महाराष्ट्र पुलिस में बड़ा सुधार: सभी रैंक के लिए ऑनलाइन कोर्स अनिवार्य, कौशल और सेवा में होगा सुधार

महाराष्ट्र के पुलिस महानिदेशक कार्यालय ने पुलिस बल के सभी रैंक - कांस्टेबल से लेकर वरिष्ठ अधिकारियों और मंत्रालयिक कर्मचारियों तक - के लिए भारत सरकार के iGOT कर्मयोगी पोर्टल पर पांच विशिष्ट ऑनलाइन पाठ्यक्रम पूरे करना अनिवार्य कर दिया है। इस दूरगामी पहल का उद्देश्य ज्ञान को मानकीकृत करना, जवाबदेही बढ़ाना और सेवा वितरण में सुधार करना है, जिससे महाराष्ट्र पुलिस एक आधुनिक और कुशल बल के रूप में उभरेगी।

Jul 29, 2025 - 18:07
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महाराष्ट्र पुलिस में बड़ा सुधार: सभी रैंक के लिए ऑनलाइन कोर्स अनिवार्य, कौशल और सेवा में होगा सुधार
महाराष्ट्र पुलिस का आधुनिकीकरण: सभी रैंक के लिए ऑनलाइन प्रशिक्षण अनिवार्य, एक नए युग की शुरुआत

महाराष्ट्र पुलिस, देश के सबसे बड़े और महत्वपूर्ण पुलिस बलों में से एक, अब एक बड़े आधुनिकीकरण की ओर अग्रसर है। पुलिस महानिदेशक (डीजीपी), महाराष्ट्र के कार्यालय ने एक महत्वपूर्ण निर्देश जारी किया है, जिसके तहत पुलिस बल के सभी सदस्यों - कांस्टेबल से लेकर वरिष्ठ अधिकारी और यहां तक कि मंत्रालयिक कर्मचारियों तक - के लिए भारत सरकार के iGOT कर्मयोगी पोर्टल पर पांच विशिष्ट ऑनलाइन पाठ्यक्रम पूरे करना अनिवार्य कर दिया गया है। इस पहल का मूल उद्देश्य ज्ञान को मानकीकृत करना, जवाबदेही को बढ़ावा देना और सभी रैंकों में सेवा वितरण की गुणवत्ता में सुधार करना है, जिससे महाराष्ट्र पुलिस 21वीं सदी की चुनौतियों का सामना करने के लिए और भी सक्षम बन सके।

डिजिटल प्रशिक्षण की आवश्यकता: बदलते अपराध और तकनीकी प्रगति

आज के समय में, अपराध का स्वरूप तेजी से बदल रहा है। साइबर अपराधों की बढ़ती संख्या, संगठित अपराधों की जटिलता और आतंकवाद के नए-नए तरीके, सभी कानून प्रवर्तन एजेंसियों के लिए नई चुनौतियां पेश कर रहे हैं। ऐसे में, पुलिस बल के लिए निरंतर सीखना और अपने कौशल को अद्यतन (अपडेट) रखना अपरिहार्य हो गया है। महाराष्ट्र पुलिस अकादमी (एमपीए), पुलिस अनुसंधान और विकास ब्यूरो (बीपीआरडी), केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई), सचिवालय प्रशिक्षण और प्रबंधन संस्थान (आईएसटीएम) और अन्य सरकारी प्रशिक्षण संस्थानों ने मिलकर इन पाठ्यक्रमों को क्यूरेट और विकसित किया है। यह सुनिश्चित किया गया है कि पाठ्यक्रम आसानी से समझ में आने योग्य हों और मोबाइल फोन के माध्यम से आसानी से सुलभ हों, जिससे किसी भी रैंक के अधिकारी या कर्मचारी कहीं से भी प्रशिक्षण प्राप्त कर सकें। यह पहल डिजिटल इंडिया के सपने को साकार करने और पुलिसिंग को अधिक सुलभ बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।

प्रत्येक रैंक के लिए विशिष्ट मॉड्यूल: भूमिका-आधारित कौशल विकास

इस ऑनलाइन प्रशिक्षण कार्यक्रम की एक प्रमुख विशेषता यह है कि यह प्रत्येक रैंक के कर्तव्यों और जिम्मेदारियों के आधार पर विशेष रूप से डिज़ाइन किए गए मॉड्यूल प्रदान करता है। यह सुनिश्चित करता है कि प्रत्येक पुलिसकर्मी को वह ज्ञान और कौशल प्राप्त हो जो उनकी विशिष्ट भूमिका के लिए सबसे अधिक प्रासंगिक है।

  • कांस्टेबल, हेड कांस्टेबल और असिस्टेंट सब-इंस्पेक्टर (PC/HC/ASI) के लिए: ये ग्राउंड-लेवल पर काम करने वाले पुलिसकर्मी होते हैं, इसलिए उनके मॉड्यूल व्यावहारिक और सीधे उनके दैनिक कर्तव्यों से जुड़े हैं।

    • रात्रि गश्त (Night patrolling): सुरक्षा सुनिश्चित करने और अपराधों को रोकने के लिए प्रभावी गश्त तकनीकों पर ध्यान केंद्रित करना।

    • साइबर स्पेस में सुरक्षित रहना (Staying safe in cyberspace): ऑनलाइन खतरों से खुद को और नागरिकों को कैसे बचाएं, इसकी जानकारी।

    • सरकारी कर्मचारियों के लिए क्या करें और क्या न करें (Dos and don'ts for government employees): नैतिक आचरण, अनुशासन और कार्यस्थल पर व्यवहार के बुनियादी सिद्धांत।

    • तनाव मुक्त रहने के प्रभावी तरीके (Effective ways of remaining stress-free): पुलिसकर्मियों के लिए तनाव प्रबंधन अत्यंत महत्वपूर्ण है, क्योंकि उनके काम का दबाव अधिक होता है।

  • सब-इंस्पेक्टर, असिस्टेंट इंस्पेक्टर और इंस्पेक्टर-रैंक के अधिकारियों के लिए: ये अधिकारी जांच और फील्ड ऑपरेशन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं, इसलिए उनके मॉड्यूल अधिक तकनीकी और गहन हैं।

    • जांच के लिए फोरेंसिक विज्ञान (Forensic science for investigation): वैज्ञानिक साक्ष्य एकत्र करने और उनका विश्लेषण करने के तरीके।

    • यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण (POCSO) अधिनियम (Protection of Children from Sexual Offences (POCSO) Act): बच्चों से संबंधित संवेदनशील मामलों को संभालने के लिए कानूनी प्रावधानों और प्रोटोकॉल की विस्तृत जानकारी।

    • पूछताछ तकनीक (Interrogation techniques): प्रभावी ढंग से जानकारी प्राप्त करने के लिए कानूनी और नैतिक पूछताछ के तरीके।

    • हत्या के मामलों की जांच (Murder case investigation): हत्या के मामलों की पूरी जांच प्रक्रिया, जिसमें सबूत इकट्ठा करना और अपराध के दृश्यों का विश्लेषण शामिल है।

    • रात्रि गश्त (Night patrolling): गश्त का नेतृत्व करने और अपनी टीमों का प्रबंधन करने के लिए रणनीतियाँ।

  • पुलिस उपाधीक्षक (DySP) या सहायक पुलिस आयुक्त (ACP) और उससे ऊपर के अधिकारियों के लिए: ये अधिकारी नेतृत्व और रणनीतिक निर्णय लेने वाले पदों पर होते हैं, इसलिए उनके मॉड्यूल नेतृत्व कौशल और संगठनात्मक प्रबंधन पर केंद्रित हैं।

    • सॉफ्ट स्किल्स और संचार कौशल (Soft skills and communication skills): प्रभावी ढंग से संवाद करने, टीमों का प्रबंधन करने और जनता के साथ बातचीत करने की क्षमता।

    • बातचीत कौशल (Negotiation skills): जटिल स्थितियों को हल करने और संकटों का प्रबंधन करने के लिए बातचीत के तरीके।

    • आतंकवाद के मामलों की जांच (Investigation of terror cases): आतंकवाद से संबंधित मामलों की जटिलताओं को समझना और उनका प्रभावी ढंग से सामना करना।

    • कार्यस्थल पर योग ब्रेक (Yoga break at the workplace): कार्य-जीवन संतुलन और मानसिक कल्याण को बढ़ावा देना।

    • विभागीय जांच प्रक्रियाएं (Departmental inquiry procedures): आंतरिक जांच और प्रशासनिक प्रक्रियाओं को समझना।

  • मंत्रालयिक कर्मचारियों के लिए: पुलिस विभाग में प्रशासनिक और सहायक भूमिकाएं निभाने वाले कर्मचारियों के लिए मॉड्यूल।

    • सरकारी सेवाओं में प्रबंधन के मूल सिद्धांत (Basic principles of management in government services): प्रशासनिक दक्षता बढ़ाने के लिए बुनियादी प्रबंधन कौशल।

    • सरकारी कर्मचारियों के लिए क्या करें और क्या न करें (Dos and don'ts for government employees): उनके लिए नैतिक और अनुशासनात्मक दिशानिर्देश।

    • कार्यस्थल पर तनाव प्रबंधन (Stress management at the workplace): कार्यस्थल पर तनाव से निपटने के तरीके।

    • कार्यस्थल पर योग ब्रेक (Yoga break at the workplace): उनके मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य को बढ़ावा देना।

अवधि और अनुपालन: एक मानकीकृत दृष्टिकोण

इन पाठ्यक्रमों की अवधि 27 मिनट से लेकर 2 घंटे से अधिक तक है, जो विषय वस्तु की गहराई पर निर्भर करता है। ये पाठ्यक्रम मराठी, हिंदी और अंग्रेजी सहित कई भाषाओं में उपलब्ध हैं, जिससे भाषा बाधा कम होती है और पूरे महाराष्ट्र में पुलिसकर्मियों के लिए पहुंच सुनिश्चित होती है। पुलिस इकाई प्रमुखों को 100% अनुपालन सुनिश्चित करने की जिम्मेदारी दी गई है, जिसमें अधिकारियों को निर्धारित समय के भीतरassigned पाठ्यक्रमों को पंजीकृत करना और पूरा करना होगा। यह एक कठोर प्रणाली है जो सभी स्तरों पर ज्ञान और कौशल के मानकीकरण को सुनिश्चित करती है।

लाभ और भविष्य की संभावनाएं: एक अधिक स्मार्ट पुलिस बल

इस पहल के कई महत्वपूर्ण लाभ होने की उम्मीद है:

  • पुलिस बल के लिए: व्यक्तिगत कौशल का उन्नयन, करियर में प्रगति के अवसर, आधुनिक पुलिसिंग की गहरी समझ, तनाव में कमी और समग्र कार्यकुशलता में वृद्धि।

  • जनता के लिए: अधिक पेशेवर, संवेदनशील और प्रभावी पुलिस बल। बेहतर अपराध जांच और रोकथाम, त्वरित प्रतिक्रिया और नागरिकों के साथ बेहतर बातचीत। इससे पुलिस में जनता का विश्वास भी बढ़ेगा।

यह कदम वैश्विक पुलिसिंग रुझानों के अनुरूप है, जहाँ निरंतर प्रशिक्षण और प्रौद्योगिकी का उपयोग कानून प्रवर्तन के आधुनिकीकरण के लिए महत्वपूर्ण है। यह महाराष्ट्र पुलिस को भविष्य की चुनौतियों का सामना करने के लिए तैयार करेगा और इसे देश के सबसे उन्नत पुलिस बलों में से एक के रूप में स्थापित करेगा। यह एक सतत प्रक्रिया की शुरुआत है, जहाँ पुलिसकर्मी नियमित रूप से नए कौशल सीखेंगे और बदलते सामाजिक-तकनीकी परिदृश्य के अनुकूल बनेंगे।