आधार कार्ड अपडेट: अब घर बैठे बदलें मोबाइल नंबर, आधार सेंटर जाने का झंझट खत्म
भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (UIDAI) जल्द ही एक बड़ी सुविधा शुरू करने जा रहा है। अब आपको आधार कार्ड में अपना मोबाइल नंबर अपडेट करने या बदलने के लिए आधार सेवा केंद्र की लंबी लाइनों में लगने की जरूरत नहीं होगी। दिसंबर 2025 की रिपोर्ट्स के अनुसार, यह काम अब घर बैठे ऑनलाइन किया जा सकेगा। जानिए इस नई प्रक्रिया और इसके फायदों के बारे में।
नई दिल्ली: भारत में आधार कार्ड (Aadhaar Card) आज के समय में केवल एक पहचान पत्र नहीं, बल्कि हर सरकारी और गैर-सरकारी काम की चाबी बन चुका है। बैंक खाता खुलवाने से लेकर आईटीआर (ITR) भरने तक, हर जगह आधार की जरूरत होती है। लेकिन, आधार उपयोगकर्ताओं के लिए सबसे बड़ी सिरदर्दी रही है—मोबाइल नंबर अपडेट करना।
अब तक, यदि आपको अपने आधार में पता (Address) बदलना हो, तो वह ऑनलाइन हो जाता था। लेकिन मोबाइल नंबर बदलने या अपडेट करने के लिए आपको बायोमेट्रिक सत्यापन के लिए आधार सेवा केंद्र (Aadhaar Seva Kendra) या एनरोलमेंट सेंटर जाना अनिवार्य था। वहां लंबी लाइनों और टोकन के इंतजार ने आम आदमी को हमेशा परेशान किया है।
लेकिन अब, दिसंबर 2025 की ताजा रिपोर्ट्स के मुताबिक, UIDAI (भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण) एक क्रांतिकारी बदलाव लाने जा रहा है। जल्द ही आप अपने आधार कार्ड में मोबाइल नंबर को पूरी तरह से ऑनलाइन और घर बैठे अपडेट कर सकेंगे।
क्या है नई अपडेट? (The Big Update)
वित्तीय और तकनीकी समाचारों के अनुसार, सरकार और UIDAI एक ऐसी प्रणाली पर काम कर रहे हैं जो नागरिकों को अपने घरों के आराम से मोबाइल नंबर लिंक करने या बदलने की अनुमति देगी। इस कदम का उद्देश्य 'डिजिटल इंडिया' मिशन को और मजबूत करना और नागरिकों को कतारों से मुक्ति दिलाना है।
इस नई सुविधा के तहत, उपयोगकर्ताओं को किसी भी भौतिक केंद्र (Physical Centre) पर जाने की आवश्यकता नहीं होगी। यह प्रक्रिया पूरी तरह से डिजिटल और संपर्क रहित (Contactless) होने की उम्मीद है।
यह कैसे काम करेगा? (Expected Process)
हालांकि UIDAI ने अभी तक विस्तृत दिशा-निर्देश (Guidelines) सार्वजनिक नहीं किए हैं, लेकिन तकनीकी विशेषज्ञों का मानना है कि यह प्रक्रिया फेस ऑथेंटिकेशन (Face Authentication) तकनीक पर आधारित हो सकती है।
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स्मार्टफोन का उपयोग: उपयोगकर्ता को एक स्मार्टफोन की आवश्यकता होगी।
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UIDAI ऐप/पोर्टल: संभवतः आपको UIDAI की आधिकारिक वेबसाइट या mAadhaar ऐप का उपयोग करना होगा।
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फेस स्कैन: बायोमेट्रिक मशीनों पर अंगूठा लगाने के बजाय, यह सिस्टम आपके फोन के कैमरे का उपयोग करके आपके चेहरे को स्कैन करेगा और इसे आधार डेटाबेस में मौजूद आपकी फोटो से मैच करेगा।
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लाइवनेस डिटेक्शन: सुरक्षा के लिए, यह सुनिश्चित किया जाएगा कि व्यक्ति लाइव है (ताकि कोई फोटो दिखाकर सिस्टम को धोखा न दे सके)।
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नंबर अपडेट: सफल सत्यापन के बाद, आप अपना नया मोबाइल नंबर दर्ज कर सकेंगे, जिस पर एक ओटीपी (OTP) आएगा और प्रक्रिया पूरी हो जाएगी।
अभी तक क्या थी व्यवस्था?
वर्तमान में (या इस अपडेट से पहले), आधार में मोबाइल नंबर अपडेट करने की प्रक्रिया काफी जटिल थी:
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आपको आधार केंद्र जाना पड़ता था।
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वहां एक फॉर्म भरना होता था।
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बायोमेट्रिक (फिंगरप्रिंट और आईरिस स्कैन) देना होता था।
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इसके लिए लगभग ₹50 का शुल्क देना होता था और कई दिनों तक अपडेशन का इंतजार करना पड़ता था।
नई व्यवस्था में यह सब खत्म हो जाएगा, जिससे समय और ऊर्जा दोनों की बचत होगी।
मोबाइल नंबर लिंक होना क्यों जरूरी है?
आधार से मोबाइल नंबर लिंक होना आज के डिजिटल युग में अनिवार्य हो गया है। इसके बिना आप कई सुविधाओं से वंचित रह सकते हैं:
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बैंकिंग: बैंक खाते से आधार लिंक करने के लिए ओटीपी की जरूरत होती है।
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EPF निकासी: पीएफ का पैसा निकालने के लिए मोबाइल लिंक होना जरूरी है।
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इनकम टैक्स: ई-वेरिफिकेशन के लिए आधार ओटीपी चाहिए।
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सरकारी योजनाएं: पीएम किसान, राशन कार्ड और अन्य सब्सिडी का लाभ उठाने के लिए।
सुरक्षा और सतर्कता (Safety Concerns)
जहां यह सुविधा एक बड़ा वरदान है, वहीं इसमें साइबर सुरक्षा का भी ध्यान रखना होगा। चूंकि यह प्रक्रिया ऑनलाइन होगी, इसलिए साइबर ठग इसका फायदा उठाने की कोशिश कर सकते हैं।
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फर्जी लिंक से बचें: हमेशा UIDAI की आधिकारिक वेबसाइट (.gov.in) का ही उपयोग करें।
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ओटीपी शेयर न करें: कोई भी अधिकारी आपसे फोन पर ओटीपी नहीं मांगता।
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फेस स्कैन: केवल आधिकारिक ऐप के माध्यम से ही फेस स्कैन करें।
निष्कर्ष
UIDAI का यह कदम, यदि पूरी तरह से लागू हो जाता है, तो यह करोड़ों भारतीय नागरिकों के लिए एक बड़ी राहत होगी। यह न केवल 'ईज ऑफ लिविंग' (Ease of Living) को बढ़ावा देगा, बल्कि आधार प्रणाली को और अधिक सुलभ और उपयोगकर्ता के अनुकूल (User-friendly) बनाएगा। अब बस इंतजार है इस सुविधा के आधिकारिक रूप से लाइव होने का, ताकि आम जनता लाइनों से मुक्त होकर डिजिटल आजादी का अनुभव कर सके।