संभाजीनगर में 'परम वीर चक्र' गैलरी का उद्घाटन, शहीदों को सम्मान
छत्रपति संभाजीनगर में 21 परम वीर चक्र विजेताओं को समर्पित एक विशेष गैलरी का उद्घाटन किया गया है। यह लेख गैलरी की विशेषताओं, इसके उद्देश्य और शहीदों के प्रति सम्मान की भावना पर आधारित है।
महाराष्ट्र की पर्यटन राजधानी, छत्रपति संभाजीनगर, अब अपने गौरवशाली इतिहास और सांस्कृतिक विरासत में एक और महत्वपूर्ण अध्याय जोड़ रही है। शहर के क्रांति चौक स्थित रानी लक्ष्मीबाई पार्क में परम वीर चक्र (Param Vir Chakra) विजेताओं को समर्पित एक विशेष गैलरी का उद्घाटन किया गया है। इस गैलरी का उद्देश्य भारतीय सेना के उन 21 बहादुरों की असाधारण वीरता, साहस और बलिदान को श्रद्धांजलि देना है, जिन्हें देश के सर्वोच्च सैन्य सम्मान से नवाजा गया है।
इस गैलरी का निर्माण चैंबर ऑफ मराठवाड़ा इंडस्ट्रीज एंड एग्रीकल्चर (CMIA) ने संजकज ग्रुप और मातृभूमि ग्रुप के सहयोग से किया है। यह पहल न केवल शहीदों को सम्मान देती है, बल्कि यह युवा पीढ़ी को भी देशभक्ति और राष्ट्रीय गौरव की भावना से प्रेरित करेगी।
गैलरी में क्या है?
इस गैलरी में, हर परम वीर चक्र विजेता की कहानी को तस्वीरों, उनके जीवन के महत्वपूर्ण विवरणों, उनके वीर युद्धों और उनके संबंधित रेजिमेंटों की जानकारी के माध्यम से दर्शाया गया है। यहां तक कि श्रीमती सावित्री खानोलकर, जिन्होंने परम वीर चक्र के प्रतीक चिन्ह को डिजाइन किया था, की तस्वीर और उनकी कहानी भी यहां मौजूद है।
मातृभूमि ग्रुप के जसवंत सिंह, जिन्होंने गैलरी की सामग्री को क्यूरेट किया है, ने कहा कि "यह पहल भारत के कुछ सबसे महान सैनिकों के साहस, वीरता और बलिदान में एक प्रेरणादायक अंतर्दृष्टि प्रदान करती है।" उन्होंने आगे कहा कि "लोगों को, खासकर युवा पीढ़ी को, हमारे देश के बहादुरों के बारे में जानना चाहिए। गैलरी का दौरा लोगों को कई तरह से प्रेरित करेगा।"
संजकज ग्रुप के गिरिधर संगनेरिया ने कहा कि इस गैलरी को स्थापित करने की प्रेरणा उन्हें लेह-कारगिल में शहीदों के स्मारक के दौरे से मिली थी। उन्होंने कहा कि "उस स्मारक ने मुझे बहुत प्रभावित किया, और उसी क्षण मैंने छत्रपति संभाजीनगर में ऐसी गैलरी स्थापित करने का संकल्प लिया।"
नगर आयुक्त जी श्रीकांत ने गैलरी का उद्घाटन किया और इस परियोजना की सराहना की। उन्होंने कहा कि "यह गैलरी हमारे समाज में देशभक्ति और राष्ट्रीय गौरव की एक मजबूत भावना पैदा करेगी।"
यह गैलरी सिर्फ एक प्रदर्शनी नहीं है, बल्कि यह एक शिक्षा का केंद्र है जो आने वाली पीढ़ियों को यह सिखाएगी कि आजादी और सुरक्षा की कीमत क्या होती है। यह उन सैनिकों के लिए एक स्थायी स्मारक है जिन्होंने देश की सेवा में अपना सब कुछ न्यौछावर कर दिया।