संभाजीनगर जल परियोजना: ₹630 करोड़ की लागत वृद्धि पर विवाद

छत्रपति संभाजीनगर की महत्वाकांक्षी जल आपूर्ति परियोजना (Water Supply Project) की लागत में ₹630 करोड़ की भारी वृद्धि के प्रस्ताव पर विवाद खड़ा हो गया है। AIMIM सांसद इम्तियाज जलील ने इस कदम का कड़ा विरोध करते हुए इसे "जनता के पैसे की लूट" बताया है और मुख्यमंत्री से हस्तक्षेप की मांग की है।(A controversy has erupted over a proposed ₹630 crore cost escalation in Chhatrapati Sambhajinagar's ambitious water supply project. AIMIM MP Imtiaz Jaleel has strongly opposed the move, calling it a "loot of public money" and demanding the Chief Minister's intervention.)

Nov 17, 2025 - 19:48
Nov 17, 2025 - 19:49
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संभाजीनगर जल परियोजना: ₹630 करोड़ की लागत वृद्धि पर विवाद
संभाजीनगर जल आपूर्ति परियोजना: ₹630 करोड़ की लागत वृद्धि के प्रस्ताव पर घमासान, सांसद जलील ने जताई आपत्ति

छत्रपति संभाजीनगर शहर की पेयजल समस्या के स्थायी समाधान के लिए शुरू की गई ₹2,858 करोड़ की महत्वाकांक्षी जल आपूर्ति परियोजना अब एक बड़े विवाद में घिर गई है। परियोजना पर काम कर रहे ठेकेदार और परियोजना प्रबंधन सलाहकार (PMC) ने कथित तौर पर परियोजना की लागत में ₹630 करोड़ की भारी वृद्धि का प्रस्ताव दिया है, जिसने शहर के राजनीतिक और सामाजिक हलकों में खलबली मचा दी है।

इस प्रस्तावित वृद्धि का AIMIM सांसद इम्तियाज जलील ने कड़ा विरोध किया है। उन्होंने इस कदम को "अन्यायपूर्ण" और "जनता के पैसे की खुली लूट" करार देते हुए सीधे मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर हस्तक्षेप की मांग की है।

क्या है पूरा मामला?

छत्रपति संभाजीनगर शहर लंबे समय से पानी की किल्लत से जूझ रहा है। इस समस्या के समाधान के लिए, महाराष्ट्र जीवन प्राधिकरण (MJP) के माध्यम से एक नई जल आपूर्ति योजना लागू की जा रही है, जिसका ठेका जीवीपीआर इंजीनियर्स (GVPR Engineers) को दिया गया है।

रिपोर्टों के अनुसार, ठेकेदार और पीएमसी ने MJP को एक प्रस्ताव सौंपा है, जिसमें परियोजना की लागत में ₹630 करोड़ की वृद्धि की मांग की गई है। इस वृद्धि के पीछे कई कारण बताए गए हैं, जिनमें शामिल हैं:

  • परियोजना के लिए भूमि अधिग्रहण (Land Acquisition) में कथित देरी।

  • कच्चे माल, विशेष रूप से पाइपों की कीमतों में वृद्धि।

  • परियोजना के दायरे में बदलाव, जैसे मूल रूप से नियोजित 100 के बजाय 102 जल भंडारों (Water Tanks) का निर्माण।

सांसद इम्तियाज जलील का कड़ा विरोध

सांसद इम्तियाज जलील ने इस लागत वृद्धि को सिरे से खारिज कर दिया है। उन्होंने मुख्यमंत्री को लिखे अपने पत्र में कई गंभीर सवाल उठाए हैं:

  1. टेंडर की शर्तें: जलील ने तर्क दिया कि ठेकेदार को यह टेंडर अनुमानित लागत से कम दर (Below Rate) पर दिया गया था। निविदा शर्तों के अनुसार, यदि ठेकेदार अनुमानित लागत से कम पर काम लेता है, तो उसे भविष्य में कच्चे माल की कीमतों में होने वाली किसी भी वृद्धि का जोखिम खुद उठाना पड़ता है।

  2. भूमि अधिग्रहण का दावा: उन्होंने भूमि अधिग्रहण में देरी के दावे को "भ्रामक" बताया। जलील के अनुसार, जायकवाड़ी बांध (Jayakwadi dam) के पास की जमीन पहले से ही सरकार के पास उपलब्ध थी और इसे सौंपने में कोई बड़ी देरी नहीं हुई।

  3. जनता पर बोझ: उन्होंने कहा कि यह ₹630 करोड़ का अतिरिक्त बोझ अंततः शहर की जनता पर पड़ेगा, जो पहले से ही पानी के संकट से त्रस्त है।

जलील ने इस प्रस्ताव को "चौंकाने वाला" बताते हुए चेतावनी दी है कि यदि इस "अन्यायपूर्ण" लागत वृद्धि को मंजूरी दी गई, तो वे इसके खिलाफ सड़क पर उतरकर विरोध प्रदर्शन करेंगे।

MJP का आधिकारिक रुख

इस बीच, MJP के अधिकारियों ने पुष्टि की है कि उन्हें ठेकेदार और पीएमसी से लागत वृद्धि का प्रस्ताव मिला है। MJP के एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार, यह प्रस्ताव फिलहाल "जांच के दायरे में" (under scrutiny) है और इस पर कोई अंतिम निर्णय नहीं लिया गया है। अधिकारियों का कहना है कि प्रस्ताव के हर पहलू की बारीकी से जांच की जाएगी, जिसके बाद ही कोई कदम उठाया जाएगा।

यह परियोजना छत्रपति संभाजीनगर के भविष्य के लिए महत्वपूर्ण है। शहरवासी उम्मीद कर रहे हैं कि यह परियोजना भ्रष्टाचार या विवादों की भेंट चढ़े बिना समय पर पूरी हो, लेकिन ₹630 करोड़ की इस अतिरिक्त मांग ने परियोजना के भविष्य पर एक बड़ा प्रश्नचिह्न लगा दिया है।