अजंता-एलोरा गुफाएं: ASI कर्मचारियों और गाइड्स की जांच की मांग, पर्यटकों से बदसलूकी का वीडियो वायरल

अजंता-एलोरा गुफाओं में पर्यटकों के साथ दुर्व्यवहार के दो वायरल वीडियो सामने आने के बाद, ASI कर्मचारियों और टूर गाइड्स की जांच की मांग उठी है। विरासत विशेषज्ञों ने यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल पर सख्त निगरानी की अपील की है। जानिए क्या है पूरा मामला और प्रशासन की प्रतिक्रिया।

Dec 2, 2025 - 20:37
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अजंता-एलोरा गुफाएं: ASI कर्मचारियों और गाइड्स की जांच की मांग, पर्यटकों से बदसलूकी का वीडियो वायरल
अजंता-एलोरा की साख पर बट्टा: पर्यटकों से बदसलूकी के वीडियो वायरल, ASI स्टाफ और गाइड्स की जांच की उठी मांग

छत्रपति संभाजीनगर: यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल (UNESCO World Heritage Site) अजंता और एलोरा की गुफाएं, जो अपनी वास्तुकला और ऐतिहासिक महत्व के लिए दुनिया भर में प्रसिद्ध हैं, इन दिनों एक गलत वजह से सुर्खियों में हैं। सोशल मीडिया पर दो वीडियो वायरल होने के बाद, जिनमें भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) के एक कर्मचारी और एक अधिकृत टूर गाइड द्वारा पर्यटकों के साथ अनुचित व्यवहार करते हुए दिखाया गया है, हेरिटेज विशेषज्ञों और पर्यटन हितधारकों ने कड़ी कार्रवाई की मांग की है।

इन घटनाओं ने न केवल स्थानीय पर्यटन क्षेत्र की छवि को धूमिल किया है, बल्कि विश्व धरोहर स्थल पर पर्यटकों की सुरक्षा और अनुभव को लेकर भी गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।

वायरल वीडियो में क्या दिखा?

  1. पहला वीडियो: एक वीडियो में एक महिला पर्यटक गुफा परिचर (Cave Attendant) पर गंभीर आरोप लगा रही है। उसका कहना है कि गुफाएं दिखाते समय कर्मचारी ने उस पर आपत्तिजनक इशारे (Objectionable Gestures) किए। महिला ने यह भी दावा किया कि ASI परिचर ने कम पैसों में गाइड बनने की पेशकश की थी, जो कि नियमों के खिलाफ है।

  2. दूसरा वीडियो: दूसरे वीडियो में एक पुरुष पर्यटक एक अधिकृत टूर गाइड से बहस करता नजर आ रहा है। पर्यटक का आरोप है कि गाइड पर्यटकों को गलत और आपत्तिजनक जानकारी दे रहा था, जो ऐतिहासिक तथ्यों से मेल नहीं खाती।

विशेषज्ञों और पर्यटन संस्थाओं की प्रतिक्रिया

इतिहास विशेषज्ञ संजय पाईकराव ने इन घटनाओं को गंभीरता से लेते हुए तत्काल जांच की मांग की है। उन्होंने कहा, "ये कथित घटनाएं नजरअंदाज नहीं की जानी चाहिए। अधिकारियों को तुरंत कार्रवाई करनी चाहिए और जांच के आदेश देने चाहिए। हमारे पर्यटन क्षेत्र की छवि को बचाना हम सबकी सामूहिक जिम्मेदारी है।"

औरंगाबाद टूरिज्म डेवलपमेंट फाउंडेशन (ATDF) के अध्यक्ष जसवंत सिंह ने कहा कि उन्होंने पर्यटन मंत्रालय को सूचित कर दिया है और एलोरा तथा अजंता गुफाओं में प्रशिक्षित टूर गाइड्स की संख्या बढ़ाने का अनुरोध किया है। उन्होंने जोर देकर कहा कि विश्व धरोहर स्थलों पर कर्मचारियों और पर्यटकों की गतिविधियों की प्रभावी निगरानी होनी चाहिए।

प्रशासन की चुप्पी और आगे की राह

फिलहाल, ASI के शीर्ष अधिकारियों की ओर से कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है। हालांकि, इन वीडियो ने पर्यटन विभाग और स्थानीय प्रशासन को हिलाकर रख दिया है।

पर्यटन किसी भी क्षेत्र की अर्थव्यवस्था की रीढ़ होता है। अजंता-एलोरा जैसी जगहों पर, जहां दुनिया भर से लोग आते हैं, वहां इस तरह की घटनाएं अस्वीकार्य हैं। यह समय है कि प्रशासन न केवल इन विशिष्ट मामलों की जांच करे बल्कि गाइडों और कर्मचारियों के लिए सख्त आचार संहिता (Code of Conduct) और नियमित प्रशिक्षण भी सुनिश्चित करे। साथ ही, गुफा परिसरों में सीसीटीवी कैमरों और निगरानी को बढ़ाने की जरूरत है ताकि पर्यटक सुरक्षित महसूस कर सकें।

यह विवाद एक अनुस्मारक है कि ऐतिहासिक धरोहरों का संरक्षण केवल पत्थरों को बचाने तक सीमित नहीं है, बल्कि वहां आने वाले अतिथियों के सम्मान और अनुभव को सुरक्षित रखना भी उतना ही महत्वपूर्ण है।