मुंबई के मोतीलाल नगर में MHADA और अडानी समूह की ऐतिहासिक पुनर्विकास परियोजना
मुंबई के गोरेगांव स्थित मोतीलाल नगर में एक विशाल पुनर्विकास परियोजना शुरू की गई है, जहाँ MHADA और अडानी समूह मिलकर 1,600 वर्ग फुट के आधुनिक घर बनाएंगे। यह देश की सबसे बड़ी C&D मॉडल परियोजना है, जो 3,000 से अधिक निवासियों के लिए नए आवास और भविष्य में MHADA के लिए बड़ी क्षमता का निर्माण करेगी। जानें इस ambitious project के बारे में और स्थानीय निवासियों की मांगें।

छत्रपति संभाजी नगर, महाराष्ट्र: मुंबई के शहरी परिदृश्य को नया आकार देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए, महाराष्ट्र गृहनिर्माण व क्षेत्रविकास प्राधिकरण (MHADA) और अडानी समूह ने गोरेगांव पश्चिम में प्रतिष्ठित मोतीलाल नगर पुनर्विकास परियोजना के लिए हाथ मिलाया है। इस महत्वाकांक्षी पहल का उद्देश्य मौजूदा 3,000 से अधिक निवासियों को "अल्ट्रा-मॉडर्न" अपार्टमेंट में पुनर्वासित करना है, जिसमें प्रत्येक इकाई का निर्मित क्षेत्र 1,600 वर्ग फुट होगा। यह परियोजना न केवल देश की सबसे बड़ी निर्माण-और-विकास (C&D) मॉडल पर आधारित पुनर्विकास योजना है, बल्कि मुंबई के हाउसिंग सेक्टर में एक मील का पत्थर भी साबित होगी।
परियोजना का पैमाना और महत्व
मोतीलाल नगर पुनर्विकास परियोजना 140 एकड़ से अधिक विशाल भूमि क्षेत्र को कवर करती है, जो इसे भारत में अपनी तरह की सबसे बड़ी पुनर्विकास परियोजनाओं में से एक बनाती है। इसका मुख्य उद्देश्य दशकों पुराने, घनी आबादी वाले मोतीलाल नगर 1, 2 और 3 के क्षेत्रों का आधुनिकीकरण करना है, जहाँ कुल 3,700 किरायेदार वर्तमान में रहते हैं। इस परियोजना के माध्यम से, 5.8 लाख वर्ग मीटर से अधिक क्षेत्र का व्यापक पुनर्वास किया जाएगा, जिससे हजारों परिवारों के लिए बेहतर और आधुनिक जीवन की गुणवत्ता सुनिश्चित होगी।
यह समझौता मुंबई के बांद्रा पूर्व स्थित MHADA मुख्यालय में MHADA के उपाध्यक्ष और सीईओ संजीव जायसवाल और अडानी प्रॉपर्टीज के निदेशक प्रणव अडानी की उपस्थिति में औपचारिक रूप से हस्ताक्षरित किया गया। यह साझेदारी सार्वजनिक क्षेत्र के प्राधिकरण और एक प्रमुख निजी डेवलपर के बीच सहयोग का एक महत्वपूर्ण उदाहरण प्रस्तुत करती है, जिसका लक्ष्य बड़े पैमाने पर शहरी आवास चुनौतियों का समाधान करना है।
म्हाडा और निवासियों के लिए लाभ
इस परियोजना के विकास के बाद, MHADA को डेवलपर से लगभग 4 लाख वर्ग मीटर निर्मित क्षेत्र प्राप्त होगा। यह अतिरिक्त निर्मित क्षेत्र MHADA के लिए एक महत्वपूर्ण संपत्ति साबित होगा, जिससे भविष्य में उसकी विभिन्न आवास परियोजनाओं को काफी बढ़ावा मिलेगा। यह म्हाडा को मुंबई में किफायती आवास प्रदान करने के अपने मिशन को आगे बढ़ाने में मदद करेगा, जो दुनिया के सबसे महंगे शहरों में से एक है।
निवासियों के दृष्टिकोण से, यह परियोजना उनके जीवन स्तर में एक नाटकीय सुधार का वादा करती है। उन्हें छोटे, अक्सर जीर्ण-शीर्ण घरों से 1,600 वर्ग फुट के विशाल और आधुनिक अपार्टमेंट में स्थानांतरित किया जाएगा, जिसमें बेहतर सुविधाएं और सुरक्षित वातावरण होगा। इसके अतिरिक्त, गैर-आवासीय किरायेदारों को भी 978 वर्ग फुट का एक उदार व्यावसायिक स्थान प्रदान किया जाएगा, जिससे उनके व्यवसाय और आजीविका की निरंतरता सुनिश्चित होगी। पुनर्वास इकाइयों को सात साल के भीतर पूरा होने की संभावना है, जिससे प्रभावित परिवारों के लिए एक निर्धारित समय-सीमा में बेहतर भविष्य की उम्मीद बंधी है।
निवासियों का असंतोष और विरोध
हालांकि, इस विशाल परियोजना को लेकर क्षेत्र के निवासियों के संघों ने कुछ असंतोष व्यक्त किया है। मोतीलाल नगर विकास समिति के अध्यक्ष युवराज मोहिते ने बताया कि वे वर्तमान पुनर्विकास प्रस्ताव से सहमत नहीं हैं। निवासियों की मुख्य मांग 1,600 वर्ग फुट के निर्मित क्षेत्र के बजाय 1,600-2,000 वर्ग फुट के कालीन क्षेत्र (carpet area) की है। कालीन क्षेत्र वह वास्तविक क्षेत्र होता है जिसे दीवारों के भीतर इस्तेमाल किया जा सकता है, जबकि निर्मित क्षेत्र में दीवारों की मोटाई और साझा क्षेत्र का भी कुछ हिस्सा शामिल होता है।
मोहिते ने यह भी आरोप लगाया कि MHADA और अडानी समूह द्वारा यह समझौता निवासियों से उचित परामर्श किए बिना किया गया है। इस निर्णय-प्रक्रिया में उनकी भागीदारी की कमी को लेकर निवासी नाराज हैं और उन्होंने इस परियोजना समझौते का विरोध करने का संकल्प लिया है। निवासियों ने अपनी मांगों को लेकर सड़कों पर उतरकर विरोध प्रदर्शन करने की भी चेतावनी दी है, जिससे परियोजना के सुचारु कार्यान्वयन में संभावित चुनौतियां खड़ी हो सकती हैं। यह दर्शाता है कि इतनी बड़ी परियोजनाओं में सभी हितधारकों, विशेषकर सीधे प्रभावित होने वाले निवासियों के साथ पारदर्शी और खुली बातचीत कितनी आवश्यक है।
आगे की राह: चुनौतियों और अवसरों का संतुलन
मोतीलाल नगर पुनर्विकास परियोजना मुंबई के शहरी विकास के लिए एक महत्वपूर्ण अवसर प्रस्तुत करती है। यह केवल आवास के बारे में नहीं है, बल्कि यह एक प्रमुख महानगरीय क्षेत्र के भीतर एक पुराने और भीड़भाड़ वाले पड़ोस को आधुनिक, टिकाऊ और रहने योग्य स्थान में बदलने का भी एक प्रयास है। यदि सफलतापूर्वक लागू किया जाता है, तो यह परियोजना भविष्य के बड़े पैमाने के पुनर्विकास प्रयासों के लिए एक मॉडल के रूप में कार्य कर सकती है।
हालांकि, निवासियों के असंतोष को दूर करना और उनकी वैध चिंताओं को संबोधित करना महत्वपूर्ण होगा। सरकार और डेवलपर को एक ऐसा समाधान खोजने के लिए निवासियों के संघ के साथ बातचीत जारी रखनी चाहिए जो सभी पक्षों के लिए स्वीकार्य हो और परियोजना की सफलता सुनिश्चित करे। ऐसी बड़ी परियोजनाओं में पारदर्शिता, संचार और सामुदायिक भागीदारी महत्वपूर्ण होती है।
आने वाले वर्षों में, मोतीलाल नगर पुनर्विकास परियोजना मुंबई की शहरी कथा का एक महत्वपूर्ण हिस्सा बनेगी। यह एक ऐसे शहर में आधुनिक और विशाल आवास प्रदान करने की क्षमता रखती है जहां स्थान एक प्रीमियम पर है, साथ ही यह चुनौती भी है कि क्या यह उन लोगों की आकांक्षाओं को पूरा कर पाती है जिनके जीवन को यह सबसे सीधे प्रभावित करती है। इस परियोजना का क्रियान्वयन और निवासियों के साथ तालमेल ही इसकी अंतिम सफलता निर्धारित करेगा।