भारत-चीन संबंधों में सुधार: NSA डोभाल ने वांग यी से की मुलाकात

राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल और चीनी विदेश मंत्री वांग यी के बीच हुई महत्वपूर्ण बातचीत में दोनों देशों ने सीमा पर शांति और द्विपक्षीय संबंधों को बेहतर बनाने पर जोर दिया। यह बैठक भारत-चीन संबंधों में एक सकारात्मक मोड़ का संकेत है।

Aug 19, 2025 - 19:30
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भारत-चीन संबंधों में सुधार: NSA डोभाल ने वांग यी से की मुलाकात
भारत-चीन संबंधों में सुधार के संकेत: NSA अजीत डोभाल और चीनी विदेश मंत्री वांग यी ने की अहम मुलाकात

राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) अजीत डोभाल ने हाल ही में चीनी विदेश मंत्री वांग यी से मुलाकात की, जिसे दोनों देशों के बीच संबंधों को सामान्य करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है। इस बैठक में, डोभाल ने भारत-चीन संबंधों में "ऊपर की ओर रुझान" की प्रशंसा की और सीमा पर शांति और स्थिरता बनाए रखने के प्रयासों की सराहना की।

यह मुलाकात ऐसे समय में हुई है जब दोनों देश पिछले कुछ सालों से सीमा विवादों के कारण तनावपूर्ण संबंधों का सामना कर रहे हैं। डोभाल ने अपने बयान में कहा कि पिछले वर्ष चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बीच हुई बैठक ने द्विपक्षीय संबंधों के विकास के लिए एक नई दिशा दी है, और तब से दोनों देशों को इसका लाभ मिला है।

बैठक के दौरान, डोभाल ने सीमावर्ती क्षेत्रों में शांति और स्थिरता बनाए रखने के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि यह दोनों देशों के लिए बहुत महत्वपूर्ण है क्योंकि यह किसी भी सकारात्मक गति का आधार है। उन्होंने आगे कहा कि "दोनों देशों के लोगों के हित में नहीं है कि वे अतीत की समस्याओं में उलझे रहें।"

वांग यी ने भी इस बात पर जोर दिया कि भारत और चीन को रणनीतिक मार्गदर्शन का पालन करना चाहिए, आपसी विश्वास बढ़ाना चाहिए, और सहयोग को बढ़ावा देना चाहिए ताकि दोनों देशों के बीच संबंधों में सुधार हो सके। उन्होंने कहा कि "इतिहास और वास्तविकता यह साबित करते हैं कि भारत और चीन के बीच एक स्वस्थ संबंध दोनों देशों के दीर्घकालिक हितों को पूरा करता है।"

यह बैठक इसलिए भी खास है क्योंकि यह सीमा विवाद पर विशेष प्रतिनिधियों की वार्ता का 24वां दौर था। इस वार्ता में, दोनों पक्षों ने सीमा पर समग्र स्थिति की समीक्षा की और भविष्य के लिए विश्वास बहाली के उपायों पर चर्चा की।

इस महत्वपूर्ण मुलाकात के बाद, उम्मीद की जा रही है कि दोनों देशों के बीच विभिन्न क्षेत्रों में सहयोग बढ़ेगा, जिसमें आर्थिक और व्यापारिक मुद्दे, लोगों से लोगों के बीच संपर्क, और कनेक्टिविटी शामिल हैं। यह बैठक प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी की आगामी शंघाई सहयोग संगठन (SCO) शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए चीन यात्रा से ठीक पहले हुई है

इस तरह की उच्च-स्तरीय बातचीत दर्शाती है कि दोनों देश अपने संबंधों को फिर से पटरी पर लाने के लिए प्रतिबद्ध हैं। सीमा पर शांति बनाए रखना और द्विपक्षीय संबंधों को सामान्य करना दोनों एशियाई दिग्गजों के लिए महत्वपूर्ण है ताकि वे मिलकर वैश्विक चुनौतियों का सामना कर सकें।