं। इस हिंसा में 17 सीआरपीएफ कर्मियों और 70 से अधिक नागरिकों के घायल होने की खबर है।
डीजीपी के बयान के मुख्य बिंदु
1. पाकिस्तान लिंक की जाँच: डीजीपी जामवाल ने कहा कि पुलिस वांगचुक से जुड़े एक 'पाकिस्तान पीआईओ' (PIO - Person of Indian Origin) को गिरफ्तार कर चुकी है, जो कथित तौर पर वांगचुक के संपर्क में था और सीमा पार रिपोर्ट कर रहा था। उन्होंने कहा कि वांगचुक की पूर्व की पाकिस्तान यात्राओं और वहां के अधिकारियों से कथित मेलजोल को लेकर एक बड़ा प्रश्नचिह्न है, और इस "पाकिस्तान कनेक्शन" की गहन जांच की जा रही है।
2. गिरफ्तारी का कारण: डीजीपी ने दावा किया कि वांगचुक का उद्देश्य लद्दाख की मांगों पर केंद्र सरकार और स्थानीय निकायों (लेह एपेक्स बॉडी और केडीए) के बीच चल रही बातचीत को "तोड़ना" था। उन्होंने आरोप लगाया कि वांगचुक ने अपने भूख हड़ताल मंच का उपयोग शांति और कानून-व्यवस्था को बिगाड़ने के लिए किया।
3. प्रदर्शन का हिंसक होना: जामवाल ने बताया कि प्रदर्शनकारियों ने पूर्व नियोजित समन्वय के साथ सरकारी इमारतों और भाजपा कार्यालय पर हमला किया, और कई वाहनों में आग लगा दी। उन्होंने पुष्टि की कि आत्मरक्षा में गोलीबारी की गई, जिसमें चार लोगों की जान चली गई। उन्होंने यह भी बताया कि गंभीर रूप से घायल एक लड़की को उन्नत चिकित्सा सहायता के लिए दिल्ली ले जाया गया था।
4. 'छठी अनुसूची' की मांग: लद्दाख के स्थानीय राजनीतिक और सामाजिक समूह लंबे समय से 'छठी अनुसूची' (6th Schedule) और राज्य का दर्जा दिए जाने की मांग कर रहे हैं। डीजीपी ने कहा कि सरकार इस प्रक्रिया पर पहले से ही काम कर रही है, लेकिन वांगचुक और अन्य 'सो-कॉल्ड एक्टिविस्ट' इस प्रक्रिया में बाधा डाल रहे थे।
डीजीपी ने जोर देकर कहा कि वांगचुक को राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (NSA) के तहत गिरफ्तार किया गया है ताकि क्षेत्र में और हिंसा को रोका जा सके। कुल मिलाकर, यह मामला राजनीतिक अधिकारों, पर्यावरण सक्रियता और राष्ट्रीय सुरक्षा के बीच के जटिल संबंधों को उजागर करता
है।